Election 2024: 'संदेह पैदा करने की हो रही कोशिश, हर सवाल का देंगे जवाब', मतदान के बीच चुनाव आयोग ने क्यों कहा?

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि देश में संदेह का माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है। मतदान सूची, ईवीएम और मतदान संख्याओं के हेरफेर को लेकर देश में संदेह पैदा किया जा रहा है।

Written By :  Rajnish Verma
Update: 2024-05-25 12:54 GMT

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार (Photo - Social Media) 

Election 2024: लोकसभा चुनाव के लिए आज यानी शनिवार को हो रहे छठे चरण के मतदान के बीच चुनाव आयोग ने बड़ी बात कही। मुख्य चुनाव आयुक्त ने यह प्रतिक्रिया उसके बाद दी, जब सुप्रीम कोर्ट से चुनाव आयोग को निर्देश देने की मांग की गई थी कि वह मतदान केंद्र-वार वोटिंग प्रतिशत के आंकड़े अपनी वेबसाइट पर अपलोड करें, हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में चुनाव आयोग को निर्देश देने से मना कर दिया था।

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने शनिवार को एक न्यूज एजेंसी से बातचीत की। उन्होंने कहा कि देश में संदेह का माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है। कोर्ट को मंच बनाकर दुरुपयोग कर रहे हैं। चुनाव आयोग ने कहा कि मतदान सूची, ईवीएम और मतदान संख्याओं के हेरफेर को लेकर देश में संदेह पैदा किया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने अपना जवाब दे दिया है। हम भी एक दिन सब बताएंगे और सब दिखाएंगे कि आखिर कैसे लोगों को गुमराह किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश की चुनावी प्रक्रिया की अखंडता से जुड़ी चिंताओं को दूर किया जाएगा। हम इन सब चीजों पर निश्चित रूप से चर्चा करेंगे।

फार्म - 17 क्या है?

सूत्रों के मुताबिक, मतदान के आंकड़ों में छेड़छाड कैसे की जा सकती है, जब फार्म 17 उम्मीदवार को दे दिया जाता है। फार्म 17 में मतदान केंद्र पर डाले गए मतों का रिकॉर्ड होता है। यह फार्म उम्मीदवारों या एजेंटों को तब दिया जाता है, जब ईवीएम को स्ट्रांग रूम में ले जाने से पहले सील कर दिया जाता है। ऐसे में आंकड़ों से छेड़छाड़ किया जाना संभव ही नहीं है।

कैसे बनाया जा सकता है मूर्ख ?

जानकारों के अनुसार, यदि मान लिया जाए कि प्रत्येक मतदान केंद्र पर चार उम्मीदवारों को फार्म 17 दे दिया जाता है और देशभर में लगभग 10.5 लाख मतदान केंद्र हैं, इस स्थिति में कम से कम यह 42 लाख से अधिक लोगों के पास फार्म-17 पहुंच जाएगा। ऐसे में इतनी बड़ी संख्या में लोगों को कैसे मूर्ख बनाया जा सकता है और क्या आंकड़ों में हेराफेरी की जा सकती है।

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