Lok Sabha Election 2024: हरदोई लोकसभा क्षेत्र, जिस भी दल के हाथ लगेगी बाज़ी बनायेगा रिकार्ड

Lok Sabha Election 2024: हरदोई सदर लोकसभा सीट आजादी के बाद से ही अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व है, यह सीट कभी काग्रेस का गढ़ हुआ करती थी

Report :  Neel Mani Lal
Update: 2024-05-12 10:29 GMT

Lok Sabha Election 2024

Lok Sabha Election 2024: हरदोई पौराणिक नगरी है। मान्यता है कि यहां भगवान विष्णु ने दो बार अवतार लिया। पहला वामन अवतार के रूप में तो दूसरी बार नरसिंह भगवान के रूप में। पौराणिक कथाओं के अनुसार, पूर्व में राक्षसराज हिरण्यकश्यप यहां का राजा था और तब हरदोई का नाम हरिद्रोही था। हिरण्यकश्यप भगवान विष्णु का शत्रु था। लेकिन उसका पुत्र प्रहलाद विष्णु का उपासक था। इसलिए हिरण्यकश्यप अपने पुत्र प्रहलाद को मारना चाहता था। भगवान विष्णु ने अपने भक्त की रक्षा की। नरसिंह का अवतार लेकर हिरण्यकश्यप का वध कर दिया। इसके बाद यहां का नाम हरदोई हो गया।

- अंग्रेजों के शासन काल में जिला मुख्यालय मल्लावां हुआ करता था, जो अब हरदोई में है।

- हरदोई के मल्लावां, बिल्ग्राम, पिहानी, शाहबाद, संडीला और रुईया जैसे स्थल ऐतिहासिक महत्व के माने जाते हैं। कुछ इतिहासकारों के अनुसार मल्लावां को बौद्धों द्वारा बसाया गया था।

विधानसभा क्षेत्र

- हरदोई लोकसभा सीट के तहत पांच विधानसभा सीटें - सवैजपुर, शाहाबाद, हरदोई, गोपामऊ (एससी) और सांडी (एससी) आती हैं। इनमें सभी सीटों पर भाजपा का कब्जा है।


जातीय समीकरण

- हरदोई सीट के क्षेत्र में अनुसूचित जाति की आबादी करीब 30.79 फीसदी है। साथ ही मुस्लिम मतदाताओं की संख्या करीब 13 फीसदी है। कुर्मी और ब्राह्मण मतदाताओं के अलावा ओबीसी की बड़ी आबादी इस क्षेत्र में हार जीत तय करने में अहम भूमिका निभाती रही है।


राजनीतिक इतिहास और पिछले चुनाव

- हरदोई सदर लोकसभा सीट आजादी के बाद से ही अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व है। यह सीट कभी काग्रेस का गढ़ हुआ करती थी। इस सीट पर 6 बार कांग्रेस, तीन बार सपा और 4 बार भाजपा जीती है। जनसंघ प्रत्याशी ने भी इस सीट पर जीत दर्ज की थी।

- हरदोई को बीजेपी नेता नरेश अग्रवाल का गढ़ माना जाता है। पिछले तीन दशकों से हरदोई विधानसभा सीट पर नरेश अग्रवाल के खानदान का दबदबा है। एक बार उनके पिता श्रीशचंद अग्रवाल, 7 बार खुद नरेश अग्रवाल और 4 बार उनके पुत्र नितिन अग्रवाल जीत चुके चुके हैं।

- लोकसभा के लिए 1952 में हुए चुनाव में कांग्रेस के छेदा लाल गुप्ता पहली बार इस सीट से चुने गए थे। 1957 में जनसंघ ने इस सीट पर कब्जा जमाया। 1957 में हुए उप चुनाव में कांग्रेस ने फिर इस सीट पर कब्जा जमाया। छेदा लाल गुप्ता ने जीत दर्ज की।

- इसके बाद 1062,1967 और 1971 में कांग्रेस के किंदर लाल ने हैट्रिक लगाई।

- 1977 में जनता पार्टी के परमाई लाल ने जीत जीत दर्ज की। 1980 कांग्रेस के मन्नीलाल और 1984 में कांग्रेस के किंदर लाल जीते।1989 में यहां जनता दल के परमाई लाल और 1990 में जनता दल के ही चौधरी चांद राम जीते।

- 1991 में बीजेपी ने पहली बार यहां से जीत हासिल की और जयप्रकाश रावत पहली बार सांसद पहुंचे। 1996 में भी जयप्रकाश रावत भाजपा प्रत्याशी के रूप में विजयी हुए।

- 1998 में समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी ऊषा वर्मा सांसद चुनी गईं।

- 1999 में लोकतांत्रिक कांग्रेस के प्रत्याशी के रूप में जयप्रकाश रावत ने जीत दर्ज की।

- 2004 और 2009 में समाजवादी पार्टी की ऊषा वर्मा ने जीत दर्ज की।

- 2014 में बीजेपी ने अंशुल वर्मा को इस सीट से उतारा और शानदार जीत दर्ज की।

- 2019 में बीजेपी ने सिटिंग सांसद अंशुल वर्मा का टिकट काटकर जयप्रकाश रावत पर दांव लगाया और उन्होंने जीत दर्ज की।


इस बार के उम्मीदवार

- हरदोई लोकसभा सीट पर तीनों प्रत्याशियों में विजयी कोई हो उसका रिकार्ड बनेगा। भाजपा की जीत होगी तो उसके प्रत्याशी जय प्रकाश पांचवीं बार सांसद होंगे। सपा के जीतने पर ऊषा वर्मा चार बार सांसद बनने वाली एकमात्र महिला होंगी। बसपा की जीत होने पर उसके प्रत्याशी भीमराम अंबेडकर पहले सांसद होंगे।


स्थानीय मुद्दे

बेरोजगारी, किसानों की समस्याएं, विकास की कमी यहाँ के प्रमुख मसले हैं।



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