Exit Poll: पिछले तीन चुनावों में कहाँ तक खरे उतरे?
Exit Poll: एग्जिट पोल में राजनीतिक दलों और उनके प्रदर्शन के प्रति जनता की भावना को मापने के लिए विभिन्न जनसांख्यिकी और भौगोलिक क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले नमूनों का संग्रह शामिल होता है।
Loksabha Exit Poll 2024: नतीजे घोषित होने से पहले सभी की निगाहें एग्जिट पोल पर टिकी हैं। फाइनल रिजल्ट 4 जून को घोषित किये जायेंगे और तब तक एग्जिट पोल ही पार्टियों – समर्थकों को उम्मीद या निराशा में डाल लार रखेंगे।
पिछले दो आम चुनावों में क्या हुआ?
2014 के लोकसभा चुनाव 7 अप्रैल से 12 मई के बीच हुए थे और नतीजे 16 मई को घोषित किए गए थे, 2019 का चुनाव 11 अप्रैल से 19 मई तक हुआ और नतीजे 23 मई को आए।
- 2014 में आठ एग्जिट पोल के औसत ने भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को 283 सीटें और कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए को 105 सीटें जीतने का अनुमान लगाया था यानी एग्जिट पोल उस वर्ष मोदी लहर की सीमा का अनुमान लगाने में विफल रहे थे क्योंकि अंतिम रिजल्ट में एनडीए को 336 सीटों और यूपीए को मात्र 60 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। इनमें से भाजपा ने 282 और कांग्रेस ने 44 सीटें जीतीं थीं।
- 2019 में 13 एग्जिट पोल ने औसतन एनडीए की संयुक्त टैली 306 और यूपीए की 120 बताई लेकिन रिजल्ट में एनडीए को 353 सीटें और यूपीए को 93 सीट मिलीं। इनमें भाजपा को 303 और कांग्रेस को 52 सीटें मिलीं थीं।
- 2009 में जब यूपीए सत्ता में वापस आई थी, तो चार एग्जिट पोल ने औसतन विजेता की संख्या को कम करके आंका था। उन्होंने यूपीए को 195 और एनडीए को 185 सीटें दी थीं। फाइनल रिजल्ट में यूपीए ने आखिरकार 262 सीटें जीतीं, जबकि एनडीए को 158 सीटें मिलीं। इनमें से कांग्रेस ने 206 और भाजपा ने 116 सीटें जीतीं।
बहरहाल, एग्जिट पोल शत प्रतिशत सही रिजल्ट का अनुमान नहीं लगा सकते, ये ध्यान में रखना चाहिए।
सन 57 से शुरू हुए एग्जिट पोल
भारत में एग्जिट पोल की शुरुआत 1957 में दूसरे लोकसभा चुनाव के दौरान हुई थी। इसकी शुरुआत भारतीय जनमत संस्थान द्वारा की गई थी। ये भी जान लीजिये कि एग्जिट पोल और चुनाव से पहले होने वाले जनमत सर्वेक्षण अलग अलग होते हैं। एग्जिट पोल में मतदाताओं से मतदान के बाद मतदान केंद्रों से बाहर निकलते समय सर्वेक्षण कराया जाता है। इन सर्वेक्षणों में मतदाताओं के रुझान और पार्टी की प्राथमिकताओं के बारे में पूछताछ की जाती है। आम तौर पर, एग्जिट पोल में राजनीतिक दलों और उनके प्रदर्शन के प्रति जनता की भावना को मापने के लिए विभिन्न जनसांख्यिकी और भौगोलिक क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले नमूनों का संग्रह शामिल होता है।