Lok Sabha Election: टिकट कटने के बाद भाजपा सांसद का बगावती तेवर, हाईकमान से पूछे सवाल, कांग्रेस ने डाले डोरे
Lok Sabha Election 2024: राजस्थान की चूरू लोकसभा सीट से सांसद राहुल कस्वां ने टिकट काटने पर सवाल उठाते हुए बगावती तेवर दिखाए है।
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा की ओर से घोषित 195 उम्मीदवारों की पहली सूची में कई सांसदों के टिकट काटे गए हैं। इन सांसदों की जगह पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की ओर से नए चेहरों को मौका दिया गया है। टिकट कटने के बाद भाजपा के कई नेताओं ने राजनीति को अलविदा कह दिया है तो कई मौजूदा सांसदों ने पार्टी नेतृत्व के फैसले को स्वीकार करते हुए चुप्पी साध रखी है।
वहीं दूसरी ओर राजस्थान की चूरू लोकसभा सीट से सांसद राहुल कस्वां ने टिकट काटने पर सवाल उठाते हुए बगावती तेवर दिखाए है। कस्वां की जगह बीजेपी ने दो बार के गोल्ड मेडल विजेता पैरालंपिक खिलाड़ी देवेंद्र झाझरिया को चुनावी मैदान में उतारा है। टिकट काटे जाने के बाद कस्वां ने हाईकमान पर सवालों की बौछार कर दी है। उनके इस तेवर को देखते हुए कांग्रेस ने भाजपा सांसद पर डोरे डालने शुरू कर दिए हैं। भाजपा सांसद के तेवर को देखते हुए माना जा रहा है कि वे आने वाले दिनों में कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं।
हाई मकमान पर सवालों की बौछार
भाजपा हाईकमान की ओर से उठाए गए कदम के बाद कस्वां ने एक्स पर अपनी पोस्ट में अपना दर्द बयां किया है। उन्होंने पार्टी नेतृत्व के फैसले पर सवाल उठाते हुए पूछा कि क्या उनकी ईमानदारी, कड़ी मेहनत, समर्पण के बारे में कोई संदेह है या क्या वह दागी हैं। अपनी पोस्ट में उन्होंने लिखा है कि आखिर मेरा गुनाह क्या था...? क्या मैं ईमानदार नहीं था ? क्या मैं मेहनती नहीं था ? क्या मैं निष्ठावान नहीं था ? क्या मैं दागदार था ? क्या मैंने चूरू लोकसभा में काम करवाने में कोई कमी छोड़ दी थी ?
उन्होंने लिखा कि प्रधानमंत्री जी की सभी योजनाओं के क्रियान्वयन में,मैं सबसे आगे था। और क्या चाहिए था ? जब भी इस प्रश्न को मैंने पूछा,सभी निरुत्तर और निःशब्द रहे। कोई इसका उत्तर नही दे पा रहा। शायद मेरे अपने ही मुझे कुछ बता पाएं।
चूरू सीट पर भाजपा सांसद की मजबूत पकड़
जाट समुदाय से ताल्लुक रखने वाले राहुल कस्वां की चूरू लोकसभा सीट पर मजबूत पकड़ मानी जाती है। उन्होंने 2014 और 2019 में इस लोकसभा सीट पर चुनाव जीता था और उन्हें इस बार भी टिकट का प्रबल दावेदार माना जा रहा था। 2019 के चुनाव में राहुल को 59.59 फीसदी वोट मिले थे जबकि 2014 में उन्हें 33.97 फीसदी वोट मिले थे।
राहुल कस्वां के पिता राम सिंह कस्वां भी चूरू लोकसभा सीट से तीन बार चुनाव जीत चुके हैं। उन्होंने 1999, 2004 और 2009 में इस लोकसभा सीट पर जीत हासिल की थी। यही कारण है कि इस लोकसभा क्षेत्र को राहुल के कुनबे का मजबूत गढ़ माना जाता रहा है। ऐसे में उनका बागी तेवर पार्टी के लिए महंगा साबित हो सकता है।
जल्द उठा सकते हैं बड़ा कदम
उन्होंने अपनी एक अन्य पोस्ट में लिखा है कि राम राम चूरू लोकसभा परिवार। आपका साथ और विश्वास पाकर हर संकट को मात देकर ध्येय मार्ग पर बढ़ते जाएंगे,उत्थानों के शिखर चढ़ते जाएंगे। आप सभी संयम रखें। आगामी कुछ दिनों बाद आपके बीच उपस्थित रहूंगा जिसकी सूचना आपको दे दी जाएगी।
उनकी इस पोस्ट के बाद माना जा रहा है कि वे जल्द ही बड़ा कदम उठा सकते हैं। वे जल्द ही कांग्रेस में शामिल होने या निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरने का बड़ा ऐलान कर सकते हैं। हालांकि उन्होंने अभी इस बाबत साफ तौर पर कुछ नहीं कहा है।
सांसद को लुभाने में जुटी कांग्रेस
चूरू के सांसद राहुल कस्वां के बगावती तेवर को देखते हुए कांग्रेस ने उनके ऊपर डोरे डालने शुरू कर दिए हैं। बीकानेर कांग्रेस के जिला प्रमुख बिशनाराम सियाग ने सोशल मीडिया पर शेयर किया कि अगर कस्वां कांग्रेस के साथ आ गए तो उनकी जीत 100 फीसदी पक्की है। राहुल की ओर से सोशल मीडिया पर अपना गुनाह पूछे जाने पर बिशनाराम ने लिखा कि आपका गुनाह यह था कि आपने सामंतवाद की गुलामी कभी स्वीकार नहीं की।
राहुल कस्वां को उकसाते हुए उन्होंने यहां तक लिखा है कि द्वंद कहां तक पाला जाए। युद्ध कहां तक टाला जाए। तू भी है तेजा का वंशज। फेक जहां तक भाला जाए। सियासी जानकारी का मानना है कि राहुल कस्वां की पोस्ट के बाद कांग्रेस उन्हें लुभाने की कोशिश में जुटी हुई है और जल्द ही इसका बड़ा नतीजा दिख सकता है।