Lok Sabha Election 2024: हर घंटे का किराया 3 लाख... इस चुनाव में जमकर उड़े हेलिकॉप्टर, जानिए ऑपरेटर्स ने कितने कमाए!

Lok Sabha Election 2024: 2024 के लोकसभा चुनाव में जमकर प्रचार हो रहे हैं। वहीं प्रचार के लिए हेलिकॉप्टर्स की डिमांड में जबदस्त उछाल देखने को मिला है।

Written By :  Ashish Kumar Pandey
Update:2024-05-29 13:49 IST

Helicopter in lok sabha election (photo: social media )

Lok Sabha Election 2024: देश में 2024 लोकसभा चुनाव जारी है, अब तक छह चरणों का मतदान हो चुका है, अब केवल सातवें चरण की वोटिंग बाकी है, जो 1 जून को होनी है और उसके बाद चार जून 2024 को चुनावी नतीजे आ जाएंगे। चुनाव में भाजपा, कांग्रेस, सपा, बसपा, राजद समेत कई पार्टियां के नेता ताबड़तोड़ प्रचार कर रहे हैं। प्रचार के लिए पार्टियां हेलिकॉप्टरों को किराए पर ले रही हैं, जिससे इस चुनावी मौसम में हेलिकॉप्टर ऑपरेटर दोनों हाथों से खूब पैसा बटोर रहे हैं। 4 जून करीब आते-आते इनकी कमाई का आंकड़ा 350-400 करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है। जब भी चुनाव होता है तो इस दौरान प्रचार के लिए हेलिकॉप्टर्स की डिमांड में जबर्दस्त इजाफा देखने को मिलता है और इस बार भी यही देखने को मिला है।

ऑपरेटरों ने 50 प्रतिशत तक बढ़ाया किराया

चुनावी मौसम आते ही तमाम तरह के बिजनेस भी जोर पकड़ने लगते हैं, फिर चाहे बात होर्डिंग बैनर की हो या नेताओं के प्रचार अभियान में शामिल हेलिकॉप्टर्स की। इलेक्शन का टाइम हेलिकॉप्टर ऑपरेटरों के लिए खासा व्यस्त होता है और मांग में भारी उछाल के कारण चार्टरिंग दरें भी 50 प्रतिशत तक बढ़ जाती हैं।

बता दें कि हेलिकॉप्टर्स को प्रति घंटे के हिसाब से किराए पर लिया जाता है। बिजनेस टुडे के रिपोर्ट के मुताबिक, एक ट्विन इंजन वाले 8-सीटर हेलिकॉप्टर का किराया प्रति घंटे करीब 3 लाख रुपये होता है।


इस बार के चुनाव में हो रही ताबड़तोड़ कमाई

अब 3 लाख रुपये के हिसाब से अगर समझें तो 180 घंटों के लिए प्रति हेलिकॉप्टर किराया करीब 4-5 करोड़ रुपये होता है। रिपोर्ट की मानें तो 2024 का लोकसभा चुनाव हेलिकॉप्टर ऑपरेटर्स के लिए सबसे ज्यादा कमाई वाला साबित हुआ है और इस दौरान इनकी कमाई का आंकड़ा लगभग 350-400 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। इसमें बताया गया है कि चुनाव प्रचार अभियान के दौरान 6-7 लोगों के बैठने की क्षमता वाले BEL407 जैसे सिंगल इंजन वाले हेलिकॉप्टर का किराया बढ़कर 1.3-1.5 लाख रुपये प्रति घंटा हो गया है, तो वहीं 7-8 की क्षमता वाले ऑगस्टा AW109 और H145 एयरबस हेलिकॉप्टर के किराये में जबरदस्त इजाफा देखने को मिला है, जिसका किराया प्रति घंटा 2.3-3 लाख रुपये तक पहुंच गया।


इनका किराया सबसे ज्यादा

चुनाव अभियानों के लिए किराये पर लिए जाने वाले हेलिकॉप्टर्स की लिस्ट में तीसरे कॉन्फिगरेशन में 15-सीटर अगस्ता वेस्टलैंड भी शामिल है। इसका किराया 4 लाख रुपये प्रति घंटे से शुरू होता है। रोटरी विंग सोसाइटी ऑफ इंडिया के प्रेसिडेंट (पश्चिमी क्षेत्र) कैप्टन उदय गेली की मानें तो करीब 165-170 नॉन-शेड्यूल ऑपरेटर हैं और लगभग 30-35 ट्विन इंजन हेलिकॉप्टर्स है। एनएसओपी का कोई विशेष निर्धारित कार्यक्रम नहीं होता है और जब भी जरूर होती है, वे उड़ान भरते हैं। उन्होंने बिजनेस टुडे से खास बातचीत के दौरान इनके किराए को लेकर खुलकर बात की।


2019 के मुकाबले इस साल डिमांड अधिक

उदय गेली के मुताबिक, चुनाव के दौरान डिमांड में जोरदार इजाफा आने के कारण हेलिकॉप्टर ऑपरेटर नियमित किराये की तुलना में 40-50 फीसदी तक अधिक किराया ले रहे हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में इनके किराये में करीब 20-30 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली थी। लेकिन इस साल हेलिकॉप्टर्स की मांग बहुत अधिक रही है और राज्य स्तर पर पार्टियों से भी इनकी डिमांड मिल रही है, जबकि हेलीकॉप्टरों की संख्या में वृद्धि नहीं हुई है।


ऐसे मोटी कमाई करते हैं हेलिकॉप्टर ऑपरेटर

ऑपरेटर्स की कमाई के तरीकों पर नजर डालें, तो चुनावों के दौरान ये हेलिकॉप्टर ऑपरेटर 45-60 दिनों के लॉन्ग टर्म के लिए बकायदा एग्रीमेंट साइन करते हैं और इस अवधि के दौरान न्यूनतम गारंटीकृत घंटे तय किए जाते हैं, जो कि प्रति दिन 2.5-3 घंटे होते हैं। अगर कोई 60 दिन एग्रीमेंट करता है, तो फिर इस हिसाब से ऑपरेटर को 180 घंटे की उड़ान मिलती है। इसके बाद चाहे किराए पर लिए गए ये हेलिकॉप्टर उड़ान भरें या नहीं, पार्टी को इसका भुगतान करना ही होता है।



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