Lok Sabha Election 2024: कैसा है मां विंध्यवासिनी के क्षेत्र मिर्जापुर का चुनावी मिजाज
Lok Sabha Election 2024: मिर्जापुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र धार्मिक पर्यटन के साथ ही भारत की चुनावी राजनीति में अपना महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
लखनऊ। धार्मिक और प्राकृतिक दृष्टि से मिर्जापुर जनपद अपने में परिपूर्ण है। आज भी यहां विश्व प्रसिद्ध विंन्ध्याचल धाम में मां विंध्यवासनी मंदिर और चुनार का किला और विंढम फाल जैसे स्थान है, जिन्हें पर्यटन की दृष्टि से पूर्वाचल ही नहीं प्रदेश भर में जाना जाता है। लेकिन इन दिनों यह पूरा क्षेत्र चुनावीं माहौल में रचा बसा दिख रहा है। क्योंकि यहाँ केन्द्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल एक बार फिर चुनावी मैदान में उतरी हैं।मिर्जापुर लोकसभा सीट में एक जून को मतदान होना है। इस चुनाव में कुल 10 प्रत्याशी मैदान में है।
केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल तीसरी बार चुनावी मैदान में खड़ी हैं तो वहीं तीन बार के विधायक और भदोही सांसद रमेश चंद बिंद बीजेपी को छोडक़र सपा के टिकट पर मैदान में मिर्जापुर लोकसभा सीट में पांच विधानसभा हैं मिर्जापुर सदर, चुनार, मझवा, मड़िहान और छानबे विधानसभा. इसमें से तीन सीट पर भारतीय जनता पार्टी, एक सीट पर निषाद पार्टी एक सीट पर अपना दल एस के पास है। यहां पर तीन नगर पालिका एक नगर पंचायत है।
नगर पालिका मिर्जापुर नगर पालिका चुनार, नगर पालिका अहरौरा और नगर पंचायत कछवा है, चुनार नगर पालिका में कांग्रेस का कब्जा है। बाकी पर बीजेपी है. 809 ग्राम सभा है।मिर्जापुर जनपद की 30 लाख आबादी है, जेंडर रेशियो की बात किया जाए तो यहां पर 907 है। लोकसभा चुनाव 2024 में मतदाताओं की बात की जाए तो यहां पर कुल 1903640 मतदाता हैं, जिसमें पुरुष 998023 हैं तो महिला 905548 हैं. थर्ड जेंडर मतदाता 69 हैं। 18 से 19 वर्ष के 27353 मतदाता हैं, दिव्यांग मतदाता की बात की जाए तो 15168 हैं वहीं 85 प्लस मतदाता 16227 हैं
मिर्जापुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र धार्मिक पर्यटन के साथ ही भारत की चुनावी राजनीति में अपना महत्वपूर्ण स्थान रखता है। 1952 से लेकर अब तक यहां पर सात बार कांग्रेस, चार बार समाजवादी पार्टी, दो बार बहुजन पार्टी, दो बार बीजेपी, दो बार अपना दल, एक बार भारतीय जनसंघ, एक बार जनता पार्टी, एक बार जनता दल ने जीत दर्ज की है. कोई भी लगातार तीन बार इस सीट से सांसद नहीं बना है।मिर्जापुर लोकसभा सीट पर इस चुनाव में बाहरी, बेरोजगारी और महंगाई का मुद्दा देखा जा रहा है।उत्तर प्रदेश में कुल 80 संसदीय सीटें हैं।मिर्जापुर लोकसभा क्षेत्र 5 विधानसभा क्षेत्र मिलकर बना है. इस सीट से दस्यु सुंदरी स्व0 फूलन देवी और दस्यु ददुआ के भाई बालकुमार पटेल भी 2009 में जीत दर्ज कर चुके हैं। 1952 से लेकर अब तक यहां पर सात बार कांग्रेस, चार बार समाजवादी पार्टी, दो बार बहुजन पार्टी, दो बार बीजेपी, दो बार अपना दल, एक बार भारतीय जनसंघ, एक बार, जनता पार्टी, एक बार जनता दल ने जीत दर्ज की है।
जॉन एन विल्सन 1952 और 57 में कांग्रेस से, श्याम धर मिश्रा 1962 में कांग्रेस से, वंश नारायण सिंह 1967 में भारतीय जनसंघ से, अजीज इमाम 1971 में कांग्रेस से, फकीर अली अंसारी 1977 में जनता पार्टी से, अजीज इमाम 1980 में कांग्रेस से, उमाकांत मिश्र 1981 कांग्रेस से, उमाकांत मिश्र 1984 कांग्रेस से, यूसुफ बेग 1989 में जनता दल से, वीरेंद्र सिंह मस्त 1991 में भाजपा से, फूलन देवी 1996 में सपा से, वीरेंद्र सिंह मस्त 1998 में भाजपा से, फूलन देवी 1999 में सपा से, रामरती बिन्द 2002 सपा से, नरेंद्र कुशवाहा 2004 में बसपा से, रमेश दुबे 2007 में बसपा से, बालकुमार पटेल 2009 में सपा से, अनुप्रिया पटेल 2014 में अपना दल से और अनुप्रिया पटेल 2019 में अपना दल सोनेलाल से जीत दर्ज की है।
मिर्जापुर लोकसभा सीट मिर्जापुर भदोही सीट से 2009 में कट कर मिर्जापुर लोकसभा के नाम हो जाने से कुर्मी बाहुल्य इलाका हो गया। पहले मिर्जापुर भदोही लोकसभा सीट के नाम से था, दोनों जनपद शामिल थे।. 2009 से मिर्जापुर भदोही अलग-अलग लोकसभा सीट बन गई। सभी पार्टियां जातीय समीकरण को देखते हुए यहां पर अपने प्रत्याशी को टिकट देती हैं. जातीय समीकरण की बात की जाए तो यहां पर एक लाख 50 हजार ब्राह्मण, एक लाख 50 हजार वैश्य, 90 हजार क्षत्रिय, एक लाख 25 हजार कोल, 3 लाख 50 हजार पटेल, अन्य ओबीसी तीन लाख, तीन लाख दलित, एक लाख 50 हजार मुस्लिम, एक लाख 50 हजार मौर्य कुशवाहा, एक लाख यादव, एक लाख 50 हजार बिंद केवट हैं।
मिर्जापुर जनपद में एक जून को मतदान होगा.। कुल 10 प्रत्याशी मैदान में है. केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल तीसरी बार चुनावी मैदान में हैं तो वहीं तीन बार के विधायक और सांसद रमेश चंद बिंद बीजेपी को छोडक़र सपा के टिकट पर मैदान में हैं। साथ ही बहुजन समाज पार्टी ने मनीष त्रिपाठी को अपना प्रत्याशी बनाया है तो वहीं अपना दल कमेरावादी ने दौलत सिंह पटेल को मैदान उतरा है. इसके साथ ही 6 प्रत्याशी और हैं जो चुनावी रण में हैं।अनुप्रिया पटेल ने 2019 लोकसभा के चुनाव 232,008 वोटों के अंतर से इस सीट पर जीत दर्ज की थी. अनुप्रिया पटेल को 591,564 वोट मिले थे, तो समाजवादी पार्टी के रामचरित्र निषाद को 359,556 वोट मिले थे. कांग्रेस के ललितेश पति त्रिपाठी को 91,501 वोट से संतोष करना पड़ा था।