Lok Sabha Election: देवरहा बाबा की भूमि से 35 साल से नहीं जीती कांग्रेस, टिकट के लिए दो नेताओं में होड़
Lok Sabha Election 2024: मुख्य रूप से कांग्रेस पार्टी के दो बड़े नेता इस सीट से टिकट के दावेदार माने जा रहे हैं। इस सीट से भारतीय जनता पार्टी के रमापति राम त्रिपाठी सांसद हैं।
Lok Sabha Election 2024: आगामी लोकसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी के लिए काफी चुनौतियां हैं। समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन कर कांग्रेस उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़ रही है। देवरिया लोकसभा की सीट इंडिया गठबंधन के तहत कांग्रेस के खाते में गई है। मुख्य रूप से कांग्रेस पार्टी के दो बड़े नेता इस सीट से टिकट के दावेदार माने जा रहे हैं। इस सीट से भारतीय जनता पार्टी के रमापति राम त्रिपाठी सांसद हैं।
टिकट के लिए दो बड़े दावेदार
कांग्रेस की ओर से देवरिया लोकसभा सीट से पार्टी के दो बड़े नेता टिकट मांग रहे हैं। जानकारी के मुताबिक देवरिया की रुद्रपुर विधानसभा सीट से विधायक रहे अखिलेश प्रताप सिंह देवरिया लोकसभा सीट से टिकट मांग रहे हैं। वह 2012 के विधानसभा चुनाव में जीते थे। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी हैं। इसके साथ ही कुशीनगर की तमकुही राज विधानसभा से पूर्व विधायक और पूर्व प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू भी इस सीट के टिकट के लिए मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
लोकसभा क्षेत्र का जातीय समीकरण
देवरिया लोकसभा क्षेत्र में ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या सर्वाधिक मानी जाती है। जानकारी के मुताबिक इस क्षेत्र में तकरीबन 27 फीसदी ब्राह्मण वोटर हैं। जिनके वोट चुनावों में काफी अहम भूमिका निभाते हैं। यहां अनुसूचित जाति के 14 और अल्पसंख्यक 12 प्रतिशत वोटर हैं। इसके साथ देवरिया लोकसभा सीट पर आठ फीसदी यादव और सैंथवार मतदाता हैं। पांच प्रतिशत क्षत्रिय और कुर्मी जाति के लोग हैं। 15 प्रतिशत अन्य जातियों के वोटर इस क्षेत्र में हैं।
1984 से नहीं जीती कांग्रेस
संत देवरहा बाबा की भूमि से कांग्रेस पार्टी को जीत दर्ज करना एक बड़ी चुनौती है। बड़ा कारण यह है कि 1984 के बाद से इस सीट से कोई भी कांग्रेस उम्मीदवार जीत नहीं हासिल कर सका है। आखिरी बार 1984 के आम चुनावों में कांग्रेस प्रत्याशी राजमंगल पांडेय ने जीत हासिल की थी। उसके बाद से अभी तक इस सीट से कांग्रेस पार्टी को निराशा ही हाथ लगी है। 1951 से अब तक 17 बार लोकसभा चुनाव हुए हैं। जिसमें 6 बार कांग्रेस और 4 बार भाजपा के उम्मीदवारों ने परचम लहराया है। दो बार समाजवादी पार्टी और एक बार बसपा भी चुनाव जीती है। चार बार अन्य दलों ने इस सीट पर कब्जा किया है।