Loksabha Chunav 2024: देवरिया लोकसभा सीट पर BJP और इंडिया गठबंधन में टक्कर, 1996 में पहली बार खिला कमल

Loksabha Election 2024 Deoria Seats : देवरिया सीट पर भाजपा का 4 जनता दल व समाजवादी पार्टी का 2 बार कब्जा रहा है। इसके अलावा बसपा ने भी इस सीट पर एक बार जीत दर्ज की है।

Written By :  Sandip Kumar Mishra
Update:2024-03-23 19:04 IST

Loksabha Chunav 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के तारीखों का ऐलान होते देश-प्रदेश में सियासत गरम हो गई है। लोकसभा चुनाव 7 चरणों में होंगे। उत्तर प्रदेश में भी मतदान 7 चरणों में होगा। यूपी में लोकसभा की 80 सीटों को जीतने के लिए भाजपा, बसपा समेत इंडिया गठबंधन समीकरण बैठाने में जुटे हुए हैं। देवरिया लोकसभा सीट पर यूपी के 7वें चरण में 1 जून को मतदान होगा। देवरिया लोकसभा सीट पर लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा के प्रत्याशी रमापति राम त्रिपाठी ने समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी गठबंधन के उम्मीदवार बिनोद कुमार जायसवाल को 2,49,931 मतों से हराकर जीत दर्ज की थी। रमापति राम त्रिपाठी को 5,80,644 और बिनोद कुमार जायसवाल को 3,30,713 वोट मिले थे। जबकि कांग्रेस के उम्मीदवार नियाज़ अहमद को 51,056 वोट मिले थे। देवरिया लोकसभा क्षेत्र का निर्वाचन संख्या 66 है। इसमें वर्तमान में 5 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। इस लोकसभा क्षेत्र का गठन देवरिया जिले के देवरिया सदर, पथरदेवा, रामपुर कारखाना और कुशीनगर जिले के तमकुही राज व फाजिल नगर विधानसभा क्षेत्रों को मिलाकर किया गया है। यह लोकसभा क्षेत्र 1951 में अस्तित्व में आया था। यहां कुल 17,54,195 मतदाता हैं। जिनमें से 7,96,646 पुरुष और 9,57,453 महिला मतदाता हैं। बता दें कि लोकसभा चुनाव 2019 में कुल 10,15,596 यानी कि 57.88 प्रतिशत मतदान हुआ था। भाजपा ने लोकसभा चुनाव 2024 में देवरिया सीट पर अभी तक उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं किया है। वहीं इंडिया गठबंधन और बसपा के भी उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं हुआ है।

देवरिया लोकसभा क्षेत्र का राजनीतिक इतिहास

देवरिया के बारे में माना जाता है कि इस शहर के नाम की उत्पत्ति ‘देवारण्य’ या ‘देवपुरिया’ से हुई थी अर्थात देवों का एरिया। प्रसिद्ध संत देवरहा बाबा की तपोभूमि भी है। देवरिया जिला मुख्यालय से करीब 45 किलोमीटर की दूरी पर सरयू नदी के तट पर उनका मठ है। जब इंदिरा गांधी सत्ता से बेदखल कर दी गईं थीं, तब वे यहां संत देवरहा बाबा का आशीर्वाद लेने के लिए पहुंची थीं। कहा जाता है उसी के बाद उनकी सत्ता में वापसी हुई थी। इसके अलावा यह धरती जनवादी विचारों के चर्चित क्रांतिकारी कवि गोरख पांडेय और समाजवादी चिंतक मोहन सिंह की उपज रही है। देवरिया लोकसभा सीट पर 1984 तक कांग्रेस का कब्जा रहा है। 1957 में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी से राम जी वर्मा सांसद चुने गए थे। लेकिन फिर कांग्रेस ने अपने आप को यहां मजबूत कर लिया। इंदिरा गांधी ने जब देश में इमरजेंसी लागू किया तो इस से नाराज लोगों ने 1977 में हुए चुनाव में कांग्रेस को फिर से हार का सामना करना पड़ा और भारतीय लोक दल से उग्रसेन सिंह ने जीत दर्ज की। लेकिन यह नाराजगी 3 साल में ही खत्म हो गई और लोगों ने फिर 1980 व 1984 में कांग्रेस को चुना। इस दौरान कांग्रेस से 1980 में रामायण राय व 1984 में राजमंगल पांडेय चुनाव जीतें।


