Lok Sabha Election: हिमाचल प्रदेश में भाजपा के सामने पिछला प्रदर्शन दोहराने की चुनौती, कांग्रेस साख बचाने को बेताब

Lok Sabha Election: पिछले राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस को विधानसभा में बहुमत होने के बावजूद हार का सामना करना पड़ा था। ऐसे में लोकसभा चुनाव पार्टी के लिए प्रतिष्ठा की जंग बन गया है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update: 2024-04-27 05:12 GMT

Lok Sabha Election 2024  (photo: social media )

Lok Sabha Election 2024: हिमाचल प्रदेश के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पिछले दो चुनावों से एक भी सीट हासिल नहीं कर सकी है। राज्य में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने भाजपा को करारा झटका दिया था और अब लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के सामने साख बचाने की बड़ी चुनौती है। पिछले राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस को विधानसभा में बहुमत होने के बावजूद हार का सामना करना पड़ा था। ऐसे में लोकसभा चुनाव पार्टी के लिए प्रतिष्ठा की जंग बन गया है।

दूसरी ओर भाजपा के सामने पिछले दो लोकसभा चुनावों जैसा प्रदर्शन करने का बड़ा दबाव है। पिछले दो चुनावों में पार्टी राज्य की चारों सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब हुई थी और इस बार भी पार्टी ने राज्य की चारों सीटों पर जीत हासिल करने के लिए पूरी ताकत लगा रखी है।

दो सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशियों का इंतजार

चुनाव आयोग ने इस बार लोकसभा चुनाव के लिए सात चरणों वाला कार्यक्रम निर्धारित किया है। हिमाचल प्रदेश में मतदान आखिरी चरण में एक जून को होने वाला है। चुनाव प्रचार के लिए अभी पार्टियों के पास वक्त बचा हुआ है मगर भाजपा ने सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित करते हुए प्रचार अभियान शुरू कर दिया है। पार्टी ने छह विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए भी अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी है।

दूसरी ओर कांग्रेस अभी तक सिर्फ शिमला और मंडी लोकसभा सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नाम तय कर सकी है जबकि हमीरपुर और कांगड़ा में अभी तक पार्टी प्रत्याशियों के नाम घोषित नहीं किए गए हैं। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की ओर से बाकी बची दो सीटों पर भी मंथन किया जा रहा है और प्रत्याशियों के नामों की घोषणा जल्द ही कर दी जाएगी। माना जा रहा है कि कांग्रेस की ओर से दो और प्रत्याशियों के ऐलान के बाद राज्य में प्रचार अभियान तेज होगा।

कांग्रेस पर भारी पड़ती रही है भाजपा

वैसे यदि राज्य के पिछले तीन लोकसभा चुनावों को देखा जाए तो भाजपा मजबूत स्थिति में नजर आती है। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने राज्य की सभी चारों लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की थी। 2009 के लोकसभा चुनाव में पार्टी तीन सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब हुई थी जबकि एक सीट पर कांग्रेस को जीत मिली थी। राज्य की हमीरपुर लोकसभा सीट पर पार्टी 1998 से लगातार जीत हासिल कर रही है।

शिमला संसदीय सीट को कभी कांग्रेस का गढ़ माना जाता था मगर पिछले तीन चुनावों में भाजपा ने इस सीट पर जीत हासिल करके कांग्रेस को बैकफुट पर धकेल दिया है। ऐसे में कांग्रेस के पास इस बार के लोकसभा चुनाव में अपनी ताकत दिखाते हुए खुद को स्थापित करने का बड़ा मौका है।

राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस को लगा था झटका

वैसे मौजूदा समय में राज्य के सियासी हालात बदले हुए हैं। पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने 40 सीटों पर जीत हासिल की थी जबकि भाजपा सिर्फ 25 सीटों पर ही सिमट गई थी। हालांकि यह भी सच्चाई है कि कई सीटों पर भाजपा को काफी कम वोटों से हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद पिछले दिनों हुए राज्यसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने बहुमत न होने के बावजूद कांग्रेस को शिकायत देकर सनसनी फैला दी थी।

कांग्रेस के छह विधायकों ने बागी तेवर अपना लिया था जबकि तीन निर्दलीय प्रत्याशियों का भी समर्थन भाजपा को हासिल हुआ था। इस कारण कांग्रेस प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी को हार का सामना करना पड़ा था। अब इन छह विधायकों की विधानसभा सदस्यता रद्द की जा चुकी है और उनकी सीटों पर भी लोकसभा चुनाव के साथ ही एक जून को मतदान होने वाला है।

मंडी लोकसभा सीट पर सबकी निगाहें

इस बार के लोकसभा चुनाव में सबकी निगाहें मंडी लोकसभा क्षेत्र पर लगी हुई हैं। भाजपा ने इससीट पर बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत को चुनाव मैदान में उतारा है। दूसरी ओर कांग्रेस ने कैबिनेट मंत्री और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। विक्रमादित्य के पिता वीरभद्र सिंह छह बार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे और उनकी मां प्रतिभा सिंह मौजूदा समय में हिमाचल प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष हैं। विक्रमादित्य राज्य की सुक्खू सरकार में कद्दावर मंत्री माने जाते हैं।

शिमला ग्रामीण विधानसभा सीट से दो बार विधायक रहे विक्रमादित्य सिंह मंडी लोकसभा क्षेत्र के लिए नए नहीं है। उनके पिता और मां ने तीन-तीन बार इस लोकसभा सीट पर जीत हासिल की है। 2021 के उपचुनाव के दौरान भी उन्होंने इस लोकसभा क्षेत्र में अपनी मां का प्रचार किया था।

भाजपा की ओर से प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद से ही कंगना मंडी लोकसभा क्षेत्र में सक्रिय हैं मगर विक्रमादित्य को चुनाव मैदान में उतारे जाने से इस लोकसभा सीट पर दिलचस्प मुकाबला होने की संभावना है। कंगना रनौत युवा मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने की कोशिश में जुटी हैं मगर विक्रमादित्य भी उन्हें कड़ी चुनौती दे रहे हैं। ऐसे में इस सीट पर हाईप्रोफाइल मुकाबले की उम्मीद है।

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