Lok Sabha Election 2024: अब भी लापता है सूरत का कांग्रेस प्रत्याशी

Lok Sabha Election 2024: कांग्रेस पार्टी के कानूनी सेल के सदस्य और वकील ज़मीर शेख ने संकेत दिया था कि नीलेश कुंभानी द्वारा फॉर्म भरते समय कुछ गड़बड़ थी।

Written By :  Neel Mani Lal
Update: 2024-04-26 09:00 GMT

Nilesh Kumbhani  (photo: social media )

Lok Sabha Election 2024: भाजपा को वाकओवर देने वाले कांग्रेस पार्टी के सूरत निर्वाचन क्षेत्र के उम्मीदवार नीलेश कुंभानी से जुड़ा विवाद पांच दिनों के बाद भी थमने का नाम नहीं ले रहा है। उनकी पत्नी नीता कुंभानी ने मीडिया के सामने दावा किया कि उनके पति नीलेश कुंभानी अभी भी लापता हैं। नीता ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा - जब नीलेश घर से निकले तो उन्होंने मुझे बताया कि वह अहमदाबाद में गुजरात उच्च न्यायालय जा रहे हैं। और तब से उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है और वह लापता हैं। मुझे उनके ठिकाने के बारे में कोई जानकारी नहीं है।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि दो दिन पहले, कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनके पति की अनुपस्थिति में उनके आवास पर विरोध प्रदर्शन किया और नारे भी लगाए और घर पर ताला लगा दिया गया जबकि वह अपने बच्चों के लिए स्कूल की ड्रेस खरीदने के लिए बाहर गई थीं।

क्या हुआ था

जिला कलेक्टर और रिटर्निंग ऑफिसर ने कांग्रेस उम्मीदवार नीलेश कुंभानी का नामांकन इस आधार पर खारिज कर दिया था कि उनके प्रस्तावक जिला कलेक्टर के सामने पेश हुए थे और उन्होंने बाद में कहा था कि उन्होंने कुंभानी की उम्मीदवारी पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं और उनके हस्ताक्षर जाली हैं। कलेक्टर ने कुंभानी को अपनी उम्मीदवारी का समर्थन करने वाले समर्थकों के साथ आने के लिए 24 घंटे का समय दिया था, लेकिन वह ऐसा करने में विफल रहे।

कांग्रेस पार्टी के कानूनी सेल के सदस्य और वकील ज़मीर शेख ने संकेत दिया था कि नीलेश कुंभानी द्वारा फॉर्म भरते समय कुछ गड़बड़ थी। पार्टी सूत्रों ने कहा कि जमीर शेख ने राज्य इकाई के अध्यक्ष और अन्य नेताओं को सूचित किया था कि कुंभानी ने कानूनी मंजूरी के लिए अपना उम्मीदवारी फॉर्म नहीं दिखाया है। उन्हें शक था कि कुछ गड़बड़ है, लेकिन पार्टी नेताओं ने उनकी शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया। इस बीच कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता आगे आए और आरोप लगाया कि जाली हस्ताक्षर का कोई सवाल ही नहीं है, क्योंकि कुंभानी के रिश्तेदारों ने उनकी उम्मीदवारी के समर्थन में हस्ताक्षर किए थे, और जब उन्होंने फॉर्म पर हस्ताक्षर किए तो वे कुंभानी के कार्यालय में मौजूद थे।

पार्टी के अंदर इस बात को लेकर काफी चर्चा है कि कुछ वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी को धोखा दिया है और कुंभानी तो महज एक जरिया हैं। राज्य इकाई के उपाध्यक्ष कादिर पीरजादा ने स्थानीय मीडिया को बताया कि सूरत के एक नेता ने पार्टी को एक पाटीदार उम्मीदवार को नामित करने का सुझाव दिया था। लेकिन उन्होंने कभी भी नीलेश कुंभानी के नाम की सिफारिश नहीं की थी। उन्होंने दावा किया कि उन्हें इस बात का जरा भी अंदाजा नहीं था कि कुंभाणी इस तरह से पार्टी को धोखा देंगे।

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