Lok Sabha Election 2024: परनीत कौर के लिए इस बार सियासी राह आसान नहीं, पांचवीं जीत में कांग्रेस और आप की चुनौती बनी मुसीबत

Lok Sabha Election 2024: सभी दलों के प्रत्याशी भाजपा के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरी परनीत कौर से ही अपना मुकाबला मान रहे हैं।

Report :  Anshuman Tiwari
Update: 2024-05-27 05:40 GMT

Lok Sabha Election 2024

Lok Sabha Election 2024: पंजाब के लोकसभा चुनाव में पटियाला सीट को काफी अहम माना जा रहा है क्योंकि इस सीट पर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और दिग्गज नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी परनीत कौर पांचवीं बार जीत हासिल करने के लिए चुनाव मैदान में उतरी हैं। इस लोकसभा सीट पर पंजाब की अन्य सीटों के साथ आखिरी चरण में एक जून को मतदान होने वाला है। वैसे परनीत कौर के लिए इस बार की लड़ाई आसान नहीं मानी जा रही है क्योंकि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी की ओर से उनकी मजबूत घेराबंदी की गई है। शिरोमणि अकाली दल ने भी परनीत कौर को इस सीट पर कड़ी चुनौती देने की कोशिश की है। कांग्रेस ने इस सीट पर डॉक्टर धर्मवीर गांधी को चुनाव मैदान में उतारा है जबकि आप की ओर से राज्य के मंत्री डॉक्टर बलबीर सिंह परनीत कौर को चुनौती दे रहे हैं। शिरोमणि अकाली दल ने एनके शर्मा को अपना उम्मीदवार बनाया है। मजे की बात यह है कि सभी दलों के प्रत्याशी भाजपा के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरी परनीत कौर से ही अपना मुकाबला मान रहे हैं।

पंजाब का समीकरण अन्य राज्यों से अलग

पंजाब का सियासी समीकरण अन्य प्रदेशों से अलग नजर आ रहा है क्योंकि यहां पर इंडिया गठबंधन में ही घमासान की स्थिति दिख रही है। आप और कांग्रेस के बीच दिल्ली और हरियाणा की लोकसभा सीटों को तो लेकर तालमेल हो गया था मगर पंजाब की लोकसभा सीटों पर दोनों दल एक-दूसरे को चुनौती देने की कोशिश में जुटे हुए हैं।पंजाब के पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान आप ने 92 विधानसभा सीटों पर जीत हासिल करके अपनी ताकत दिखाई थी जबकि कांग्रेस दूसरे नंबर पर रही थी। लोकसभा चुनाव दोनों दलों के लिए अपना वर्चस्व कायम करने की जंग माना जा रहा है। यही कारण है कि दोनों दलों ने पूरी ताकत लगा रखी है।


11 बार जीत हासिल कर चुकी है कांग्रेस

1952 से पटियाला लोकसभा सीट पर अब तक 17 बार चुनाव हुए हैं, जिनमें सबसे अधिक 11 बार कांग्रेस प्रत्याशियों ने जीत हासिल की है। इन 11 जीतों में छह बार पटियाला के शाही परिवार ने अपनी ताकत दिखाते हुए संसद का सफर तय किया है। पटियाला के शाही परिवार का मोती महल कभी कांग्रेस की राजनीति का केंद्र था और यहां कांग्रेस के नेताओं का जमावड़ा लगा रहता था मगर अब स्थितियां बदल गई हैं।अब यहां केवल भाजपा के नेता ही नजर आते हैं।पटियाला सीट के इतिहास को याद किया जाए तो 1967 में कांग्रेस के टिकट पर राजमाता मोहिंदर कौर पटियाला से चुनाव जीतकर संसद पहुंचने में कामयाब हुई थीं।


उसके बाद 2021 तक महल में कांग्रेस पार्टी की ही एंट्री थी। इस दौरान 1980 के लोकसभा चुनाव में कैप्टन अमरिंदर सिंह भी पटियाला से सांसद चुने गए थे।बाद में कैप्टन नवंबर 2021 में कांग्रेस छोड़कर पंजाब लोक कांग्रेस नाम से अपनी अलग पार्टी बनाई थी। उन्होंने भाजपा के साथ गठबंधन करके 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ा था मगर उसके बाद सितंबर 2022 में उन्होंने अपनी पार्टी का भाजपा में विलय कर दिया था। कैप्टन के भाजपा में शामिल होने के बाद अब लोकसभा चुनाव में पटियाला का शाही परिवार भाजपा के रंग में लगा हुआ है।


