Lok Sabah Election 2024 : यदि ऐसा हुआ तो लोकसभा चुनाव के बाद फिर होंगे चुनाव
Lok Sabha Election 2024: उत्तर प्रदेश में इन चुनावों के खत्म होते ही विधानसभा और विधानपरिषद के उपचुनावों का काम शुरू हो जाएगा।
Lok Sabha Election 2024: देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था में चुनावी प्रक्रिया कभी खत्म नहीं होती है। देश में लोकसभा चुनाव के परिणाम कल आने वाले हैं। लेकिन उत्तर प्रदेश में इन चुनावों के खत्म होते ही विधानसभा और विधानपरिषद के उपचुनावों का काम शुरू हो जाएगा। क्योंकि लोकसभा चुनावों में कई मंत्री विधायक भी चुनाव मैदान में उतरे हैं। यदि वह लोसाभा का चुनाव जीत जाते हैं तो फिर उनके विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव कराने की नौबत आ जायेगी।उत्तर प्रदेश में सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी की योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री जयवीर सिंह मैनपुरी लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव के खिलाफ भाजपा उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में हैं।
योगी सरकार के एक और मंत्री दिनेश प्रताप सिंह हैं जो रायबरेली लोकसभा सीट से उम्मीदवार हैं. वह कांग्रेस के गढ़ में राहुल गांधी को चुनौती दे रहे हैं। बीते 2019 के चुनाव में वह सोनिया गांधी के खिलाफ करीब 1.67 लाख वोटों के अंतर से चुनाव हार गए थे। उनके पास अभी सरकार में उद्यान विभाग का स्वतंत्र प्रभार हैवहीं राजस्व राज्य मंत्री अनूप प्रधान वाल्मीकि अलीगढ़ की खैर सीट से विधायक हैं। और इस लोकसभा चुनाव में भाजपा ने हाथरस सीट से अपना प्रत्याशी बनाकर चुनाव लड़ाने का काम किया है।
जबकि सरकार में शामिल एक और मंत्री जितिन प्रसाद विधान परिषद सदस्य हैं और लोकसभा सीट पीलीभीत से चुनाव लडे है। लोकसभा चुनाव लड़ने वालों में मंत्री जितिन प्रसाद हैं, जो राज्य की पीलीभीत लोकसभा सीट से चुनाव लडे हैं। इस सीट से भाजपा के मौजूदा सांसद वरुण गांधी का टिकट काटकर उन्हें उम्मीदवार बनाया गया था। इनके अलावा भाजपा के एक और विधायक ओम कुमार जो नटहौर सीट से विधायक है, और लोकसभा की बिजनौर सीट से भाजपा उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में हैं, यदि चुनाव जीतते हैं, तो इस सीट पर भी उपचुनाव कराना आयोग की मजबूरी होगी।
इसी तरह भाजपा के विधायक अतुल गर्ग गाजियाबाद लोकसभा सीट, निषाद पार्टी के मंझवा सीट से विधायक विनोद कुमार भाजपा प्रत्याशी के तौर पर भदोही से बेहतरीन चुनाव लडे हैं। एक और भाजपा के विधानपरिषद सदस्य साकेत मिश्र श्रावस्ती सीट से चुनाव लडे हैं जबकि राज्यसभा सदस्य नीरज शेखर अपनी परंपरागत बलिया लोकसभा सीट से अपने पिता एवम पूरे प्रधानमंत्री स्व चंद्रशेखर की सीट से चुनाव मैदान में हैं।अब अगर विपक्ष की बात की जाए तो समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश सहित पांच विधायकों ने लोकसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने का काम किया है।
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव खुद कन्नौज से प्रत्याशी है। वह मैनपुरी की करहल सीट से विधायक है। लखनऊ मध्य से विधायक रविदास मेहरोत्रा लखनऊ लोकसभा सीट से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। सपा के पुराने नेता और अयोध्या की मिल्कीपुर सीट से विधायक अवधेश प्रसाद फैजाबाद से लोकसभा प्रत्याशी लालजी वर्मा अम्बेडकरनगर जिले की कटेहरी सीट से विधायक है। यह अब अम्बेडकरनगर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे है। शफीकुर्यहमान बर्क के निधन के बाद उनके पौत्र जियाउर्रहमान को सपा ने सभल से प्रत्याशी बनाया है। वह अभी मुरादाबाद की कुंदरकी सीट से विधायक है।
कांग्रेस के पास वर्तमान में दो ही विधायक है। इनमें से एक वीरेंद्र चौधरी को लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी बना दिया है। वह महराजगंज की फरेदा सीट से विधायक है और महराजगंज लोकसभा सीट से प्रत्याशी भी है।इस बार भाजपा के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही राष्ट्रीय लोकदल ने भी एक विधायक को लोकसभा का टिकट दिया है। चंदन चौहान मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीट से विधायक है। इस बार बिजनौर सीट से प्रत्याशी हैं। अब देखना है कि चुनाव परिणाम आने के बाद इन क्षेत्रों में उपचुनाव होते हैं अथवा नही।