Lok Sabha Election 2024 : क्या फंस गई यूपी की एटा लोकसभा सीट?

Lok Sabha Election 2024 : भाजपा के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री रहे कल्याण सिंह का रसूख समझे जाने वाली एटा लोकसभा पर क्या भाजपा उम्मीदवार की राहों में अड़चन खड़ी हो गई है। कभी इस सीट से कल्याण सिंह ने संसद का रास्ता देखा था और बीते 2009 के लोकसभा चुनाव से इस सीट पर उनके परिवार का कब्जा है।

Written By :  Rajnish Verma
Update: 2024-05-23 17:11 GMT

Lok Sabha Election 2024 : भाजपा के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री रहे कल्याण सिंह का रसूख समझे जाने वाली एटा लोकसभा पर क्या भाजपा उम्मीदवार की राहों में अड़चन खड़ी हो गई है। कभी इस सीट से कल्याण सिंह ने संसद का रास्ता देखा था और बीते 2009 के लोकसभा चुनाव से इस सीट पर उनके परिवार का कब्जा है। कल्याण सिंह के बेटे राजवीर सिंह इस सीट पर नाबाद पारी खेलते आ रहे हैं, लेकिन सपा-कांग्रेस गठबंधन ने इस बार शाक्य उम्मीदवार को मैदान में उतार दिया है, जिसके चलते भाजपा का समीकरण पूरी तरह से गड़बड़ा गया है। हालांकि इस संसदीय क्षेत्र में लोध व राजपूत समाज का ज्यादा प्रभुत्व है। यहां जीतने के लिए बीजेपी समूचे ओबीसी वोटों पर एकमुश्त दाबवेदारी साबित कर ले जाती थी, लेकिन इसा बार ऐसा नहीं है। शायद यही वजह है कि राजवीर सिंह की राहें मुश्किल दिख रही हैं।

भारतीय जनता पार्टी ने इस बार भी एटा लोकसभा पर पूर्व सीएम कल्याण सिंह के बेटे राजवीर सिंह को मैदान में उतारा है, वह दो बार से इसी सीट से सांसद हैं। वह तीसरी बार किस्मत आजमा रहे हैं। समाजवादी पार्टी - कांग्रेस यानी INDIA गठबंधन ने देवेश शाक्य को चुनाव मैदान में उतारा है। इस सीट पर लोधी समाज के बाद सबसे ज्यादा यादव और शाक्य मतदाता हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए सपा ने शाक्य उम्मीदवार को मैदान में उतारा है। वहीं, बहुजन समाज पार्टी ने मुस्लिम उम्मीदवार को मैदान में उतारा है, यहां से मोहम्मद इरफान को टिकट दिया है। 

ये है समीकरण

एटा लोकसभा सीट पर लोधी समाज के मतदाता सबसे ज्यादा हैं। यहां यादव और शाक्य मतदाता भी बहुतायत में हैं। भारतीय जनता पार्टी ने सवर्ण, लोधी और शाक्य मतदाताओं के समीकरण को ध्यान में रखते हुए चुनाव लड़ती है। वहीं, सपा यादव, मुस्लिम का मेल बैठाती थी, लेकिन इस बार शाक्य उम्मीदवार को मैदान में उतार दिया है, जो बीजेपी के लिए मुश्किल का सबब बन सकता है। बसपा ने यहां से मुस्लिम उम्मीदवार को उतारा है, जिससे सपा गठबंधन को नुकसान हो सकता है। अब किसे फायदा होगा और किसे नुकसान, यह तो चुनाव परिणाम के बाद ही पता चल सकेगा। 

दो बार से हैं सांसद

बता दें कि एटा लोकसभा क्षेत्र में 5 विधानसभा क्षेत्र हैं। बीते लोकसभा चुनाव - 2019 में इस सीट पर बीजेपी के राजवीर सिंह ने 122,670 वोटों से जीत हासिल की थी। उन्होंने समाजवादी पार्टी के कुंवर देवेन्द्र सिंह यादव को हराया था। इससे पहले 2014 के चुनाव में भी राजवीर सिंह ने ही इस सीट पर जीत हासिल की थी।

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