Loksabha Chunav 2024: लालगंज लोकसभा सीट पर BJP और इंडिया गठबंधन की होगी कड़ी टक्कर, जानें यहां का समीकरण

Loksabha Chunav 2024 Lalganj Seats: लालगंज लोकसभा सीट पर भाजपा ने नीलम सोनकर को फिर से प्रत्याशी बनाया है। वहीं इंडिया गठबंधन ने दरोगा सरोज को प्रत्याशी बनाया है। यहां जानें समीकरण

Written By :  Sandip Kumar Mishra
Written By :  Yogesh Mishra
Update:2024-03-30 11:36 IST

Loksabha Chunav 2024: यूपी के 17 सुरक्षित लोकसभा सीटों में शामिल लालगंज से सांसद संगीता आजाद बसपा छोड़कर भाजपा में शामिल हो गईं हैं। लोकसभा चुनाव 2019 में सपा बसपा की संयुक्त प्रत्याशी संगीता आजाद ने भाजपा की नीलम सोनकर को 1,61,597 वोटों से हराकर जीत दर्ज की थी। इस चुनाव में भाजपा ने नीलम सोनकर को फिर से प्रत्याशी बनाया है। वहीं इंडिया गठबंधन ने दरोगा सरोज को प्रत्याशी बनाया है। फिलहाल बसपा ने अपना पत्ता नहीं खोला है। इस सीट पर पहली बार भाजपा ने लोकसभा चुनाव 2014 में कमल खिलाया था। भाजपा की प्रत्याशी नीलम सोनकर ने सपा के बेचई सरोज को 63,086 वोटों से हराकर जीत हासिल की थी। लालगंज लोकसभा सीट से एक दिलचस्प बात जुड़ी है कि यहां से चुने जाने वाले अधिकतर सांसद के नाम में किसी ना किसी तरह राम शामिल है। हालाकि, लोकसभा चुनाव 1998 में सपा सांसद दरोगा प्रसाद सरोज, 2014 में भाजपा सांसद नीलम सोनकर और 2019 में बसपा सांसद संगीता आजाद के नाम में राम शामिल नहीं है। लालगंज लोकसभा क्षेत्र का निर्वाचन संख्या 68 है। इसमें वर्तमान में 5 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। इस लोकसभा क्षेत्र का गठन आजमगढ़ जिले के उतरौला, निजामाबाद, फूलपुर पवई, दीदारगंज और लालगंज विधानसभा क्षेत्रों को मिलाकर किया गया है। यह लोकसभा क्षेत्र 1962 में अस्तित्व में आया था। यहां कुल 17,51,980 मतदाता हैं। जिनमें से 8,16,527 पुरुष और 9,35,421 महिला मतदाता हैं। बता दें कि लोकसभा चुनाव 2019 में कुल 54.83 प्रतिशत मतदान हुआ था।


लालगंज लोकसभा क्षेत्र का राजनीतिक इतिहास (Lalganj Political History)

इस सीट से पहले सांसद प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के विश्राम प्रसाद चुने गए थे। उन्होंने कांग्रेस के श्री नाथ जी को 20,547 वोटों से हराकर जीत दर्ज की थी। फिर कांग्रेस के रामधन 1967 और 1971 में जीतकर लगातार तीन बार हैट्रिक लगाने में कामयाब रहे। वे 1977 में जनता दल के टिकट पर भी चुनकर दिल्ली पहुंचे। रामधन एकलौते ऐसे सांसद हैं जो इस सीट पर कांग्रेस तो कभी जनता दल के टिकट पर कुल मिलाकर 5 बार सांसद चुने गए। इसके बाद पहली बार बसपा के बलिराम ने 1996 में सपा के दरोगा प्रसाद सरोज को 54,190 वोटों से हराकर जीत दर्ज की। फिर सपा के दरोगा प्रसाद सरोज ने बसपा के बलिराम को 1998 के चुनाव में हराकर पहली बार साइकिल दौड़ाया था। इसके बाद इस सीट पर कभी बसपा तो कभी सपा के प्रत्याशी जीत दर्ज करते रहे। लेकिन लोकसभा 2014 में मोदी लहर के दौरान पहली बार इस सीट पर भाजपा का खाता खुला था। इस चुनाव में 3,24,016 भाजपा के प्रत्याशी नीलम सोनकर को, सपा के बेचई सरोज को 2,60,930 वोट मिला था। जबकि बसपा के डॉ बलिराम 2,33,971 वोट पाकर तीसरे स्थान रहे। वहीं कांग्रेस के बलिहारी बाबू को 21,832 वोट मिले थे और वह चौथे स्थान पर थे।

