Election 2024: प्रियंका को लेकर कांग्रेस की नई रणनीति, राहुल दोनों सीटों से जीते तो रायबरेली के उपचुनाव में उतारने की तैयारी
Lok Sabha Election 2024: प्रियंका को लेकर कांग्रेस की नई रणनीति,राहुल दोनों सीटों से जीते तो रायबरेली के उपचुनाव में उतारने की तैयारी
Lok Sabha Election 2024: उत्तर प्रदेश में गांधी परिवार का गढ़ मानी जाने वाली दो सीटों अमेठी और रायबरेली को लेकर कांग्रेस ने अपना रुख नामांकन के आखिरी दिन साफ किया। कांग्रेस की ओर से शुक्रवार की सुबह जारी की गई सूची में दो बातें काफी महत्वपूर्ण हैं। पहली बात यह कि पार्टी ने इस बार राहुल गांधी की सीट बदलते हुए उन्हें रायबरेली से चुनाव लड़ाने का फैसला किया है और दूसरी बात यह कि प्रियंका गांधी इस बार लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगी। अमेठी सीट से गांधी परिवार के लंबे समय से वफादार किशोरी लाल शर्मा को उम्मीदवार बनाया गया है।
इस बार के लोकसभा चुनाव में प्रियंका गांधी के रायबरेली में सोनिया गांधी की विरासत संभालने की अटकलें लगाई जा रही थीं मगर पार्टी ने इस सीट पर राहुल गांधी को चुनाव मैदान में उतार दिया है। वैसे जानकारों के मुताबिक प्रियंका गांधी को लेकर भी पार्टी ने एक रणनीति बना रखी है। राहुल गांधी इस बार वायनाड लोकसभा सीट से भी चुनाव लड़ रहे हैं और यदि उन्होंने दोनों सीटों से जीत हासिल की तो वे रायबरेली सीट से इस्तीफा दे देंगे और इसके बाद उपचुनाव में कांग्रेस की ओर से प्रियंका गांधी को उतारा जा सकता है।
चुनाव न लड़ने के पीछे प्रियंका की दलील
दरअसल प्रियंका गांधी इस बार के लोकसभा चुनाव में शुरुआत से ही यह दलील देती रही हैं कि वे खुद चुनाव लड़कर किसी चुनाव क्षेत्र में नहीं बंधना चाहतीं। उन्होंने रायबरेली लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के प्रति अनिच्छा दिखाई थी। उनका कहना था कि वे पूरे देश में कांग्रेस प्रत्याशियों की स्थिति मजबूत बनाने के लिए चुनाव प्रचार करना चाहती हैं।
रायबरेली से चुनाव लड़ने की स्थिति में उन्हें अपने चुनाव क्षेत्र में काफी वक्त देना होगा जिससे अन्य चुनाव क्षेत्रों में कांग्रेस प्रत्याशियों का चुनाव प्रचार बाधित होगा।
राहुल-प्रियंका पर ही प्रचार की मुख्य जिम्मेदारी
इस बार के लोकसभा चुनाव में सोनिया गांधी खराब स्वास्थ्य के कारण सक्रिय रूप से भागीदारी नहीं कर रही हैं। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पर ही कांग्रेस प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार की मुख्य रूप से जिम्मेदारी है। इसलिए कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने राहुल गांधी की सीट बदलकर उन्हें रायबरेली से चुनाव लड़ाने का फैसला किया क्योंकि अमेठी से चुनाव लड़ने की स्थिति में भाजपा की मजबूत उम्मीदवार स्मृति ईरानी के खिलाफ राहुल को अमेठी में कई दिनों तक डेरा डालना पड़ता।
प्रियंका गांधी को भी रायबरेली में भाजपा के मजबूत उम्मीदवार दिनेश प्रताप सिंह से दो-दो हाथ करने के लिए टाइम देना पड़ता। पहला चुनाव होने के कारण प्रियंका गांधी कोई रिस्क नहीं ले सकती थीं। ऐसी स्थिति में प्रियंका ने इस बार चुनाव मैदान से दूर रहने का फैसला लिया है।
