Loksabha Election 2024: कैराना लोकसभा सीट पर पलटेगी बाजी! जातीय समीकरण बदलेगा खेला
Loksabha Election 2024 Kairana Seats Details: इंडिया गठबंधन की ओर से सपा ने इकरा हसन को अपना उम्मीदवार बनाया है। जबकि भाजपा ने प्रदीप कुमार चौधरी पर दुबारा विश्वास जताया है।
Loksabha Election 2024: यूपी के शामली जिले का कैराना शहर अपने आप में बहुत-सा इतिहास समेटे हुए है। कैराना को प्राचीन काल में कर्णपुरी के नाम से जाना जाता था, जो बाद में बिगड़कर ‘किराना’ हुआ और फिर ‘कैराना’ में तब्दील हो गया। अखिलेश सरकार में कैराना और कांधला के हिंदू परिवारों का पलायन बड़ा मुद्दा बना था, जिसे कैराना पलायन के रूप में भी जाना जाता है। स्थानीय अपराधियों की दबंगई और वसूली की वजह से हिंदू परिवारों का पलायन हुआ है, जिसकी वजह से तत्कालीन सरकार की जमकर आलोचना हुई थी।
भाजपा के प्रदीप कुमार चौधरी ने लोकसभा चुनाव 2019 में सपा और बसपा के संयुक्त उम्मीदवार तबस्सुम बेगम को 92,160 वोटों से हराया था। इस चुनाव में प्रदीप कुमार चौधरी को 5,66,961 और तबस्सुम बेगम को 4,74,801 वोट मिले थे। जबकि कांग्रेस के हरेंद्र सिंह मलिक को 69,355 वोट मिला था। इस बार लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन की ओर से सपा ने इकरा हसन को अपना उम्मीदवार बनाया है। जबकि भाजपा ने प्रदीप कुमार चौधरी पर दुबारा विश्वास जताया है। वहीं बसपा ने बीएसएफ के रिटायर्ड जवान श्रीपाल राणा को उम्मीदवार बनाया है। हालांकि, बसपा उम्मीदवार श्रीपाल राणा सहारनपुर जिले के भावसी निवासी हैं। उनके आने से इस बार एनडीए गठबंधन के लिए चुनौतियां बढ़ गईं हैं।
कैराना लोकसभा क्षेत्र का निर्वाचन संख्या 02 है। इसमें वर्तमान में 5 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। इस लोकसभा क्षेत्र का गठन सहारनपुर जिले के नाकुर व गंगोह और शामली जिले के कैराना, थाना भवन एवं शामली विधानसभा क्षेत्रों को मिलाकर किया गया है। फिलहाल इन 5 में से 2 सीटों पर रालोद, 2 पर भाजपा और एक पर सपा के विधायक हैं। यह लोकसभा क्षेत्र 1962 में अस्तित्व में आया था। यहां कुल 16,66,703 मतदाता हैं। जिनमें से 7,66,371 पुरुष और 9,00,239 महिला मतदाता हैं। बता दें कि कैराना लोकसभा उपचुनाव में कुल 67.44 प्रतिशत मतदान हुआ था।
कैराना लोकसभा का राजनीति इतिहास
कैराना लोकसभा सीट पर अब तक 15 बार चुनाव हो चुके हैं। इस क्षेत्र के सबसे पहले सांसद 1962 में यशपाल सिंह बने थे, जो निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़े थे। चुनावों में जीत हार के आंकड़ों पर गौर करें तो 1991 के बाद जितने भी चुनाव हुए, उनमें से 2004 के चुनाव को छोड़कर बाकी सभी चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) मुकाबले में ही रही है। अब तक कैराना संसदीय क्षेत्र में तीन बार भाजपा, दो बार कांग्रेस और तीन बार राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) ने जीत दर्ज किए हैं. कैराना की जनता ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) को भी एक-एक बार जीत का स्वाद चखाया है। जनता दल और जनता पार्टी ने दो-दो बार कैराना में अपना परचम लहराया है और वर्तमान समय में इस सीट पर भाजपा का भगवा ध्वज लहरा रहा है। बता दें कि 2024 के लोकसभा चुनाव में कैराना सीट पर भाजपा के प्रदीप चौधरी और हसन परिवार का तीसरी बार आमने-सामने होंगे। यूपी विधानसभा चुनाव 2012 के दौरान गंगोह सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में प्रदीप चौधरी मैदान में थे, उन्होंने निर्दल प्रत्याशी नाहिद को हराकर जीत हासिल की थी। 2017 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए प्रदीप चौधरी ने गंगोह से विधानसभा का चुनाव जीता था। इस चुनाव में उन्होंने बसपा के नौमान मसूद को हराया था।
इस सीट पर महिलाओं का रहा है प्रभाव
