Lok Sabha Election 2024: सपा प्रत्याशी ने भाजपा के जातिगत समीकरण बिगाड़े, एटा सीट पर जमीनी हालात समझिए

Lok Sabha Election 2024: एटा जनपद प्रदेश की राजनीति में एक खासा स्थान रखता है। एटा वह जनपद है जिसने अब तक रामनरेश यादव, मुलायम सिंह यादव तथा कल्याण सिंह जैसे नेताओं को अपना आशीर्वाद देकर लखनऊ और दिल्ली पहुंचाया है।

Report :  Sunil Mishra
Update:2024-04-22 14:12 IST

बीजेपी प्रत्याशी राजवीर सिंह राजू भैया और सपा प्रत्याशी देवेश शाक्य (Pic: Newstrack) 

Lok Sabha Election: उत्तर प्रदेश की चर्चित एटा लोकसभा सीट पर इस बार सीधा मुकाबला भाजपा और सपा के बीच होता नजर आ रहा है। वहीं, बसपा प्रत्याशी कुछ खास करते नजर नहीं आ रहे हैं। किसान क्रांति दल के ब्राह्मण प्रत्याशी भी ब्राह्मण मतदाताओं की नाराजगी के चलते भाजपा को भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं। क्योंकि, इस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष किसान नेता भानु प्रताप सिंह हैं, जो जनपद की राजनीति में तथा किसानों में खासा रसूख रखते हैं। इस चुनाव मैदान में गैर मान्यता प्राप्त दल किसान क्रांति दल, पीपुल्स पार्टी ऑफ इंडिया, बहुजन मुक्ति पार्टी के साथ-साथ तीन निर्दलीय भी मैदान में ताल ठोक रहे हैं।

एटा जनपद प्रदेश की राजनीति में एक खासा स्थान रखता है। एटा वह जनपद है जिसने अब तक रामनरेश यादव, मुलायम सिंह यादव तथा कल्याण सिंह जैसे नेताओं को अपना आशीर्वाद देकर लखनऊ और दिल्ली पहुंचाया है। वहीं इस बार एटा से कल्याण सिंह के पुत्र राजवीर सिंह उर्फ राजू भैया को भाजपा ने पुनः टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा है।  वह जनता के बीच जाकर तीसरी बार हैट्रिक बनाने के लिए चुनावी मैदान में हैं। वहीं सपा ने भी इस बार शाक्य प्रत्याशी को मैदान में उतारकर भाजपा की जीत में सेंध लगाने का कार्य किया है।

एटा जनपद में बीजेपी के अंदर गुटबाजी

एटा जनपद में भाजपा भीतर ही गुटबाजी चल रही है, जिसमें एक पक्ष भाजपा प्रत्याशी को जिताना चाहता है। वहीं, भाजपा का दूसरा पक्ष राजवीर सिंह उर्फ राजू भैया को अलीगढ़ वापस भेजना चाहता है। एटा की जनता तथा नेताओं का कहना है कि एटा जनपद में कब तक दूसरी जनपद यानी बाहरी लोग सांसद बनकर एटा की जनता को ठगते रहेंगे। हालांकि बसपा ने एटा के प्रत्याशी को मैदान में उतारकर जनता की कुछ सिंपैथी हासिल की है।

मतदाताओं का कहना है कि बीते 10 वर्षों तक राजू भैया को किसी भी मतदाता की याद नहीं आई। पिछले कार्यकालों में वह सिर्फ अपने लोगों के बीच तक ही सिमट कर रह गए। इस बार मतदाताओं की माने तो भाजपा का बेस वोट ब्राह्मण ठाकुर, बनिया, लोधी शाक्य मतदाता उनसे कटते नजर आ रहे हैं। यह बात भाजपा नेता भी जानते हैं, किंतु सभी को भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सहारे वह अपनी नैया पार करने की कोशिश में है।

वही भाजपा प्रत्याशी राजवीर सिंह राजू भैया तथा भाजपा नेताओं का कहना है कि उनका तथा भाजपा का बोट उनसे हटा नहीं बल्कि और मजबूती से जुड़ा है। इस बार वह पहले से भी अधिक मतों से विजयी होगे एक नया इतिहास रचेंगे । वहीं सपा प्रत्याशी देवेश शाक्य का मानना है कि इस चुनाव में उनका सजातीय मत शाक्य उन्हें 80% एक जुटता से मिलेगा साथ ही सपा का यादव मुस्लिम वोट के अलावा क्षत्रिय, ब्राह्मण, वैश्य तथा सभी वर्गों का वोट उसे मिलेगा, जहाँ तक हमें भाजपा प्रत्याशी का सजातीय वोट भी मिलेगा। 

सपा प्रत्याशी देवेश शाक्य का कहना है कि हमारी जीत में इस बार वह लोग चार चांद लगाएगे जो भाजपा प्रत्याशी की कार्यप्रणाली सपा से टूट कर भाजपा में गये नेताओं व भाजपा की नीति तथा उनके एटा की जनता के बीच में न रहकर उनकी उपेक्षा करने से नाराज हैं। जो भाजपा को मतदान नहीं करना चाहते सभी नाराज मतदाताओं का मुझे क्षेत्र में जाने पर, स्नेह एवं आशीर्वाद मिल रहा है और उन्होंने विश्वास पूर्वक कहा कि मैं इस बार भाजपा प्रत्याशी को अवश्य पराजित करूंगा।

'मुश्किल में बीजेपी प्रत्याशी'

क्षेत्रीय एटा कासगंज के लोगों से बातचीत करने पर पता चला कि आम जनमानस देश में भाजपा की सरकार तो बनाना चाहता है। किंतु उन्ही भाजपा सरकार बनाने वालों का कहना है कि अगर भाजपा एटा की सीट हार भी जाएगी तो भी भाजपा की सरकार बनेगी, एक सीट से सरकार पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। यही सोच अगर चुनावी समय में भी लोगों के दिमाग में रही तो लगता है कि कहीं एटा में भाजपा की नैया डूब न जाये।

भाजपा प्रत्याशी मतदाताओं के आक्रोश तथा गुस्सा को कम कर लेते हैं तो शायद उनके जीत की राह में रोडा कुछ कम हो जाए। जहां एक ओर सपा प्रत्याशी मतदाताओं के घर-घर जाकर उन्हें अपने पक्ष में मतदान करने के लिए मना रहे हैं। वहीं, भाजपा प्रत्याशी जनसभाएं कर वोट मांग कर अपनी जीत सुनिश्चित करते दिखाई दे रहे हैं। भाजपा प्रत्याशी राजवीर सिंह राजू भैया की माने तो एटा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की जनसभाएं भी चुनाव से पूर्व हो सकती हैं।

वहीं सपा प्रत्याशी के पक्ष में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोरों में 28 अप्रैल को एक जनसभा होने की सूचना है। आने वाले समय में ऊंट किस करवट बैठता है यह तो मतदाता ही बताएगा। वहीं, अभी तक भाजपा, सपा-बसपा प्रत्याशी सहित चुनाव मैदान में 10 प्रत्याशी ताल ठोक रहे हैं।  

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