Lok Sabha Election 2024: फर्रुखाबाद में भाजपा के लिए बसपा का ब्राह्मण प्रत्यासी बना गले की फांस

Lok Sabha Election 2024: बसपा क्रांति पांडे ने कहा कि उन्हें हर वर्ग का सहयोग मिल रहा है। इन्ही मतदाताओं की दम पर वह चुनाव मैदान में उतरे हैं। विकास उनकी पहली प्राथमिकता रहेगी।

Report :  Ajay Chauhan
Update: 2024-05-01 05:11 GMT

Lok Sabha Election 2024: फर्रुखाबाद लोकसभा में चौथे चरण के मतदान से पहले तमाम राजनैतिक दलों ने चुनाव प्रचार जोर-शोर से शुरू कर दिया है। भारतीय जनता पार्टी ने तीसरी बार मुकेश राजपूत पर दांव खेला है, वहीं सपा ने डॉक्टर नवल किशोर को प्रत्याशी बनाया है। बसपा ने जातिगत समीकरण को साधते हुए क्रांति पांडे को ब्राह्मण चेहरे के तौर पर चुनाव मैदान में उतारा है।

बसपा के प्रत्यासी क्रांति पांडे अपने संसदीय क्षेत्र की एटा जिले की विधान सभा अलीगंज पहुंचे, जहां उन्होंने ग्रामीण इलाकों में चुनाव प्रचार किया और अपनी पार्टी की विशेषताएं गिनाते हुए वोट मांगे। बसपा प्रत्याशी पांडे ने युवा बसपा नेता सऊद अली खां उर्फ जुनैद मियां के आवास पर प्रेस वार्ता की। इस दौरान उन्होंने ने भाजपा और सपा को आड़े हाथों लिया। फर्रुखाबाद लोकसभा क्षेत्र में जातिगत समीकरण की बात की जाए तो इस लोकसभा में ब्राह्मण मतदाताओं की बहुतायत है। पूर्व के चुनावों में ब्राम्हण मतदाता भाजपा को मत करते चले आएं हैं। लेकिन इस बार बसपा प्रत्यासी भाजपा के लिए मुसीबत खड़ी कर सकता है।

हर वर्ग का मिल रहा समर्थन : बसपा प्रत्याशी

प्रेस वार्ता के दौरान क्रांति पांडे ने कहा की सवर्णों, पिछड़ों और दलितों का भाजपा और सपा शासन में शोषण हुआ है। उन्हें हर वर्ग का सहयोग मिल रहा है। इन्ही मतदाताओं की दम पर वह चुनाव मैदान में उतरे हैं। विकास उनकी पहली प्राथमिकता रहेगी। प्रेसवार्ता के दौरान जब उनसे पूछा गया कि आज देश की राजनीति मे सवर्ण विरोधी फैक्टर पर सभी पार्टियां कार्य कर रही है, आज देश में पिछड़ों, अल्पसंख्यक, दलित और आदिवासी के सामाजिक उत्थान के लिए हर पार्टी अपने को उनके मसीहा के रूप में दिखा रही है, ऐसे मैं आप एटा व फर्रुखाबाद मैं एक मात्र सवर्ण प्रत्याशी हैं। इस सवाल पर उन्होंने कहा कि मायावती और बसपा की नीति सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय की है, जिसके चलते समाज के हर वर्ग का सहयोग मिल रहा है। फर्रुखाबाद लोकसभा सीट पर बसपा के सवर्ण प्रत्याशी को सजातीय मतदाताओं के अलावा अल्पसंख्यक और बसपा के कोर मतदाता मिलने से ये मुकाबला अब त्रिकोडीय होता जा रहा है। उनके साथ पूर्व सांसद और अल्पसंख्यक समुदाय के नेता सऊद अली खां उर्फ जुनेद मियां कंधे से कंधा लगाकर जनसंपर्क मैं उनको सहयोग कर रहे हैं।  

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