पांचवीं बार जीत के लिए उतरी हैं परनीत

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी परनीत कौर इस लोकसभा सीट से चार बार चुनाव जीत चुकी हैं। वे पांचवी बार इस सीट पर जीत हासिल करने के लिए मैदान में उतरी हैं। सबसे पहले उन्होंने 1999 में पटियाला से लोकसभा चुनाव जीता था और इसके बाद में 2004, 2009 और 2019 में इस लोकसभा सीट से फिर सांसद चुनी गई थीं। पटियाला लोकसभा क्षेत्र में नौ विधानसभा क्षेत्र पड़ते हैं। यहां मतदाताओं की कुल संख्या करीब साढ़े 17 लाख है।2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर उतरी परनीत कौर ने शिरोमणि अकाली दल के सुरजीत सिंह रखड़ा को हराया था।


परनीत कौर को 5,32,027 वोट मिले थे जबकि रखड़ा 3,69,309 वोट का पाने में कामयाब हुए थे। इस तरह परनीत ने अकाली दल के रखड़ा को 1,62,718 वोटों के अंतर से हराया था।79 साल की परनीत कौर लोगों में लोकप्रिय होने के साथ-साथ सामाजिक तौर पर भी काफी सक्रिय रहती हैं। वे क्षेत्र के लोगों के सुख-दुख में हमेशा शामिल होती रही हैं। इसी कारण उनकी दावेदारी को इस बार भी मजबूत माना जा रहा है।


कांग्रेस ने धर्मवीर को उतारकर घेरा

परनीत कौर के खिलाफ कांग्रेस ने डॉक्टर धर्मवीर गांधी को चुनाव मैदान में उतारा है। 2014 के लोकसभा चुनाव में परनीत कौर को आप के टिकट पर चुनाव लड़ रहे डॉक्टर धर्मवीर गांधी से हार का सामना करना पड़ा था।हालांकि बाद में 2019 के चुनाव में जीत हासिल करके परनीत ने अपने खोए हुए किले पर फिर कब्जा कर लिया था। धर्मवीर गांधी इस बार कांग्रेस के टिकट पर पूरी मजबूती के साथ चुनाव मैदान में डटे हुए हैं और परनीत कौर को कड़ी चुनौती दे रहे हैं।


आप की ताकत से सियासी राह हुई मुश्किल

पंजाब में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ बलबीर सिंह को टिकट देकर परनीत कौर की सियासी राह मुश्किल बनाने की कोशिश की है। डाॅ. बलबीर सिंह वर्तमान में पटियाला देहाती हलके से विधायक हैं। परनीत कौर के लिए एक मुश्किल बात यह भी है कि मौजूदा समय में पटियाला लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत पड़ने वाले सभी विधानसभा क्षेत्रों पर आम आदमी पार्टी का कब्जा है।ऐसे में आम आदमी पार्टी की दावेदारी काफी मजबूत मानी जा रही है और सियासी जानकारों का कहना है कि आम आदमी पार्टी परनीत कौर के इस गढ़ पर कब्जा करने की कोशिश में पूरी मजबूती के साथ डटी हुई है।


किसानों की नाराजगी बनी परनीत की मुसीबत

सियासी जानकारों का मानना है कि कांग्रेस और आप से मिल रही चुनौतियों के साथ ही किसान आंदोलन भी परनीत कौर के लिए बड़ी मुसीबत बना हुआ है। भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने के कारण परनीत कौर को किसान संगठनों की नाराजगी का सामना भी करना पड़ रहा है। पटियाला में किसान आंदोलन की सबसे ज्यादा गतिविधियां चली हैं और इसका असर लोकसभा चुनाव पर पड़ने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।


परनीत कौर के चुनाव प्रचार में इस बार कैप्टन अमरिंदर सिंह भी ज्यादा सक्रिय नहीं दिख रहे हैं। हालांकि इसके पीछे उनकी बीमारी को कारण बताया जा रहा है उनकी सक्रियता में कमी के कारण भी परनीत कौर का चुनाव प्रचार प्रभावित हुआ है। चुनाव प्रचार के आखिरी दिनों में सभी दलों ने पूरी ताकत झोंक रखी है और ऐसे में सबकी निगाहें इस बात पर लगी हुई है कि परनीत कौर अपने इस सियासी गढ़ पर कब्जा बनाए रखने में कामयाब हो पाती हैं या नहीं।

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