मोहन सिंह ने समाजवादी पार्टी की टिकट पर 1998 में हुए लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज कर पहली साइकिल दौड़ाया था।

 इस सीट पर कांगेस के बाद अब भाजपा का है वर्चस्व

देवरिया लोकसभा सीट पर कांग्रेस से राजमंगल पांडेय आखिरी सांसद थे। इसके बाद राजमंगल पांडेय ने कांग्रेस का साथ छोड़कर जनता दल का दामन थाम लिया। उन्होंने फिर से 1989 में हुए चुनाव में जीत दर्ज की। इस सीट पर भाजपा का 4 बार कब्जा रहा है। वहीं जनता दल व समाजवादी पार्टी का 2 बार कब्जा रहा है। इसके अलावा बसपा ने भी इस सीट पर एक बार जीत दर्ज की है। बता दें कि देवरिया लोकसभा सीट पर 2014 में हुए चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी कलराज मिश्र ने बसपा के उम्मीदवार नियाज़ अहमद को 2,65,386 वोटों से हराकर जीत दर्ज की थी। इस चुनाव में कलराज मिश्र को 4,96,500 और नियाज़ अहमद को 2,31,114 वोट मिले थे। जबकि समाजवादी पार्टी के बालेश्वर यादव को 1,50,852 और कांग्रेस के सभा कुंवर को 37,752 वोट मिले थे। बता दें कि लोकसभा चुनाव 2014 में कुल 9,72,160 यानी कि 53.8 प्रतिशत मतदान हुआ था।

देवरिया लोकसभा क्षेत्र का जातीय समीकरण

बता दें कि देवरिया लोकसभा क्षेत्र में ब्राह्मण समाज के मतदाताओं की संख्या 27 प्रतिशत है। वहीं अनुसूचित जाति 14, अल्पसंख्यक 12, यादव 8, वैश्य 8, सैंथवार 6, कुर्मी 5, क्षत्रिय 5, कायस्थ 4, राजभर 4, निषाद 3 हैं। इनके अलावा कुम्हार, चौहान और अन्य मतदाता मिलाकर करीब 4 प्रतिशत हैं। इस लोकसभा सीट पर ब्राह्मण और अनुसूचित जाति के मतदाता का मतदान ही चुनाव का निर्णय तय करता है।

देवरिया लोकसभा क्षेत्र से अब तक चुने गए सांसद

  • कांग्रेस से विश्वनाथ राय 1951 में हुए लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • कांग्रेस से सरजू प्रसाद मिश्र 1952 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • प्रजा सोशलिस्ट पार्टी से राम जी वर्मा 1957 में हुए लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • कांग्रेस से विश्वनाथ राय 1962, 1967 और 1971 में हुए लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • भारतीय लोक दल से उग्रसेन सिंह 1977 में हुए लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • कांग्रेस से रामायण राय 1980 में हुए लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • कांग्रेस से राजमंगल पांडेय 1984 में और जनता दल से 1989 में हुए लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • जनता दल से मोहन सिंह 1991 में हुए लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • भारतीय जनता पार्टी से लेफ्टिनेंट जनरल प्रकाश मणि त्रिपाठी 1996 में हुए लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • समाजवादी पार्टी से मोहन सिंह 1998 में हुए लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • भारतीय जनता पार्टी से लेफ्टिनेंट जनरल प्रकाश मणि त्रिपाठी 1999 में हुए लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • समाजवादी पार्टी से मोहन सिंह 2004 में हुए लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • बहुजन समाज पार्टी से गोरख प्रसाद जायसवाल 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • भारतीय जनता पार्टी से कलराज मिश्र 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • भारतीय जनता पार्टी से रमापति राम त्रिपाठी 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
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