Lok Sabha Election: मैनपुरी में हो सकती है जेठानी और देवरानी की भिड़ंत, अपर्णा यादव की योगी से मुलाकात के बाद अटकलें तेज

Lok Sabha Election 2024: उत्तर प्रदेश में मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र को भी काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि इस सीट पर सपा मुखिया अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव चुनाव मैदान में उतरी हैं।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update: 2024-03-19 04:44 GMT

Dimple Yadav and Aparna Yadav  (Photo: social media )

Lok Sabha Election 2024: देश में लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद सभी राजनीतिक दल विभिन्न क्षेत्रों में अपनी उम्मीदवारों की सूची को अंतिम रूप देने की कोशिश में जुटे हुए हैं। हर बार के लोकसभा चुनाव की तरह है इस बार भी हिंदी पट्टी के अहम राज्य उत्तर प्रदेश पर सबकी निगाहें लगी हुई हैं। उत्तर प्रदेश में कई लोकसभा सीटों को काफी खास माना जा रहा है क्योंकि इन सीटों पर दिग्गज उम्मीदवार किस्मत आजमाने के लिए मैदान में उतरे हैं।

उत्तर प्रदेश में मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र को भी काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि इस सीट पर सपा मुखिया अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव चुनाव मैदान में उतरी हैं। भाजपा ने अभी तक की सीट पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है मगर कयास लगाए जा रहे हैं कि पार्टी की ओर से इस सीट पर मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव को चुनावी अखाड़े में उतारा जा सकता है। अपर्णा यादव की हाल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हुई मुलाकात के बाद इन अटकलों को और तेजी मिली है।

मैनपुरी सीट को लेकर भाजपा का गहन मंथन

भाजपा की अगुवाई वाले एनडीए की ओर से इस बार उत्तर प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटों को जीतने का दावा किया जा रहा है। भाजपा ने इस बार उन सीटों पर विशेष रूप से फोकस कर रखा है जिन सीटों पर पार्टी को 2019 के लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। मैनपुरी में भी पार्टी को पूरी ताकत लगाने के बावजूद जीत नहीं मिल सकी थी।

सपा संस्थापक मुलायम सिंह के निधन के बाद हुए उपचुनाव में सपा मुखिया अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव ने इस सीट पर जीत हासिल की थी। अखिलेश यादव ने इस बार फिर डिंपल यादव को चुनाव मैदान में उतार कर भाजपा के लिए मुश्किलें पैदा कर दी हैं। ऐसे में भाजपा मैनपुरी लोकसभा सीट को लेकर गहराई से मंथन में जुटी हुई है।


योगी से मुलाकात के बाद अपर्णा को लेकर अटकलें

सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव ने पिछले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा ज्वाइन की थी। उसके बाद से वे भाजपा की ओर से आयोजित कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेती रही हैं मगर पार्टी की ओर से उन्हें अभी तक कोई अहम जिम्मेदारी नहीं दी गई है। पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान भी उन्हें पार्टी की ओर से लखनऊ की किसी सीट से उतारे जाने की अटकलें थीं मगर ऐसा कुछ नहीं हुआ।

अब अपर्णा यादव को लेकर एक बार फिर अटकलों का बाजार गरम है। अपर्णा यादव ने हाल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी। अपर्णा यादव की मुख्यमंत्री से हुई इस मुलाकात को लोकसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि उन्हें मैनपुरी लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतरा जा सकता है।


पहले भी लग चुके हैं कयास

वैसे यह पहला मौका नहीं है जब अपर्णा यादव को लेकर कयासबाजी हो रही है। इससे पूर्व मुलायम सिंह के निधन के बाद हुए उपचुनाव के दौरान भी उनका नाम मैनपुरी सीट के लिए उछला था। हालांकि उस समय अपर्णा यादव ने इन अटकलों को खारिज कर दिया था।

अब एक बार फिर सियासी हल्कों में इन चर्चाओं ने तेजी पकड़ ली है कि भाजपा की ओर से उन्हें मैनपुरी की सियासी जंग में उतारा जा सकता है। अगर भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की ओर से यह फैसला लिया गया तो मैनपुरी में देवरानी और जेठानी की दिलचस्प भिड़ंत देखने को मिलेगी।


सपा का गढ़ मानी जाती है मैनपुरी सीट

मैनपुरी लोकसभा सीट को समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता रहा है और इस सीट पर लंबे समय से पार्टी का कब्जा बना हुआ है। 1996 के बाद से ही इस सीट पर सपा का कब्जा है। 1996 से पहले पांच बार इस सीट पर कांग्रेस को जीत मिली थी मगर 1996 में मुलायम सिंह यादव ने इस सीट पर जीत हासिल की। उसके बाद से इस सीट पर लगातार सपा का कब्जा बना हुआ है।

मुलायम सिंह ने इस सीट पर कई बार चुनाव जीता और उनके सीट छोड़ने पर हुए उपचुनाव में भतीजे धर्मेंद्र यादव और पौत्र तेज प्रताप यादव ने भी इस सीट से चुनाव जीता। 2019 के लोकसभा चुनाव में मुलायम इसी सीट से सांसद बने थे। उनके निधन के बाद हुए उपचुनाव में डिंपल यादव ने भारी मतों से इस सीट पर जीत हासिल की थी।

भाजपा इस बार मैनपुरी सीट पर डिंपल यादव को घेरने की कोशिश में जुटी हुई है और इसी कारण माना जा रहा है कि मुलायम परिवार के किसी सदस्य को चुनावी अखाड़े में उतारा जा सकता है।



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