प्रत्याशी घोषणा में बाजी मारने वाली BSP पीछे क्यों? इंतजार के पीछे क्या है रणनीति, कौन है टॉरगेट पर!

Lok Sabha Election 2024: सियासी गलियारे में बसपा के पैतरे को लेकर चर्चाएं हो रही है। कोई अंदेशा जता रहा है कि आचार संहिता लागू होने के बाद मायावती कोई बड़ा दांव चलने वाली हैं।

Update: 2024-03-17 02:36 GMT

मायावती (सोशल मीडिया)

Lok Sabha Election 2024: चुनाव आयोग ने गोरखपुर-बस्ती मंडल की नौ लोकसभा सीटों के लिए तारीखों की घोषणा कर दी है। गोरखपुर मंडल की 6 लोकसभा सीटों पर अंतिम चरण में यानी 1 जून को तो बस्ती मंडल की तीन सीटों पर छठवें चरण में 25 मई के वोटिंग होनी है। टिकटों के लिए लंबा इंतजार करने वाली भाजपा ने देवरिया छोड़कर सभी 8 सीटों पर पुराने चेहरों पर दांव लगाकर पत्ते खोल दिये हैं। वहीं, सपा-कांग्रेस गठबंधन बस्ती और गोरखपुर में अपने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर दी है। गठबंधन में देवरिया, बांसगांव और महराजगंज कांग्रेस के हिस्से में है। इन पर कांग्रेस नाम तय नहीं कर सकी है। जबकि सपा को भी अभी 4 सीटों पर नाम तय करना बाकी है। सियासी गलियारे में बसपा के पैतरे को लेकर चर्चाएं हो रही है। कोई अंदेशा जता रहा है कि आचार संहिता लागू होने के बाद मायावती कोई बड़ा दांव चलने वाली हैं। तो कई के यकीन हैं कि भाजपा और इंडिया गठबंधन के प्रत्याशियों के नाम की घोषणा के बाद वह समीकरण देखकर प्रत्याशियों के नाम की घोषणा करेंगी।

दरअसल, पूर्व की सियासी तस्वीर देखकर कहा जा सकता है कि प्रत्याशी चयन में बसपा सबसे आगे रहती है। प्रत्याशी/ प्रभारी के जिम्मे ही जन्मदिन के कार्यक्रम से लेकर संगठन की गतिविधियां होती रही हैं। लेकिन प्रदेश में भाजपा के मजबूत होने के बाद बसपा के वोटबैंक में तगड़ा झटका लगा है। ऐसे में मायावती के सियासी दांव भी सवालों में रहे हैं। वैसे बसपा के कई बड़े चेहरे पाला बदल रहे हैं। बसपा जिलाध्यक्ष ऋषि कपूर का दावा है कि गोरखपुर-बस्ती मंडल की नौ लोकसभा सीटों पर बसपा अपने दम पर चुनाव लड़ेगी। लेकिन दिग्गजों के पाला बदलने के बाद बसपा के पास चेहरों के चयन की चुनौती है।

पिछली बार बस्ती से भाजपा के प्रत्याशी हरीश द्विवेदी को कड़ी टक्कर देने वाले राम प्रसाद चौधरी पाला बदल कर सपा में आ चुके हैं। इसी तरह बसपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ने वाले पूर्व मंत्री सदल प्रसाद भी पाला बदल चुके हैं। उन्होंने कांग्रेस का हाथ थाम लिया है। वहीं, नौतनवां में बसपा के टिकट पर 2022 में विधानसभा चुनाव लड़ने वाले अमन मणि त्रिपाठी ने भी कांग्रेस का दामन थाम लिया है। बदली परिस्थितियों में बसपा का दावा है कि जल्द प्रत्याशियों के नाम की घोषणा हो जाएगी। बसपा जिलाध्यक्ष का कहना है कि तीन से चार दिन में पार्टी प्रत्याशियों की घोषणा कर देगी। पार्टी किसी के साथ गठबंधन नहीं करेगी। इसे लेकर बहनजी ने स्थिति साफ कर दी है।

देवरिया में भाजपा को नये चेहरे की तलाश

भारतीय जनता पार्टी ने गोरखपुर-बस्ती मंडल में देवरिया छोड़कर सभी आठ सीटों पर अपने वर्तमान सांसदों पर भरोसा जताया है। देवरिया सीट पर भाजपा ने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। ऐसे में डॉ.रमापति राम त्रिपाठी की जगह दूसरे प्रत्याशी को उतारे जाने की चर्चा है। चर्चा है कि यहां से किसी ब्राह्मण प्रत्याशी को ही मैदान में उतारा जाएगा। इसमें डॉ.रमापति राम त्रिपाठी के पौत्र, कांग्रेस के भाजपा में शामिल हुए राजेश मिश्रा, विधायक शलभ मणि त्रिपाठी के नाम की चर्चा है। गोरखपुर से एक बार फिर रवि किशन तो बांसगांव से लगातार चौथी बार कमलेश पासवान को टिकट दिया गया है।

महराजगंज में छह बार के सांसद और केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी को एक बार फिर मैदान में उतारा है। डुमरियागंज से जंगदम्बिका पाल को लगातार तीसरी बार टिकट दिया गया है। वहीं कुशीनगर से विजय दूबे पर पार्टी ने एक बार फिर भरोसा जताया है। देवरिया जिले की सलेमपुर सीट से पार्टी ने लगातार तीसरी बार रवीन्द्र कुशवाहा को टिकट दिया है। वहीं बस्ती सीट से पार्टी ने हरीश द्विवेदी पर एक बार फिर भरोसा जताया है। संतकबीर नगर से प्रवीण निषाद एक बार फिर दावेदारी कर रहे हैं।

गोरखपुर और बस्ती में ही इंडिया गठबंधन का चेहरा साफ

इंडिया गठबंधन के तहत समाजवादी पार्टी को गोरखपुर व बस्ती मंडल में लोकसभा की छह सीटें मिली हैं। इनमें गोरखपुर सदर से टीवी अभिनेत्री काजल निषाद और बस्ती से कद्दावर राम प्रसाद चौधरी को पार्टी ने प्रत्याशी घोषित कर दिया। पार्टी को अभी भी कुशीनगर, डुमरियागंज, संतकबीर नगर और सलेमपुर लोकसभा सीटों पर प्रत्याशी घोषित करना है। वहीं कांग्रेस के हिस्से में महराजगंज, देवरिया और बांसगांव लोकसभा सीट है। महराजगंज में कांग्रेस में पूर्व विधायक अमन मणि त्रिपाठी और पूर्व मंत्री सदल प्रसाद शामिल हुए हैं। सपा जिलाध्यक्ष ब्रजेश कुमार गौतम का कहना है कि प्रत्याशियों का चयन राष्ट्रीय अध्यक्ष की अनुमति से ही हो रहा है। इसके लिए हर जिले के वरिष्ठ पदाधिकारी के साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष की अगुवाई में टीम बैठक कर रही है। इसके साथ ही उसे जिले के टॉप तीन दावेदारों से भी पार्टी के हाईकमान बैठक कर रहा है। 

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