Chirag Paswan: चिराग का हाजीपुर सीट से ही चुनाव लड़ने का बड़ा ऐलान, अब चाचा पशुपति पारस पर टिकीं सबकी निगाहें

Lok Sabha Election 2024 : जमुई से सांसद चिराग पासवान ने आज ऐलान किया कि वे अपने पिता रामविलास पासवान की परंपरागत सीट हाजीपुर से ही चुनाव लड़ेंगे।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update: 2024-03-20 07:47 GMT

Chirag Paswan   (photo: social media )

Lok Sabha Election 2024: लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के मुखिया चिराग पासवान ने अगला लोकसभा चुनाव हाजीपुर सीट से लड़ने का बड़ा ऐलान किया है। हाजीपुर सीट को लेकर उनकी अपने चाचा पशुपति पारस के साथ लंबे समय से खींचतान चल रही थी। हालांकि दो दिन पूर्व एनडीए में हुए सीट बंटवारे में चिराग पांच सीटें हासिल करने में कामयाब रहे जबकि पशुपति पारस के हाथ कुछ भी नहीं लगा है।

मौजूदा समय में जमुई से सांसद चिराग पासवान ने आज ऐलान किया कि वे अपने पिता रामविलास पासवान की परंपरागत सीट हाजीपुर से ही चुनाव लड़ेंगे। 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान इस सीट से उनके चाचा पशुपति पारस ने जीत हासिल की थी। पारस एक बार भी हाजीपुर से ही चुनाव लड़ने पर अड़े हुए थे। ऐसे में यह देखने वाली बात होगी कि अब पारस अपने भतीजे के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरते हैं या नहीं।

हाजीपुर सीट पर रामविलास की नौ बार जीत

बिहार की हाजीपुर लोकसभा सीट को रामविलास पासवान का गढ़ माना जाता रहा है और उन्होंने इस लोकसभा सीट से नौ बार चुनाव जीता था। 1977 के लोकसभा चुनाव में रामविलास पासवान ने जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में इस सीट पर पहली जीत हासिल की थी। अपने पहले चुनाव में ही उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार को करीब सवा चार लाख मतों से हराकर पूरे देश में सुर्खियां बटोरी थीं। इस बड़ी जीत के बाद उनका नाम गिनीज बुक में भी दर्ज किया गया था।

1984 और 2009 के लोकसभा चुनाव को छोड़कर रामविलास पासवान ने इस सीट पर हमेशा जीत हासिल की। उन्होंने सीट पर 9 बार जीत हासिल की। 2014 में उन्होंने आखिरी जीत हासिल की थी और इसके बाद वे राज्यसभा के सदस्य बन गए थे।

2019 में जीते थे पशुपति पारस

2019 के लोकसभा चुनाव में रामविलास पासवान अखाड़े में नहीं उतरे थे और उन्होंने इस सीट से अपने भाई पशुपति पारस को चुनाव लड़ाया था। पिछले चुनाव में जीत हासिल करने के बाद पशुपति पारस इस बार भी इस सीट से ही चुनाव मैदान में उतरने पर अड़े हुए थे। इस सीट को लेकर उनके और चिराग पासवान के बीच कई बार तीखी बयानबाजी भी हुई थी।

अब चाचा के फैसले पर सबकी निगाहें

हालांकि एनडीए में हुए सीट बंटवारे से पशुपति पारस को करारा झटका लगा है क्योंकि चिराग पासवान हाजीपुर समेत पांच सीटें हासिल करने में कामयाब रहे हैं। एनडीए के सीट बंटवारे में एक भी सीट न मिलने के बाद पशुपति पारस ने केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है और माना जा रहा है कि वे विपक्षी महागठबंधन में शामिल हो सकते हैं।

पशुपति पारस अपने सहयोगियों के साथ आगे की रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं। ऐसे में यह देखने वाली बात होगी कि वे अपने भतीजे के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरते हैं या नहीं।

जल्द होगा अन्य प्रत्याशियों का ऐलान

इस बीच चिराग पासवान ने हाजीपुर सीट से खुद लड़ने का ऐलान करते हुए कहा कि बाकी चार सीटों पर पार्टी प्रत्याशियों के नाम जल्द ही तय कर दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि वे अगले चार-पांच दिनों के भीतर अपने सभी प्रत्याशियों को लेकर फैसला कर लेंगे।

चिराग पासवान ने कहा कि एनडीए में सीट बंटवारे से पहले मुझे लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही थीं मगर उन अटकलों में तनिक भी दम नहीं था। सभी लोगों को पता है कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अलग होने की बात नहीं सोच सकता।

उन्होंने कहा कि मुझे तो पीएम मोदी का हनुमान कहा जाता है और सोचिए यह नाम मेरे लिए कितना बड़ा है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य 400 पार का है और हम यह लक्ष्य हासिल करने में कामयाब होंगे।

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