Lok Sabha Election 2024: बस्ती लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र
Lok Sabha Election 2024: यूपी के सबसे बड़े जिलों में सातवें स्थान पर बस्ती का स्थान आता है, इस लोकसभा क्षेत्र में दलित, ब्राह्मण, क्षत्रिय, कुर्मी और मुस्लिम समुदाय की बहुलता है
क्षेत्र की खासियत
- प्राचीन काल में बस्ती को वैशिष्ठी के नाम से जाना जाता था। वैशिष्ठी नाम वशिष्ठ ऋषि के नाम पर है जिनका ऋषि आश्रम यहीं पर था। बस्ती का वर्तमान नाम 16वीं सदी में राजा कल्हण ने रखा था।
- प्राचीन काल में बस्ती के आसपास का इलाका कौशल देश का हिस्सा हुआ करता था। माना जाता है कि श्री राम के बड़े बेटे कुश कौशल के सिंहासन पर बैठे, जबकि छोटे बेटे लव को राज्य के उत्तरी भाग का राजा बनाया गया जिसकी राजधानी श्रावस्ती थी। प्राचीन समय में बस्ती को ‘कौशल’ के नाम से जाना जाता था।
- मुगल बादशाह अकबर और उनके उत्तराधिकारियों के दौर में बस्ती जिला अवध सूबे के गोरखपुर सरकार का हिस्सा हुआ करता था।
- ब्रिटिश शासनकाल के दौरान 1801 में बस्ती तहसील मुख्यालय बन गया था और 1865 में इसे गोरखपुर कमिश्नरी में नए जिले के मुख्यालय के रूप में चुना गया।
- बस्ती कपड़ा उद्योग, चीनी मिलों के लिए भी जाना जाता है।
- अमोढ़ा, छावनी बाजार, संत रविदास वन विहार, भद्रेश्ववर नाथ, मखौडा, श्रंगीनारी, गणेशपुर, धिरौली बाबू, सरघाट मंदिर, केवाड़ी मुस्तहकम, केवाड़ी मुस्तहकम, नागर, चंदू ताल, बराहक्षेत्र, अगौना, पकरी भीखी आदि यहां के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से हैं।
- प्रख्यापत साहित्यदकार रामचंद्र शुक्लल भी बस्ती के थे।
विधानसभा क्षेत्र
- बस्ती लोकसभा क्षेत्र के तहत पांच विधानसभा सीट - हरैया, कप्तानगंज, रुधौली, बस्ती सदर और महादेवा आती हैं। 2022 के विधानसभा चुनाव में हर्रैया सीट भाजपा ने जीती थे जबकि महादेवा (एससी) सीट सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के खाते में गयी थी। कप्तानगंज, रुधौली और बस्ती सदर सीट पर समाजवादी पार्टी ने कब्जा किया था।
जातीय समीकरण
- यूपी के सबसे बड़े जिलों में सातवें स्थान पर बस्ती का स्थान आता है। इस लोकसभा क्षेत्र में दलित, ब्राह्मण, क्षत्रिय, कुर्मी और मुस्लिम समुदाय की बहुलता है।
- एक अनुमान के मुताबिक बस्ती सीट पर करीब 5.98 लाख सवर्ण, 6.20 लाख ओबीसी, 4.30 लाख अनुसूचित जाति और 1.83 लाख मुस्लिम मतदाता हैं।
राजनीतिक इतिहास और पिछले चुनाव
- इस सीट पर कांग्रेस की सबसे ज्यादा सात बार जीत हुई है जबकि भाजपा को छह बार जीत हासिल हुई है। यहाँ समाजवादी पार्टी का खाता अभी तक नहीं खुला है। सन 90 के बाद से भाजपा और बसपा के प्रत्याशी यहाँ से जीतते रहे हैं।
- बस्ती लोकसभा सीट पर 1952 के चुनाव में कांग्रेस के उदय शंकर दुबे ने जीत हासिल की थी।
- 1957 में निर्दलीय प्रत्याशी राम गरीब ने जीत हासिल की। उसी साल हुए उपचुनाव में कांग्रेस के केशव देव मालवीय सांसद चुने गए। 1962 के चुनाव में भी वही जीते।
- 1967 में कांग्रेस के शिव नारायण को जीत हासिल हुई।
- 1971 में कांग्रेस के अनंत प्रसाद धूसिया सांसद बने।
- 1977 के चुनाव में जनता पार्टी के शिव नारायण जीते।
- 19८० के चुनाव में कांग्रेस के कल्पनाथ सोनकर को जीत हासिल हुई।
- 1984 में फिर कांग्रेस के राम अवध प्रसाद को जीत मिली।
- 1989 में जनता दल के कल्पनाथ सोनकर ने जीत हासिल की।
- 1991 में भाजपा के श्याम लाल कमल सांसद चुने गए।
- 1996, 1998 और 1999 के चुंवों में भाजपा के श्रीराम चरण को जीत हासिल हुई।
- 2004 में बसपा के लाल मणि प्रसाद और 2009 के चुनाव में इसी पार्टी के अरविन्द कुमार चौधरी को जीत हासिल हुई।
- 2014 और 2019 में लगातार भाजपा के हरीश द्विवेदी जीते
इस बार के उम्मीदवार
- बस्ती लोकसभा सीट पर भाजपा ने हरीश द्विवेदी को मैदान में उतारा है। 2014 और 2019 में भी वही चुनाव जीते थे। इंडिया अलायन्स के तहत सपा ने यहां से पूर्व मंत्री रामप्रसाद चौधरी को मैदान में उतारा है। राम प्रसाद पहले बसपा में थे। जबकि बसपा ने लवकुश पटेल को उम्मीदवार बनाया है।