Loksabha Election 2024: यूपी में 5वें चरण में 14 सीटों पर कल होगा मतदान, राहुल गांधी और भाजपा के 5 मंत्री की साख दांव पर
Loksabha Election 2024: यूपी में पांचवें चरण में लखनऊ, मोहनलालगंज, रायबरेली, अमेठी, जालौन, झांसी, हमीरपुर, बांदा, फतेहपुर, कौशाम्बी, बाराबंकी, फैजाबाद, कैसरगंज, गोण्डा में मतदान होगा। इन सीटों पर अपनी किस्मत आजमा रहे कुल 144 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला 2.68 करोड़ मतदाताओं को करना है।
Loksabha Election 2024: यूपी में लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण का मतदान कल यानी की सोमवार को सुबह 7.00 से शाम 6.00 बजे तक होगा। पांचवें चरण में यूपी के लखनऊ, मोहनलालगंज, रायबरेली, अमेठी, जालौन, झांसी, हमीरपुर, बांदा, फतेहपुर, कौशाम्बी, बाराबंकी, फैजाबाद, कैसरगंज, गोण्डा में मतदान होगा। इन सीटों पर अपनी किस्मत आजमा रहे कुल 144 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला 2.68 करोड़ मतदाताओं को करना है। बता दें कि इस चुनाव में मोदी सरकार में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, कौशल किशोर, साध्वी निरंजन ज्योति, भानु प्रताप वर्मा और योगी सरकार के मंत्री दिनेश सिंह रायबरेली से कांग्रेस के नेता राहुल गांधी के खिलाफ ताल ठोक रहे हैं। अगर इन 14 सीटों पर लोकसभा चुनाव 2019 की बात करें तो 13 पर भाजपा का कब्जा था, सिर्फ रायबरेली में सोनिया गांधी जीती थीं।
लखनऊ लोकसभा सीट
लखनऊ लोकसभा सीट पर भाजपा की ओर से रक्षामंत्री राजनाथ सिंह तीसरी बार मैदान में हैं। वहीं सपा ने अपने जुझारू विधायक रविदास मेहरोत्रा को मैदान में उतारा है। बसपा से सरवर मलिक मैदान में हैं। बसपा भले ही नजर नहीं आ रही हो, पर सपा के वोटबैंक में सेंधमारी तो करेगी ही। ऐसे में इसका सबसे अधिक फायदा भाजपा को ही मिलेगा। वैसे भी लखनऊ को भाजपा का मजबूत गढ़ माना जाता है।
अमेठी लोकसभा सीट
अमेठी लोकसभा सीट पर केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने पिछली बार कांग्रेस के राहुल गांधी को हराकर बड़ा उलटफेर किया था। कांग्रेस ने गांधी परिवार के भरोसेमंद किशोरी लाल शर्मा पर दांव लगाया है। वहीं, बसपा ने नन्हे सिंह चौहान को मैदान में उतारा है। प्रियंका गांधी वाड्रा ने कांग्रेस के प्रचार की खुद कमान संभाली है। राहुल व अखिलेश यादव ने भी यहां साझा सभा की। वहीं सीएम योगी आदित्यनाथ स्मृति के लिए दो, तो भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा एक बार जनसभा कर चुके हैं। आखिरी दिन केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रोड शो भी किया है।
रायबरेली लोकसभा सीट
रायबरेली लोकसभा सीट पर कांग्रेस की ओर से इस बार सोनिया गांधी की जगह राहुल गांधी मैदान में हैं। भाजपा ने योगी सरकार के मंत्री दिनेश प्रताप सिंह को दोबारा उतारा है। वहीं बसपा ने ठाकुर प्रसाद यादव को मैदान में उतारकर मुकाबले को दिलचस्प बनाने की कोशिश की है। बेटे राहुल की जीत पक्की करने के लिए अस्वस्थ होने के बावजूद सोनिया उनके नामांकन और सभा में शामिल हुईं। भाजपा ने भी इस सीट पर राहुल की राह में कांटे बिछाने की पूरी कोशिश की है। न सिर्फ सपा विधायक मनोज पांडेय को भाजपा में शामिल कर लिया, बल्कि प्रदेश की यह इकलौती सीट है, जिस पर दो बार जनसभा के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आए। यहां कांग्रेस और भाजपा में सीधी लड़ाई है।
बांदा लोकसभा सीट
बांदा लोकसभा सीट पर भाजपा ने सपा से आए आरके पटेल पर दूसरी बार दांव लगाया है। वह भाजपा के परंपरागत वोटबैंक के साथ बिरादरी के सहारे हैं, लेकिन ब्राह्मण मतदाताओं में नाराजगी है। सपा ने भाजपा सरकार में मंत्री रहे शिवशंकर सिंह पटेल की पत्नी पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष कृष्णा पटेल पर दांव लगाया है। सपा का परंपरागत वोटबैंक साथ है, लेकिन बिरादरी को साधना चुनौती है। बसपा ने पूर्व विधायक पुरुषोत्तम नरेश द्विवेदी के बेटे मयंक द्विवेदी को मैदान में उतार कर चुनाव को रोचक बना दिया है।
हमीरपुर लोकसभा सीट
