Lok Sabha Election 2024: धौरहरा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र, यहाँ के लोगों ने नहीं दिया सपा व बसपा को मौक़ा

Lok Sabha Election 2024: धौरहरा लोकसभा सीट पर चौथी बार लोकसभा चुनाव होने जा रहा है

Written By :  Neel Mani Lal
Update: 2024-05-12 08:00 GMT

Lok Sabha Election 2024

Lok Sabha Election 2024: यह सीट लखीमपुर खीरी जिले में पड़ती है और यह सीट अस्तित्व में 2008 में आई थी। इस लोकसभा सीट को बनाने के लिए लखीमपुर खीरी और सीतापुर जिलों के कुछ क्षेत्रों को शामिल किया गया था।यह संसदीय क्षेत्र देश के 250 सबसे पिछड़े जिलों में से एक है।धौरहरा महोत्सव यहां का पारंपरिक आयोजन है।

विधानसभा क्षेत्र

धौरहरा लोकसभा क्षेत्र के तहत कुल 5 विधानसभा सीटें - धौरहरा, कास्ता, मोहम्मदी, मोहाली और हरगांव आती हैं। 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में इन सभी 5 सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल करते हुए क्लीन स्वीप किया था।


जातीय समीकरण

जातिगत आंकड़ों के अनुमान की बात करें तो इस क्षेत्र में ओबीसी साढ़े 5 लाख, सवर्ण चार लाख, मुस्लिम 3 लाख, दलित साढ़े 3 लाख वोटर हैं। यह माना जाता है कि ओबीसी वोटर के साथ सवर्ण तय करता हैं कि कौन सांसद बनेगा।


राजनीतिक इतिहास और पिछले चुनाव

  • धौरहरा लोकसभा सीट पर अभी तक तीन चुनाव हुए हैं, जिसमें पहला चुनाव कांग्रेस ने जीता था और पिछले दो लोकसभा चुनाव भाजपा जीती है। धौरहरा लोकसभा सीट पर चौथी बार लोकसभा चुनाव होने जा रहा है।
  • 2009 में पहली बार चुनाव हुए तो कांग्रेस नेता जितेंद्र प्रसाद के बेटे जितिन प्रसाद चुनाव जीते थे। जितिन प्रसाद शाहजहांपुर से चुनाव जीत कर यहां आए थे।
  • 2014 के चुनाव में मोदी लहर का असर साफ देखने को मिला। भाजपा की ओर से रेखा वर्मा ने करीब 34 फीसदी वोट हासिल किए और बड़ी जीत दर्ज की। बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार दूसरे, समाजवादी पार्टी तीसरे और कांग्रेस की ओर से पूर्व सांसद जितिन प्रसाद चौथे नंबर पर रहे।
  • 2019 में भाजपा प्रत्याशी रेखा वर्मा को जीत हासिल हुई। बसपा के अरशद इलियास सिद्दीकी दूसरे नंबर पर रहे और कांग्रेस के जितिन प्रसाद तीसरे नंबर पर रहे थे।

इस बार के उम्मीदवार

- भाजपा की कोशिश यहां पर लगातार जीत की हैट्रिक लगाने की है। इस बार इंडिया अलायन्स के तहत समाजवादी पार्टी ने आनंद सिंह भदैरिया को उतारा है, जबकि भाजपा से रेखा अरुण वर्मा, और बसपा से श्याम किशोर अवस्थी मैदान में हैं।


स्थानीय मुद्दे

शिक्षा और बेरोजगारी यहाँ के सबसे बड़े मुद्दे हैं।

किसानों की समस्याएं, गन्ना बकाया और बाढ़ भी प्रमुख मसले हैं।



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