काशी का रण: PM मोदी को घेरने में जुटा इंडी, अखिलेश-राहुल करेंगे संयुक्त रैली, ममता केजरीवाल और स्टालिन को भी उतारने की तैयारी
Lok Sabha Election 2024: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और सपा सांसद डिंपल यादव के रोड शो के बाद अब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव 28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ संयुक्त रैली करेंगे।
Lok Sabha Election 2024: उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के छह चरण समाप्त होने के बाद अब सबकी निगाहें पूर्वांचल की अहम सीटों पर टिक गई हैं। सातवें चरण में देश की सबसे हॉट सीट वाराणसी में भी मतदान होना है, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भाजपा के उम्मीदवार हैं। पीएम मोदी के खिलाफ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय की दावेदारी को मजबूत बनाने के लिए इंडिया गठबंधन की ओर से जोरदार तैयारियां की जा रही हैं।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और सपा सांसद डिंपल यादव के रोड शो के बाद अब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव 28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ संयुक्त रैली करेंगे। इस रैली में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन समेत कई और बड़े नेताओं को कांग्रेस की ओर से आमंत्रित किया गया है। इसे विपक्ष की ओर से काशी में पीएम मोदी को घेरने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।
संयुक्त रैली में एकजुटता दिखाएगा विपक्ष
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी संसदीय क्षेत्र में इस बार हैट्रिक लगाने के लिए चुनाव मैदान में उतरे हैं। वाराणसी में नामांकन करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी देश के अन्य हिस्सों में चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं और भाजपा के स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उनके प्रचार की कमान संभाल रखी है। दूसरी ओर विपक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मजबूत घेराबंदी करने में जुटा हुआ है। विपक्ष के नेताओं को वाराणसी में पीएम मोदी की मजबूत स्थिति की बखूबी जानकारी है। इसलिए पीएम मोदी को घेरने के लिए बड़ी तैयारी की जा रही है।
प्रियंका और डिंपल के रोड शो के बाद अब इंडिया गठबंधन के कार्यकर्ता 28 मई को प्रस्तावित राहुल गांधी व अखिलेश यादव की संयुक्त रैली की तैयारी में जुट गए हैं। इस रैली के जरिए विपक्ष एकजुटता का बड़ा संदेश देना चाहता है। इसीलिए इस रैली में विपक्ष के कई अन्य बड़े नेताओं को उतारने की तैयारी है। कांग्रेस की ओर से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से इस रैली के लिए समय मांगा गया है। सूत्रों के मुताबिक इन बड़े नेताओं के अलावा कुछ अन्य बड़े विपक्षी नेता भी इस रैली में हिस्सा ले सकते हैं।
वाराणसी में पीएम मोदी को चुनौती देना आसान नहीं
वैसे वाराणसी के चुनावी अखाड़े में पीएम मोदी को चुनौती देना आसान नहीं माना जा रहा है। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव भी उत्तर प्रदेश के चुनावी नतीजे की भविष्यवाणी करते समय वाराणसी की सीट को इंडिया गठबंधन की सीटों में शामिल नहीं करते। वे इस बात को कहते रहे हैं कि उत्तर प्रदेश में विपक्ष 80 में से 79 सीटें जीत रहा है जबकि क्योटो में लड़ाई है। इसका मतलब साफ है कि सपा मुखिया को भी इस बात का एहसास है कि वाराणसी में प्रधानमंत्री मोदी को चुनौती देना आसान नहीं है।
उत्तर प्रदेश के लोकसभा चुनाव में अभी तक विपक्ष की कोई बड़ी संयुक्त सभा नहीं हो सकी है। हालांकि उत्तर प्रदेश की कुछ सभाओं में राहुल, अखिलेश और आप नेता संजय सिंह साथ जरूर दिखे हैं मगर अब वाराणसी में विपक्ष बड़ी रैली के जरिए अपनी एकजुटता दिखाना चाहता है। इसके साथ ही पीएम मोदी के खिलाफ अजय राय की चुनावी संभावनाओं को मजबूत बनाने की मंशा भी है।
प्रियंका-डिंपल ने रोड शो में दिखाई ताकत
इससे पहले शनिवार को देश की सबसे हॉट सीट वाराणसी पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और सपा सांसद डिंपल यादव ने रोड शो करके इंडिया गठबंधन की ताकत दिखाई। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय के लिए वाराणसी की जनता से समर्थन मांगा। प्रियंका और डिंपल ने काशी के कोतवाल बाबा कालभैरव का दर्शन-पूजन करके दुर्गाकुंड स्थित कूष्मांडा मंदिर से रोड शो की शुरुआत की। रोड शो के दौरान कांग्रेस, सपा, वामपंथी दल और आम आदमी पार्टी के झंडे लहरा रहे थे तो ढोल नगाड़े की थाप पर विपक्ष के कार्यकर्ता जमकर झूम रहे थे।
प्रियंका और डिंपल में रास्ते में जगह-जगह खड़े लोगों का कभी हाथ जोड़कर तो कभी हाथ हिलाकर अभिवादन स्वीकार किया। दोनों नेताओं को देखने के लिए बड़ी संख्या में महिलाएं,युवा और नौजवान सड़कों और अपने घरों की चौखट पर खड़े नजर आए। लोगों ने गुलाब की पंखुड़ियां बरसाकर उनका अभिनंदन किया।
सीएम योगी का विपक्ष पर तीखा हमला
दूसरी ओर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गंगा किनारे असि घाट पर पीएम मोदी के समर्थन में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पर तीखा हमला बोला। उन्होंने चेतावनी भरे अंदाज में कहा कि देश बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के संविधान से चलेगा,न कि शरिया से। उन्होंने कहा कि इंडी गठबंधन वाले सत्ता में आए तो अनुसूचित जाति और पिछड़ी जाति को आरक्षण से बाहर कर देंगे। ये लोग पहले ही कई राज्यों में ऐसा कारनामा कर चुके हैं और अब तो कलकत्ता हाईकोर्ट ने उनकी पोल खोल दी है।
उन्होंने काशी के विकास कार्यों की चर्चा करते हुए कहा कि आज यह नगरी विकास की मॉडल बन गई है। प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों के कारण काशी में विकास के तमाम काम हुए हैं और यही कारण है कि इस बार भी काशी की जनता का समर्थन पीएम मोदी को ही हासिल होगा। उन्होंने कहा कि विपक्ष चाहे जितनी ताकत लगा ले मगर उसके लिए काशी में पीएम मोदी को चुनौती देना संभव ही नहीं है।