Election Result 2024: दिल्ली में आप-कांग्रेस की दोस्ती भी हुई फेल, लगातार तीसरी बार BJP सातों सीटों पर क्यों पड़ी भारी

Election Result 2024: आप और कांग्रेस में भाजपा को चुनाव हारने के लिए हाथ तो जरूर मिला लिया मगर दोनों दलों के बीच मतदान की तारीख तक आपसी समन्वय नहीं दिख सका।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update: 2024-06-05 04:38 GMT

PM Modi ,Arvind Kejriwal, Rahul Gandhi (photo: social media )

Election Result 2024: राजधानी होने के कारण दिल्ली की सात लोकसभा सीटों पर पूरे देश की निगाहें लगी हुई थीं मगर भाजपा ने एक बार फिर राजधानी में क्लीन स्वीप करते हुए अपनी ताकत दिखा दी है। 2014 और 2019 के बाद भाजपा ने 2024 में भी राजधानी की सभी सीटों पर जीत हासिल की है। दिल्ली के अखाड़े में भाजपा को हराने के लिए इस बार आप और कांग्रेस ने हाथ भी मिलाया था मगर धुर विरोधी मानी जाने वाले इन दोनों पार्टियों की दोस्ती भी कोई असर नहीं दिखा सकी। राजधानी में भाजपा को मिली इस शानदार जीत और आप-कांग्रेस गठबंधन के फेल होने के कई कारण माने जा रहे हैं।

आप और कांग्रेस में नहीं दिखा समन्वय

आप और कांग्रेस में भाजपा को चुनाव हारने के लिए हाथ तो जरूर मिला लिया मगर दोनों दलों के बीच मतदान की तारीख तक आपसी समन्वय नहीं दिख सका। दोनों दलों के कार्यकर्ता सिर्फ अपनी पार्टी के प्रत्याशियों के क्षेत्रों में सक्रिय दिखे।

हालत यह थी कि आप कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आप प्रत्याशी को जीत दिलाने के लिए कोई सक्रियता नहीं दिखाई। इसी का नतीजा था कि मतदान के दिन तमाम केंद्रों पर बूथ कमेटियों के लोग पूरी तरह गायब दिखे। आप के जमीनी कार्यकर्ताओं में कांग्रेस से गठबंधन को लेकर नाराजगी भी दिखी।

गठबंधन को लेकर पैदा हुआ विवाद

दोनों दलों ने भाजपा के खिलाफ गठबंधन तो जरूर कर लिया मगर दोनों पार्टियों के नेताओं में विवाद की स्थिति बनी रही। आप पार्टी से गठबंधन का कांग्रेस में व्यापक विरोध दिखा। इसी का नतीजा था कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष समेत तमाम बड़े नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा देकर भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। आप से गठबंधन की घोषणा के बाद कांग्रेस में टिकटों को लेकर भी खासा विवाद पैदा हुआ।

आप और कांग्रेस के बीच इस खींचतान के कारण लोगों में काफी खराब संदेश गया। लोगों ने इस गठबंधन को भरोसे लायक नहीं समझा। दोनों दलों के बीच विवाद शांत होने पर आप सांसद स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट का प्रकरण सामने आ गया और इसका भी चुनाव पर काफी बुरा असर पड़ा। आम आदमी पार्टी इस पूरे प्रकरण को लेकर सवालों के घेरे में आ गई और माना जा रहा है कि महिला मतदाताओं ने इस गठबंधन को खासी चोट पहुंचाई।

राहुल की रैली में केजरीवाल को नहीं बुलाया

जानकारों का कहना है कि दिल्ली के लोकसभा चुनाव में जमीनी कार्यकर्ताओं के साथ ही पार्टी के बड़े नेताओं में भी समन्वय की भारी कमी दिखी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गठबंधन की चुनावी संभावनाओं को मजबूत बनाने के लिए दो रैलियों को संबोधित किया मगर इन दोनों रेलियों में आप मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को नहीं बुलाया गया।

दोनों पार्टियों के बीच समन्वय बनाए रखने के लिए कमेटियों का गठन किया गया था मगर इन कमेटियों ने सिर्फ औपचारिकता पूरी की। वास्तविक धरातल पर इन कमेटियों का कोई काम नहीं दिखा।

भाजपा ने दिखाई संगठन की ताकत

दूसरी ओर भाजपा ने मजबूत संगठन और मोदी सरकार की ओर से राजधानी में कराए विभिन्न कामों के दम पर आप-कांग्रेस गठबंधन को पीछे धकेल दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बार राजधानी में दो चुनावी सभाओं को संबोधित किया था। उन्होंने उत्तर पूर्वी दिल्ली और पश्चिमी दिल्ली में अपनी सभाएं की थीं और प्रचंड गर्मी के बावजूद इन दोनों सभाओं में काफी संख्या में लोग प्रधानमंत्री को सुनने के लिए पहुंचे थे।

इसके साथ ही भाजपा ने इस बार मनोज तिवारी को छोड़कर दिल्ली की बाकी सभी छह सीटों पर अपने प्रत्याशी बदल दिए थे। पुराने सांसदों के प्रति लोगों की शिकवा-शिकायत के बाद पार्टी की ओर से यह कदम उठाया गया था और यह कदम काफी कारगर साबित हुआ।

स्वाति मालीवाल प्रकरण भी पड़ गया भारी

दिल्ली में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा की अगुवाई में मार्च से ही पार्टी की ओर से प्रत्येक बूथ को मजबूत बनाने का काम शुरू कर दिया गया था। पार्टी ने एकजुट होकर एक इकाई के रूप में काम किया जिसका नतीजा सातों सीटों पर फिर जीत के साथ सामने आया है।

आप सांसद स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट और इस मामले में केजरीवाल के निजी सचिव विभव कुमार की गिरफ्तारी के मुद्दे को भी भाजपा ने काफी जोर-शोर से उठाया और इसके जरिए आप को घेरने की कोशिश की।

भाजपा के यह दांव भी चुनाव में काफी असर कारक साबित हुआ और पार्टी 2014 और 2019 के बाद 2024 में भी दिल्ली की सभी सातों सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब हुई।

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