Lok Sabha Election 2024: बांदा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र
Lok Sabha Election 2024: बांदा ऐसी सीट है, जहां कांग्रेस से लेकर बसपा, सपा, भाजपा और वामपंथी दल भी चुनावी परचम लहरा चुके हैं
क्षेत्र की खासियत
- मध्यप्रदेश से सटा बांदा जिला चित्रकूट मंडल का हिस्सा है। यह बुंदेलखंड रीजन में आता है।
- बांदा जिले का इतिहास पाषाण काल और नवपाषाण काल के दौर का है। ऐसी मान्यता है कि भगवान राम ने अपने 14 साल के निर्वासन के दैरान 12 साल चित्रकूट में बिताए थे।
- बांदा का नाम महर्षि वामदेव के नाम पर रखा गया था। बांदा स्थित वामदेवेश्वर मंदिर बेहद प्रसिद्ध है।
- मां महेश्वरी देवी का सात खंड का मंदिर यहां पर स्थित है। इसके अलावा संकट मोचन मंदिर, मां काली देवी मंदिर, यहां के प्रमुख धार्मिक स्थलों में हैं।
- यहां का कालिंजर का किला, भूरागढ़ का किला प्रमुख पर्यटन स्थलों में गिना जाता है।
- इस जिले के केन नदी में मिलने वाला शजर पत्थर काफी मशहूर है जिनका उपयोग मूर्तियाँ और आभूषण बनाने में किया जाता है।
विधानसभा क्षेत्र
- बांदा संसदीय सीट के तहत पांच विधानसभा क्षेत्र आते हैं - बबेरु, नरैनी, बांदा, चित्रकूट और माणिकपुर। नरैनी सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। नरैनी (एससी) और बांदा सीट भाजपा के पास है जबकि मानिकपुर सीट पर अपना दल का कब्जा है। चित्रकूट तथा बबेरू सीट समाजवादी पार्टी के खाते में है।
जातीय समीकरण
- बांदा क्षेत्र सबसे ज्यादा करीब 6 लाख सवर्ण मतदाता है। करीब इतने ही ओबीसी के तहत कुर्मी पटेल मतदाता हैं। एससी - एसटी मतदाताओं की संख्या करीब साढ़े तीन लाख है, जबकि मुस्लिम मतदाता करीब एक लाख हैं।
राजनीतिक इतिहास और पिछले चुनाव
- बांदा ऐसी सीट है, जहां कांग्रेस से लेकर बसपा, सपा, भाजपा और वामपंथी दल भी चुनावी परचम लहरा चुके हैं।
- बांदा लोकसभा सीट पर आजादी के बाद से अब तक 16 बार चुनाव हो चुके हैं। पहली बार 1957 में लोकसभा चुनाव हुए और राजा दिनेश सिंह सांसद चुने गए थे।
- अब तक कांग्रेस को 4 बार भाजपा (3 बार), सीपीआई (2 बार), बसपा (2 बार), सपा (2 बार), लोकदल (एक बार) और जनसंघ को एक बार यहां से जीत मिली है।
- 1957 के चुनाव में कालाकांकर एस्टेट के राजा दिनेश सिंह ने कांग्रेस से चुनाव लड़ा और प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के भूपेंद्र निगम उर्फ भूपत बाबू को हराया था। वह 1962 के चुनाव में भी विजयी रहे।
- 1967 में लोगों ने अपना मूड बदला और भाकपा के जागेश्वर यादव चुनाव जीते।
- 1971 में जनसंघ के रामरतन शर्मा को जीत मिली।
- 1977 के चुनाव में जनता पार्टी के अंबिका प्रसाद पांडे जीते।
- 1980 में कांग्रेस के रामनाथ दुबे और 1984 में भीष्म देव दुबे विजयी रहे।
- 1989 के चुनाव में सीपीआई के राम सजीवन को जीत मिली।
- 1991 में भाजपा के प्रकाश नारायण त्रिपाठी जीते।
- 1996 में बसपा के राम सजीवन सांसद बने।
- 1998 में भाजपा के रमेश चंद्र द्विवेदी को जीत मिली।
- 1999 में बसपा के राम सजीवन को फिर मौक़ा मिला।
- 2004 में समाजवादी पार्टी के श्यामा चरण गुप्ता और 2009 में आरके सिंह पटेल जीते।
- 2014 में भाजपा के भैरो प्रसाद मिश्र और 2019 में आरके सिंह पटेल को जीत हासिल हुई।
इस बार के उम्मीदवार
- इस बार के लोकसभा चुनाव में बसपा ने मयंक द्विवेदी को मैदान में उतारा है जबकि भाजपा ने वर्तमान सांसद आरके सिंह पटेल पर फिर भरोसा जताया है। इंडिया अलायन्स के तहत समाजवादी पार्टी ने कृष्णा देवी पटेल को प्रत्याशी बनाया है।