चौधरी चरण सिंह की पत्नी गायत्री देवी पहली बार 1980 में चुनावी मैदान में थीं और कैराना की जनता ने उनको अपना नेतृत्व करने के लिए चुना था। 1984 के लोकसभा चुनाव में मायावती ने भी कैराना में अपनी किस्मत आजमाई थी। 2004 में कैराना ने रालोद से अनुराधा चौधरी को अपना सांसद चुना। उसके बाद 2009 में सपा की प्रत्याशी तबस्सुम हसन सांसद बनीं थीं। 2018 में हुए उपचुनाव में तबस्सुम फिर से सांसद निर्वाचित हुईं, इस चुनाव में पूर्व सांसद हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह भी प्रत्याशी रहीं। इस लोकसभा चुनाव में विपक्ष के इंडिया गठबंधन से इकरा हसन प्रत्याशी हैं।
कैराना का महावीर त्यागी से वास्ता
मुरादाबाद में 31 दिसंबर 1899 को जन्मे स्वतंत्रता सेनानी और राजनेता महावीर त्यागी 1951 में पहले लोकसभा चुनाव में इस क्षेत्र से चुनाव लड़े थे, जो बाद में कैराना लोकसभा बनी है। कैराना का इलाका उस वक्त देहरादून डिस्ट्रिक्ट कम बिजनौर डिस्ट्रिक्ट (नॉर्थ वेस्ट) कम सहारनपुर डिस्ट्रिक्ट (वेस्ट) नाम के लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता था और 1951 के पहले आम चुनाव में महावीर त्यागी ने एकतरफा चुनाव जीत सुनिश्चित की थी। इसकी सबसे बड़ी वजह किसानों के बीच उनकी सक्रियता थी। 1921 में जब कांग्रेस असहयोग आंदोलन कर रही थी तो उस वक्त महावीर त्यागी बिजनौर में किसानों के आंदोलन का नेतृत्व कर रहे थे। पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में उनका बोलबाला था। महावीर त्यागी ने आजादी के आंदोलन के दौरान इसी क्षेत्र में अपना खून-पसीना बहाया था। इसकी गवाही 1951 में उन्हें मिले मत देते हैं। इस चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार महावीर त्यागी को 63.73% जबकि भारतीय जनसंघ के उम्मीदवार जेआर गोयल को मात्र 13.81 प्रतिशत मत मिला था।
कैराना लोकसभा में जातीय समीकरण
कैराना लोकसभा क्षेत्र में मुस्लिम मतदाता 6,25,000 और जाट मतदाता 1,90,000, दलित मतदाता 3,46,000, त्यागी 18,000, ब्राह्मण 39,000, क्षत्रिय 45,000, सैनी 1,25,000, बनिया 65,000, कश्यप 90,000 और गुर्जर 1,40,000 मतदाता हैं। ये मतदाता कैराना की सियासत को प्रभावित करते हैं।
कैराना लोकसभा क्षेत्र से अब तक चुने गए सांसद
- निर्दल यशपाल सिंह 1962 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- सोशलिस्ट पार्टी (एसएसपी) से गय्यूर अली खान 1967 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- कांग्रेस से शफक्कत जंग 1971 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- बीएलडी से चंदन सिंह 1977 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- जनता पार्टी (एस) से गायत्री देवी 1984 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुनी गईं।
- कांग्रेस से चौधरी अख्तर हसन 1967 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- जनता दल से हरपाल पंवार 1989 और 1991 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- समाजवादी पार्टी से मुनव्वर हसन 1996 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- भाजपा से वीरेंद्र वर्मा 1998 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- रालोद से अमीर आलम 1999 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- रालोद/सपा से अनुराधा चौधरी 2004 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुनी गईं।
- बसपा से तबस्सुम हसन 2009 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुनी गईं।
- भाजपा से हुकुम सिंह 2014 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- रालोद से तबस्सुम हसन 2018 में लोकसभा उपचुनाव में सांसद चुनी गईं।
- भाजपा से प्रदीप चौधरी 2019 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।