दरोगा सरोज ने पहली बार 1998 में सपा के टिकट पर दर्ज की जीत 

लोकसभा क्षेत्र लालगंज सीट को दो बार समाजवादी पार्टी की झोली में डालने वाले दरोगा सरोज को 1996 में पहली बार बसपा प्रत्याशी डॉ. बलिराम के खिलाफ मैदान में उतारा था। जिसमें उनको हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन 1998 में दरोगा सरोज ने यहां से जीत दर्ज कराई। इस दौरान यह सीट पहली बार सपा के खाते में गई थी। 1999 में हुए मध्यावधि चुनाव में सपा अपनी सीट को बरकरार रखने के लिए तीसरी बार दरोगा सरोज को मैदान में उतारा, लेकिन इस बार बसपा प्रत्याशी से हार का सामना करना पड़ा था। 2004 में सपा के दरोगा सरोज बसपा को हराकर दूसरी बार सांसद चुने गए। 1996 से पांच चुनावों में दो बार लालगंज लोकसभा सीट पर सपा दरोगा के जरिए कब्जा जमा चुकी है। वर्ष 2009 में हुए चुनाव में सपा प्रत्याशी तीसरे पायदान पर चले गए थे। वर्ष 2009 में बसपा प्रत्याशी डॉ. बलिराम जीत दर्ज की थी। बता दें कि मोदी लहर में पूर्व सांसद दरोगा सरोज ने 2014 में भाजपा का दामन थाम लिया था। लेकिन 2019 के चुनाव में टिकट न मिलने के कारण घुटन महसूस होने की बात कहते हुए दुबारा समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए थे।

लालगंज लोकसभा क्षेत्र का जातीय समीकरण

लालगंज लोकसभा क्षेत्र में पिछड़े व अनुसूचित जाति और अल्पसंख्यक वर्ग के सबसे अधिक मतदाता हैं। इस लोकसभा के पांच विधानसभा सीटों को मिलाकर करीब 25 प्रतिशत मतदाता दलित हैं। इसके साथ ही लगभग 17 प्रतिशत पिछड़े वर्ग के मतदाता, अल्पसंख्यक 15 प्रतिशत, वैश्य मतदाता, 9 प्रतिशत भूमिहार ब्राह्मण, करीब 35 प्रतिशत क्षत्रिय कायस्थ सहित अन्य जातियों के मतदाता हैं। बता दें कि लालगंज लोकसभा की तीन विधानसभा फूलपुर, अतरौलिया और निजामाबाद यादव और मुस्लिम बाहुल्य है। जबकि लालगंज और मेंहनगर दलित बाहुल्य है।

लालगंज लोकसभा क्षेत्र से अब तक चुने गए सांसद

  • सोशलिस्ट पार्टी से विश्राम प्रसाद 1962 में हुए लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • कांग्रेस से रामधन 1967, 1971 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • जनता दल से रामधन 1977 में हुए लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • जनता दल से छांगुर राम 1980 में हुए लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • कांग्रेस से रामधन 1984 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • जनता दल से रामधन 1989 में हुए लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • जनता दल से रामबदन 1991 में हुए लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • बसपा से बलिराम 1996 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • समाजवादी पार्टी से दरोगा प्रसाद सरोज 1998 में हुए लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • बसपा से बलिराम 1999 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • समाजवादी पार्टी से दरोगा प्रसाद सरोज 2004 में हुए लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • बसपा से बलिराम 2009 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • भारतीय जनता पार्टी से नीलम सोनकर 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • बसपा से संगीता आजाद 2019 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
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