Loksabha Election 2024: डुमरियागंज लोकसभा सीट पर भाजपा के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी को भुनाने में जुटी सपा और बसपा, जानें माहौल

Dumariyaganj Seat Parliament Constituency Details: डुमरियागंज लोकसभा क्षेत्र के लिए इस बार पाल और कुशल दोनों ही बड़ा नाम है। इसलिए इस बार का चुनाव दिलचस्प हो गया है। कुशल, जगदंबिका के चक्रव्यूह को तोड़ने में जुटे हैं तो पाल अपने कौशल से चुनाव जीतने की रणनीति पर काम कर रहे हैं।

Written By :  Sandip Kumar Mishra
Update: 2024-05-23 12:47 GMT

Lok Sabha Election 2024: दुनियाभर में काला नमक चावल की खुशबू बिखेरने वाले यूपी के सिद्धार्थनगर जिले में मौसम के साथ सियासी तपिश बढ़ गई है। इस जिले के डुमरियागंज लोकसभा सीट पर तीन बार के सांसद और राजनीति के कुशल खिलाड़ी माने जाने वाले जगदंबिका पाल अपनी चौथी जीत और भाजपा से हैट्रिक लगाने की तैयारी में चुनाव मैदान उतरें हैं। जबकि उनको चुनौती देने के लिए इंडिया गठबंधन की ओर से सपा ने भीष्मशंकर तिवारी उर्फ कुशल तिवारी को उम्मीदवार बनाया है। बसपा ने गोरखपुर के रहने वाले ख्वाजा शम्शुद्दीन को उम्मीदवार बनाया है। वे पहली बार डुमरियागंज से चुनाव लड़ने गए हैं। हालांकि यह क्षेत्र उनके लिए नया नहीं है, क्योंकि पिछले चुनाव में वह बसपा के उम्मीदवार आफताब आलम के लिए काम कर चुके हैं। कुल मिलाकर डुमरियागंज लोकसभा क्षेत्र के लिए इस बार पाल और कुशल दोनों ही बड़ा नाम है। इसलिए यह चुनाव दिलचस्प हो गया है। कुशल, जगदंबिका के चक्रव्यूह को तोड़ने में जुटे हैं तो पाल अपने कौशल से चुनाव जीतने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। यहां वर्तमान सांसद जगदंबिका पाल के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी देखने को मिल रहा है। डुमरियागंज लोकसभा सीट पर अब तक सपा प्रमुख अखिलेश यादव और सीएम योगी आदित्यनाथ अपने-अपने उम्मीदवारों के पक्ष चुनावी रैली कर चुके हैं। पीएम मोदी भी श्रावस्ती और डुमरियागंज लोकसभा सीट पर अपने उम्मीदवारों के पक्ष में चुनावी रैली करेंगे। 

सपा और भाजपा को इन मतदाताओं से उम्मीद

डुमरियागंज लोकसभा क्षेत्र में पिछड़ा वर्ग के सर्वाधिक 40 प्रतिशत मतदाता हैं। पिछड़ों के बाद 29.50 प्रतिशत मुसलमान मतदाता हैं। 18 प्रतिशत ब्राह्मण और इतने ही दलित मतदाता भी हैं। इस हिसाब से पिछड़ा वर्ग के मतदाता ही यहां हार-जीत का फैसला करते हैं। ऐसे में पूर्वांचल के बाहुबली हरिशंकर तिवारी के बड़े पुत्र भीष्मशंकर तिवारी उर्फ कुशल तिवारी के चुनावी मैदान में उतरने की कुशल रणनीति यहां का जातीय समीकरण है। भीष्मशंकर तिवारी उर्फ कुशल तिवारी पहली बार इस सीट से चुनावी मैदान में हैं। इससे पहले वह खलीलाबाद से सांसद रहे हैं। पूर्वांचल की राजनीति खासतौर पर ब्राह्मणों के हरिशंकर तिवारी सिरमौर रहे हैं। वहीं जगदंबिका पाल 2009 में पहली बार डुमरियागंज लोकसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते थे। इसके बाद उन्होंने इस क्षेत्र को ही अपनी कर्मभूमि बना लिया और 2014 व 2019 में भाजपा उम्मीदवार के तौर पर चुनाव जीतकर संसद पहुंचे। पिछड़ों, सवर्णों के अलावा मुसलमानों में भी उनकी अच्छी पकड़ रही है। कहा तो यहां तक जाता है कि उन्हें मुसलमानों का भी कुछ प्रतिशत वोट मिलता है।

डुमरियागंज लोकसभा क्षेत्र के चुनावी मुद्दे

इस बार यहां बेरोज़गारी और महंगाई अहम मुद्दा है। प्रदेश में सरकारी नौकरी के लिए होने वाले भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक का मामला वर्तमान सरकार का पीछा नहीं छोड़ रहा है। इसके चलते बेरोजगार युवाओं में आक्रोश देखने को मिल रहा है। रोजगार के लिए दूसरे प्रदेशों में पलायन करने को मजबूर हैं। डुमरियागंज में बस अड्डा और मेडिकल कॉलेज की लंबे समय से इंतजार है। इसके अलावा बाढ़ विभीषिका भी अहम मुद्दा है।


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