CWC: ‘हमें 24 घंटे, 365 दिन लोगों के बीच रहना होगा, राहुल की यात्रा से कांग्रेस की बढ़ीं...’ खड़गे ने BJP सरकार पर कसा तंज

CWC Meeting: मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, कांग्रेस कार्यसमिति देश-भर में फैले कांग्रेस पार्टी के नेताओं और करोड़ों कार्यकर्ताओं का धन्यवाद करती है। जनता ने हम पर विश्वास व्यक्त कर के तानाशाही शक्तियों और संविधान विरोधी ताक़तों को कड़ा जवाब दिया है

Report :  Viren Singh
Update:2024-06-08 13:37 IST

CWC Meeting (सोशल मीडिया) 

CWC Meeting: 2019 की तुलना में इस बार के लोकसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन करने के बाद भी कांग्रेस सहित इंडिया गठबंधन केंद्र की सत्ता दूर रह गई। तीसरी बार केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तीसरी बार एनडीए की सरकार का कल गठन होने रहा है। पीएम मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेगें, इसके साथ कांग्रेस लगातार तीसरी बार विपक्ष की भूमिका में दिखाई देगा। हालांकि इस बार कांग्रेस कमजोर नहीं बल्कि मजबूत भूमिका में देखेगा। कांग्रेस को इस बार 2024 में 99 लोकसभा सीटें प्राप्त हुईं, जबकि 2019 में यह आंकड़ा करीब 52 था। लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद शनिवार को दिल्ली में कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) पहली बैठक हुई। बैठक में राहुल गांधी को विपक्ष दल का नेता बनाने की मांग भी उठी।

दिल्ली में हुई CWC की बैठक, ये लोग हुए शामिल

इस CWC की बैठक में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, सोनिया गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे सहित देश भर के तमाम नवनिर्वाचित सांसदों ने हिस्सा लिया। बैठक में विपक्ष दल के नेता के नाम का भी मंथन किया गया। कई कांग्रेसी नेताओं और सांसदों ने एक स्वर से विपक्ष के नेता के नाम पर राहुल गांधी के नाम पर सहमित जताई है। हालांकि इस पर कोई आधिकारिक ऐलान नहीं किया है, बल्कि बैठक खत्म हो गई है। सूत्रों की मानें तो बैठक में विपक्ष दल का नेता कौन होगा इस भी मंथन कर लिया गया है, लेकिन आधिकारिक घोषणा होना अभी बाकी है। CWC की बैठक खत्म होने के बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मीडिया में बैठक में हुई चर्चा के बारे में जानकारी दी।

तानाशाही शाक्तियों को जनता ने दिया जवाब

कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष खड़गे ने शनिवार को प्रेस वार्ता में कहा कि कांग्रेस कार्यसमिति देश-भर में फैले कांग्रेस पार्टी के नेताओं और करोड़ों कार्यकर्ताओं का धन्यवाद करती है। जनता ने हम पर विश्वास व्यक्त कर के तानाशाही शक्तियों और संविधान विरोधी ताक़तों को कड़ा जवाब दिया है और बीजेपी के 10 साल की विभाजनकारी, नफरत और ध्रुवीकरण की राजनीति को खारिज किया है। राहुल गांधी के नेतृत्व दो साल पहले 4 हजार किलोमीटर लंबा भारत जोड़ो यात्रा और फिर 6,600 किलोमीटर लंबी भारत जोड़ो न्याय यात्रा निकाली। इसी मदद से हम जनता से जुड़ने और उनकी समस्याओं, सरोकारों, और आकांक्षाओं को जानने में मदद मिला और इसी आधार पर पार्टी ने अपना चुनावी अभियान तैयार किया। साथ ही, संविधान, आर्थिक गैर बराबरी, बेरोजगारी और सामाजिक न्याय और सौहार्द्र जैसे मसलों को जन-जन का मुद्दा बना दिया। इसके लिए मैं राहुल गांधी को बधाई देना चाहता हूं। सोनिया गांधी और प्रिंयका गांधी को चुनाव में सक्रियता के लिए बधाई देता हूं।

राहुल गांधी की यात्रा से कांग्रेस को लाभ

उन्होंने कहा कि जहाँ से भारत जोड़ो यात्रा और भारत जोड़ो न्याय यात्रा गुज़री, वहां पर कांग्रेस पार्टी के वोट प्रतिशत और सीटों में बढ़ोतरी हुई। मणिपुर से न्याय यात्रा शुरू हुई, वहां हम दोनों सीटें जीते। नागालैंड, असम, मेघालय जैसे उत्तर-पूर्व के कई राज्यों में कांग्रेस को सीट मिली। महाराष्ट्र में हम सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरे। SC, ST, पिछड़े वर्ग, अल्पसंख्यक, और ग्रामीण क्षेत्रों में कांग्रेस पार्टी की सीटों में वृद्धि हुई। हमें आगे यह प्रयास करना है कि शहरी मतदाताओं के बीच हम अपना प्रभाव बनाए और इन इलाक़ों में भी पार्टी को मज़बूत करें। देशभर में कांग्रेस पार्टी को लोकतंत्र और संविधान बचाने के लिए लोगों का अपार समर्थन मिला।

इंडिया गठबंधन दलों को लेकर कही ये बात

उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों में कांग्रेस के अच्छे प्रदर्शन से शुख हैं, तो कुछ राज्यों में गौर करने की जरूरत है, जहां कांग्रेस की संभावनाओं और अपेक्षाओं के विपरीत परिणाम आए। हमने विधान सभा में अच्छा प्रदर्शन कर सरकार बनाई, लेकिन लोक सभा में उस प्रदर्शन को दोहरा नहीं पाए, इन सभी बातों पर हम जल्दी ही अलग से चर्चा करेंगे। इस बैठक में इंडिया गठबंधन के साथी दलों की सराहना करना चाहता हूं। विभिन्न राज्यों में सभी सहयोगी दलों ने अहम भूमिका निभाई, हर पक्ष ने यथासंभव योगदान दिया। उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन संसद और संसद के बाहर एकजुट होकर काम करेगा। जिन अहम मुद्दों पर हम चुनाव अभियान में गए वे आम जनता के सरोकार के मुद्दे हैं, इसलिए वे हमेशा हमारी ध्यान में रहेंगे। संसद और संसद के बाहर जनता के इन सवालों को हम लगातार उठाते रहेंगे। हम जनमत को विनम्रता से स्वीकार करते हैं।

सत्ता में रहें या नहीं, लोगों के बीच रहना होगा

खड़गे ने कहा कि चाहे हम सत्ता में हो या नहीं, हमें 24 घंटे, 365 दिन लोगों के बीच रहना होगा और जनता के मुद्दों को उठाना होगा। कुछ महीनों कई बड़े राज्यों में चुनाव हैं, हर कीमत पर विरोधी दलों (भाजपा) को परास्त कर सरकार बनानी होगी,क्योंकि लोग बदलाव चाहते हैं, हमें उनकी ताक़त बनना होगा।

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