‘भारत की प्रगति हो जाएगी शून्य, मध्यम व आकांक्षी वर्ग होंगे…', 'Inheritance Tax' पर निर्मला सीतारमण का कांग्रेस को जवाब

Sam Pitroda Controversy: भारत में विरासत कर सीधे मध्यम वर्ग को प्रभावित करता है। यह सीधे आकांक्षी वर्ग को प्रभावित करता है। वे कड़ी मेहनत करते हैं, अपना पसीना बहाते हैं और उनकी मेहनत छोटे-छोटे तरीकों से बच जाती है।

Report :  Viren Singh
Update: 2024-04-26 04:15 GMT

Sam Pitroda Controversy (सोशल मीडिया) 

Sam Pitroda Controversy: देश की 88 सीटों पर लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण का मतदान जारी है। पोलिंग बूथों पर लोगों की लंबी लंबी लाइनें लगी हुई हैं और मतदाता उत्साह के साथ गर्मी को पीछे रखते हुए अपने मताधिकार का उपयोग कर रहे हैं। चुनावी तपशी से राजनीकित दल पहले से ही परेशान है, ऊपर इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने विरासत कर का मुद्दा छेड़कर कांग्रेस को और चुनावी तपशी में डाल दिया है। हालांकि कांग्रेस ने उनका निजी बयान बताने वाला पानी डालकर अपने आपको इस झुलस से बाहर निकलने की कोशिश कर रही है, लेकिन भाजपा निकलने नहीं दे रही है। जारी वोटिंग के बीच केंद्र वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सैम पित्रोदा के विरासत टैक्स पर जोरदार का पटलवार करते हुए कांग्रेस को अतीत का आईना दिखाया है।

सैम पित्रोदा के बयान पर निर्मला का पटलवार

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कर्नाटक के बेंगलुरु के बीईएस पोलिंग बूथ पर अपना वोट डाला। उसके बाद उन्होंने यहां पर मीडिया से बात की और इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा की टिप्पणी पर अपना विचार रखा। निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत में विरासत कर सीधे मध्यम वर्ग को प्रभावित करता है। यह सीधे आकांक्षी वर्ग को प्रभावित करता है। वे कड़ी मेहनत करते हैं, अपना पसीना बहाते हैं और उनकी मेहनत छोटे-छोटे तरीकों से बच जाती है। देश के आम लोग इधर-उधर की बचत के माध्यम से एक छोटा से अपने सपनों का घर खरीदते हैं। कुछ सावधि जमा रखते हैं, यह सब तथाकथित संपत्ति कर के संपर्क में आने वाला है।

1968 में सब कुछ छीन लिया जाता था

कांग्रेस पर तंज कसते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि संपत्ति कर के मामले में कांग्रेस की प्रतिष्ठा वापस चली जाती है, मुझे याद है कि पहले 1968 में एक अनिवार्य जमा योजना थी जिसमें लोगों की जमा राशि का 18% और 20% कुछ छीन लिया जाता था, उस समय कोई औचित्य नहीं बताया गया था। यदि ऐसे धन सृजनकर्ताओं को केवल इसलिए दंडित किया जाएगा अगर कुछ पैसा पीछे रखा जाए तो पिछले दस वर्षों में भारत की प्रगति शून्य हो जाएगी और हम शायद उस युग में वापस चले जाएंगे, जब कांग्रेस ने 90% कर लगाया था, आप शायद इस बात पर विश्वास नहीं करेंगे कि वर्तमान पीढ़ी इसके बारे में कुछ भी याद या पता नहीं होगा।

अपनी कमाई पर 90 फीसदी कर चुकाते थे

उन्होंने कह कि एक एक भारत था, जहां कांग्रेस शासन के तहत हम अपनी कमाई का 90% कर के रूप में चुकाते थे। यही समाजवादी मॉडल है, जिसके साथ कांग्रेस पार्टी सहज है। बता दें कि कर्नाटन में लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण की वोटिंग जारी है। 

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