Lok Sabha Election 2024: आजमगढ़ लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र

Lok Sabha Election 2024: काशी और अवध के मध्य की भूमि कहे जाने वाले आजमगढ़ को ऋषि-मुनियों साहित्यकारों की धरती के नाम से जाना जाता है।

Report :  Neel Mani Lal
Update: 2024-05-26 10:37 GMT

Lok Sabha Election 2024

क्षेत्र की खासियत

- प्राचीन काल में आजमगढ़ कोसल साम्राज्य का हिस्सा था, बाद में यह मल्ल साम्राज्य में शामिल हो गया।

- महात्मा बुद्ध के समय उत्तरी भारत के चार शक्तिशाली राजतंत्रों में कोसल साम्राज्य प्रमुख रूप से सामने आया और उस समय इसकी समृद्धि अपने चरम पर पहुंच गई थी।

- शाहजहां के शासनकाल के एक शक्तिशाली जमींदार आजम खां ने 1665 ई. में आजमगढ़ की स्थापना की थी।

- आजमगढ़ को प्रशासनिक रूप से ब्रिटिश हुकूमत ने 1832 में जनपद बनाया था।

- आजमगढ़ तमसा नदी के किनारे और गंगा तथा घाघरा के बीच में स्थित है।

- यहाँ पर्यटन के लिहाज से महाराजगंज, मुबारकपुर, मेहनगर, भवरनाथ मंदिर और अवन्तिकापुरी, देवल दत्त, दुर्वासा आश्रम और चंद्रमा ऋषि आश्रम प्रमुख स्थल हैं।

- काशी और अवध के मध्य की भूमि कहे जाने वाले आजमगढ़ को ऋषि-मुनियों साहित्यकारों की धरती के नाम से जाना जाता है। यह क्षेत्र राहुल सांस्कृत्यायन, अयोध्या सिंह हरिऔध, लक्ष्मीनारायण मिश्र, कैफी आजमी, अल्लामा शिब्ली के लिए भी प्रसिद्ध है।

- आजमगढ़ में चीनी की मिलें और कपड़ों की बुनाई प्रमुख उद्योग हैं।

विधानसभा क्षेत्र

- आजमगढ़ संसदीय सीट के तहत 5 विधानसभा क्षेत्र आते हैं - गोपालपुर, सगड़ी, मुबारकपुर, आजमगढ़ और मेहनगर शामिल हैं। 2022 के विधानसभा चुनाव में सभी सीटें समाजवादी पार्टी ने जीतीं थीं।


जातीय समीकरण

- इस लोकसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा ओबीसी, मुस्लिम और दलित हैं, जिसमे 21 फीसदी ओबीसी, 19 फीसदी दलित और 17 फीसदी मुस्लिम हैं। भूमिहार, ठाकुर, ब्राह्मण, कायस्थ की संख्या 4 से 8 फीसदी है।


राजनीतिक इतिहास और पिछले चुनाव

- राजनीतिक रूप से आजमगढ़ में किसी खास पार्टी या व्यक्ति के लहर का प्रभाव नहीं रहा है। 1978 में जब देश में कांग्रेस के खिलाफ लहर थी तब उपचुनाव में कांग्रेस की मोहसिना किदवई को जीत मिली। 90 के दशक में जिस वक्त पूरे देश में कांग्रेस के खिलाफ वीपी सिंह की लहर थी तब यहां जनता दल और भाजपा को बड़ी जीत मिली थी। समय के साथ साथ सपा और बसपा के गठबंधन के समय से लेकर अब तक आजमगढ़ में बारी-बारी से दोनों ने बराबरी की जीत हासिल की है।

- आजमगढ़ सीट पर 1952 से हुए चुनाव के आंकड़े देखे तो कांग्रेस अब तक 6 बार जबकि समाजवादी पार्टी 5 बार जीत चुकी है। भाजपा और बसपा को यहां से दो-दो बार सफलता मिली।

- पिछले चुनावों की बात करें तो 1952 से 1971 तक लगातार कांग्रेस के प्रत्याशी जीते।

- 1952 में अलगू राय शास्त्री, 1957 में कलिका सिंह, 1962 में राम हरख यादव, तथा 1967 और 1971 चंद्रजीत यादव कांग्रेस से जीते।

- 1977 में जनता पार्टी से राम नरेश यादव जीते

- 1978 के उपचुनाव में कांग्रेस की मोहसिना किदवई सांसद बनीं।

- 1980 के चुनाव में जनता पार्टी सेक्यूलर से चंद्रजीत यादव जीते।

- 1984 में कांग्रेस के संतोष सिंह जीते।

- 1989 में बसपा से राम कृष्णा यादव को जीत हासिल हुई।

- १९९1 में जनता दल के चंद्रजीत यादव जीते।

- 1996 में समाजवादी पार्टी से रमाकांत यादव को जीत मिली।

- 1998 में बसपा के अकबर अहमद को जीत हासिल हुई।

- 1999 और 2004 में रमाकांत यादव जीते। 1999 में सपा और 2004 में बसपा के टिकट पर।

- 2008 में हुए चुनाव में बसपा के अकबर अहमद को जीत मिली।

- 2009 में रमाकांत यादव जीते लेकिन भाजपा के टिकट पर।

- 2014 में समाजवादी पार्टी से मुलायम सिंह यादव सांसद बने।

- 2019 में सपा से अखिलेश यादव को जीत मिली।

- 2022 के उपचुनाव में भाजपा के दिनेश लाला यादव को जीत मिली।


इस बार के उम्मीदवार

- इस लोकसभा चुनाव में भाजपा ने अपने वर्तमान सांसद दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ को फिर से चुनाव में उतारा है। इंडिया अलायन्स की तरफ से समाजवादी पार्टी ने धर्मेंद्र यादव को टिकट दिया है। वहीँ बसपा ने मशहूद अहमद को मैदान में उतारा है।


स्थानीय मुद्दे

- बेरोजगारी, महंगाई, सठियांव सहकारी चीनी का बंद होना, बुनकरों की बदहाली, घाघरा की बाढ़, उद्योग धंधों की कामे प्रमुख मसले हैं।

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