हमीरपुर लोकसभा सीट पर भाजपा ने दो बार से लगातार सांसद पुष्पेंद्र सिंह चंदेल को मैदान में उतारा है। वह हैट्रिक लगाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। सपा से अजेंद्र सिंह राजपूत के मैदान में उतारने से लोधी वोट खिसक गया है। बसपा ने कांग्रेस छोड़कर हाथी पर सवार होने वाले निर्दोष दीक्षित पर दांव लगाया है। वह पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं। उन्हें बसपा के कोर वोटबैंक के साथ ही ब्राह्मणों पर भरोसा है।
जालौन लोकसभा सीट
जालौन लोकसभा सीट पर भाजपा ने केंद्रीय राज्यमंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा पर तीसरी बार दांव लगाया है। सपा ने बसपा सरकार में मंत्री रहे नारायण दास अहिरवार को मैदान में उतारा है। वे सपा के परंपरागत वोटबैंक के साथ ही बसपा में सेंधमारी का प्रयास कर रहे हैं। बसपा ने बिजली विभाग से सेवानिवृत्त सुरेश चंद्र गौतम को मैदान में उतारा है। उन्हें भी बसपा के परंपरागत वोटबैंक का सहारा है।
झांसी लोकसभा सीट
झांसी लोकसभा सीट पर भाजपा ने अनुराग शर्मा को दूसरी बार मैदान में उतारा है। 2019 में वह पहली बार जीते थे। उधर, कांग्रेस ने पुराने चेहरे और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य पर दांव लगाया है। जैन 2009 में इस सीट से सांसद रह चुके हैं। बसपा ने अयोध्या से लाकर पिछड़े चेहरे रवि प्रकाश कुशवाहा को प्रत्याशी बनाया है। भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर के आसार हैं।
फैजाबाद लोकसभा सीट
फैजाबाद लोकसभा सीट पर भाजपा ने दो बार से सांसद लल्लू सिंह को फिर मौका दिया है। सपा ने पूर्व मंत्री अवधेश प्रसाद को उतारा है। सपा से पूर्व मंत्री आनंद सेन को टिकट न मिलने से उनके भाई पूर्व आईपीएस अरविंद सेन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से मैदान में आ गए हैं। वह सपा को नुकसान पहुंचा रहे हैं। बसपा ने सच्चिदानंद पांडेय को उतारा है, वह भाजपा के बेस वोट ब्राह्मणों में सेंध लगाने की कोशिश कर रहे हैं। भाजपा व सपा प्रत्याशियों की सीधी लड़ाई में अरविंद सेन व सच्चिदानंद की भूमिका अहम हो गई है।
कैसरगंज लोकसभा सीट
कैसरगंज लोकसभा सीट पर 2014 से ही भाजपा के बृजभूषण शरण सिंह का कब्जा चला आ रहा है। इस बार भाजपा ने उनका टिकट काटकर उनके बेटे करण भूषण सिंह को मैदान में उतारा है। सपा ने वरिष्ठ वकील भगत राम मिश्रा को मैदान में उतारकर ब्राह्मण बहुल इस सीट पर भाजपा की राह में रोड़ा अटकाने का प्रयास किया है। बसपा ने भी ब्राह्मण चेहरे नरेंद्र पांडेय को मैदान में उतार कर लड़ाई को पेचीदा बनाने की कोशिश की है।
गोंडा लोकसभा सीट
गोंडा लोकसभा सीट पर भाजपा ने लगातार तीसरी बार कीर्तिवर्धन सिंह को मैदान में उतारा है। सपा ने कद्दावर नेता रहे पूर्व मंत्री स्व. बेनी प्रसाद वर्मा की पौत्री श्रेया वर्मा को उतारा है। इस बार 2014 और 2019 की तरह कोई लहर नहीं होने और मौजूदा सांसद से नाराजगी की वजह से भाजपा और सपा के बीच कांटे की टक्कर है। हालांकि, बसपा ने भी सौरभ मिश्रा को उतारकर ब्राह्मण बहुल इस सीट पर त्रिकोणीय लड़ाई की पटकथा लिख दी है।
बाराबंकी लोकसभा सीट
बाराबंकी लोकसभा सीट पर भाजपा ने सांसद उपेंद्र रावत का टिकट काटकर जिला पंचायत अध्यक्ष राजरानी रावत को मैदान में उतारा है। वहीं, इंडी गठबंधन के तहत यह सीट कांग्रेस के हिस्से में है। कांग्रेस ने पूर्व सांसद पीएल पुनिया के बेटे तनुज पुनिया को उतारा है। बसपा ने शिव कुमार दोहरे पर दांव लगाया है। बहरहाल मतदाता भाजपा और कांग्रेस उम्मीदवार के बीच ही मुख्य लड़ाई मान रहे हैं।
फतेहपुर लोकसभा सीट
फतेहपुर लोकसभा सीट निषाद और कुर्मी बहुल है। भाजपा ने केंद्रीय मंत्री निरंजन ज्योति को फिर उतारा है। वह इस सीट पर लगातार तीसरी बार जीत की हसरत में एड़ी-चोटी का जोर लगाए हैं। उनका विजय रथ रोकने के लिए सपा ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रहे नरेश उत्तम पटेल को मैदान में उतारा है। बसपा ने मनीष सिंह सचान पर दांव लगाया है। बसपा और सपा का प्रत्याशी एक ही बिरादरी का होने के नाते सपा की चुनौतियां बढ़ी हैं।
कौशांबी लोकसभा सीट
कौशांबी लोकसभा सीट पर भाजपा ने अपने मौजूदा सांसद विनोद सोनकर को ही हैट्रिक की आस में उतारा है। सपा ने कद्दावर नेता इंद्रजीत सरोज के पुत्र पुष्पेंद्र सरोज को उतारा है। बसपा ने पूर्व डीएसपी शुभ नारायण को उतारकर मुकाबला त्रिकोणीय बनाने की कोशिश की है। 32 फीसदी दलित आबादी वाली इस सीट पर सारी लड़ाई जातीय समीकरणों पर टिकी हुई है।