Lok Sabah Election किस किस की बचेगी राजनीतिक विरासत, बस कुछ घंटों का इंतजार
Lok Sabah Election: बही उत्तर प्रदेश के कई सियासी परिवारों का राजनीतिक भविष्य भी तय होने वाला है , दरअसल इस बार कई सियासी परिवारों की नई पीढ़ी चुनावी जंग में उतरी है
Lok Sabah Election: देश की 18 वी लोकसभा के चुनाव परिणाम जहां एक तरफ कई रिकॉर्ड बनाने जा रहे हैं। बही उत्तर प्रदेश के कई सियासी परिवारों का राजनीतिक भविष्य भी तय होने वाला है , दरअसल इस बार कई सियासी परिवारों की नई पीढ़ी चुनावी जंग में उतरी है। यूपी के सियासी समर में उतरे यह नए नेता सियासी पृष्ठभूमि के बूते जनता के बीच पहुंचे हैं। अब इन सभी नए नेताओं को अपने राजनीतिक भविष्य की तलाश है जो कल पूरी होगी या फिर इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जायेंगे।
लोकसभा और राज्यसभा सदस्य रहे कांग्रेस के पी एक पुनिया के बेटे तनुज पुनिया हों, सपा की इकरा हसन, श्रेया वर्मा हों या भाजपा के रितेश पांडेय और साकेत मिश्र। सियासत में वंशवाद की बेल इसी के जरिए खूब फलफूल रही है। जबकि तनुज पुनिया पूर्व नौकरशाह व कांग्रेस के सांसद रहे पीएल पुनिया के बेटे हैं। बसपा से सांसद रहीं तबुस्सम हसन की बेटी इकरा हसन इस बार अपनी मां की सीट कैराना से चुनाव लड कर इसके परिणाम के इंतजार में हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा की पोती और पूर्व राज्य मंत्री राकेश वर्मा की बेटी श्रेया वर्मा चुनाव मैदान हैं और गोंडा से साइकिल सिंबल पर लड़ी हैं। चुनाव परिणाम आने के बाद ही श्रेया का राजनीतिक भविष्य तय होने जा रहा है। जबकि विधानसभा अध्यक्ष केसरी नाथ त्रिपाठी के बेटे नीरज त्रिपाठी भी चुनाव मैदान में उतरे हैं। पूर्व नौकरशाह नृपेंद्र मिश्र के बेटे साकेत को भाजपा ने श्रवस्ती से प्रत्याशी बनाया है। नृपेंद्र मिश्र राम जन्मभूमि निर्माण समिति के अध्यक्ष है। जियाउर्रहमान बर्क संभल से सपा के टिकट पर चुनाव लडे है वह पूर्व सपा सांसद स्व शफीकुर्रहमान बर्क के पोते हैं।
मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने एक बार फिर परिवारवाद को बढ़ावा देने का काम किया और भाई भतीजावाद का रास्ता अपनाते हुए पहली बार शिवपाल सिंह यादव के बेटे आदित्य यादव को चुनाव मैदान में उतारने का काम किया है। वहीं सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के भतीजे धर्मेंद्र यादव आजमगढ़ से और अक्षय यादव फिरोजाबाद से चुनाव मैदान में उतरे है।
पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी एवम मुलायम सिंह यादव की बहू डिंपल यादव मुलायम सिंह यादव की सीट मैनपुरी से लड़ेंगी। मुलायम के निधन के बाद रिक्त हुई मैनपुरी सीट से लोकसभा का उप चुनाव डिंपल यादव उन्हीं की यादों के सहारे जीता था।बसपा से निकलकर अपना अलग दल की स्थापना करने वालें डा सोने लाल पटेल के परिवार का आपसी झगड़ा जग जाहिर है। उनकी पत्नी कृष्णा पटेल अपनी दूसरी बेटी पल्लवी पटेल के साथ हैं। जबकि एक और बेटी
अपना दल अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल मिर्जापुर से चुनाव मैदान में उतरेंगी। वह यहां से मौजूदा सांसद भी हैं। दूसरे गुट की कमान अनुप्रिया पटेल की मां कृष्णा पटेल और बहन पल्लवी पटेल के हाथ में है। पल्लवी पटेल भी फूलपुर से चुनाव मैदान में उतरी में हैं। भाजपा के. सहयोगी दल सुभासपा के अध्यक्ष पंचायतीराज मंत्री ओम प्रकाश राजभर घोसी सीट पर बेटे अरविंद राजभर को चुनाव मैदान में उतारा हैं। यूपी सरकार के दूसरे मंत्री संजय निषाद बेटे प्रवीण निषाद को चुनाव लड़ा रहे हैं। उन्हें भाजपा ने प्रत्याशी बनाया है। निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद के लिए बेटे को जिताना प्रतिष्ठा का सवाल है।