प्रियंका के संबंध में कांग्रेस की बड़ी रणनीति
सियासी जानकारी का मानना है कि प्रियंका गांधी के बारे में कांग्रेस की सोची समझी रणनीति है। दरअसल 2019 के लोकसभा चुनाव की तरह इस बार भी राहुल गांधी दो लोकसभा सीटों से चुनाव मैदान में उतर रहे हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ने अमेठी और केरल की वायनाड लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था। अमेठी में उन्हें स्मृति ईरानी के खिलाफ चुनावी हार का सामना करना पड़ा था जबकि वायनाड लोकसभा सीट पर उन्होंने बड़ी जीत हासिल की थी।
अब 2024 की सियासी जंग में भी राहुल गांधी रायबरेली और वायनाड लोकसभा सीटों से चुनाव मैदान में होंगे। वायनाड लोक सभा सीट पर 26 अप्रैल को मतदान की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और वहां पर राहुल गांधी की स्थिति मजबूत बताई जा रही है।
अब राहुल गांधी रायबरेली लोकसभा सीट से भी चुनाव लड़ने जा रहे हैं। यहां भी भाजपा उम्मीदवार दिनेश प्रताप सिंह के मुकाबले उनकी स्थिति को मजबूत माना जा रहा है। जानकारों के मुताबिक यदि राहुल गांधी ने रायबरेली और वायानाड दोनों लोकसभा सीटों से जीत हासिल की तो ऐसी स्थिति में वे रायबरेली लोकसभा सीट से इस्तीफा देकर वायनाड सीट को बनाए रखेंगे। रायबरेली लोकसभा सीट पर उपचुनाव होने पर प्रियंका गांधी को कांग्रेस की ओर से चुनाव मैदान में उतारा जा सकता है।
उपचुनाव में लड़ना प्रियंका के लिए आसान
रायबरेली लोकसभा सीट पर उपचुनाव की स्थिति में प्रियंका गांधी पूरी मजबूती के साथ चुनाव मैदान में उतर सकती हैं। उस समय राहुल और प्रियंका दोनों के कंधों पर अन्य चुनाव क्षेत्रों में प्रचार करने की जिम्मेदारी भी नहीं होगी और ऐसी स्थिति में गांधी परिवार का पूरा फोकस रायबरेली सीट पर ही होगा। रायबरेली लोकसभा सीट से गांधी परिवार का आत्मीय रिश्ता रहा है।
सोनिया गांधी ने इस लोकसभा सीट से 2004 के बाद लगातार जीत हासिल की थी। हालांकि इस बार उन्होंने लोकसभा चुनाव की जंग से दूर रहने का फैसला किया था। सोनिया गांधी अब राजस्थान से राज्यसभा की सदस्य बन चुकी हैं।
रायबरेली से बना रहेगा गांधी परिवार का नाता
इसके बाद सोनिया ने रायबरेली के लोगों के नाम एक भावुक चिट्ठी भी लिखी थी। सोनिया गांधी ने रायबरेली के लोगों के नाम अपने भावुक विदाई संदेश में इस लोकसभा क्षेत्र से परिवार का नाता बने रहने का बड़ा इशारा किया था। इस चिट्ठी के बाद ही माना जा रहा था कि रायबरेली लोकसभा सीट से गांधी परिवार का कोई सदस्य ही चुनाव मैदान में उतरेगा।
अब कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी को रायबरेली के रण क्षेत्र में उतारने का ऐलान कर दिया गया है। दोनों सीटों से चुनाव जीतने की स्थिति में यदि उन्होंने रायबरेली की लोकसभा सीट छोड़ी तो फिर उपचुनाव में प्रियंका गांधी कांग्रेस की उम्मीदवार हो सकती हैं और ऐसे में इस लोकसभा क्षेत्र से गांधी परिवार का नाता आगे भी बना रहेगा।