Lok Sabha Election 2024: देश में पहले चरण की 102 लोकसभा सीटों पर मतदान शुरू हो गया है। इसके साथ ही विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र में चुनावी महाकुंभ का शंखनाद हो गया। आज 16 राज्यों और पांच केंद्र शासित प्रदेशों के मतदाता 102 सीटों पर उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला कर रहे हैं। इनमें से तमाम सीटें ऐसी हैं जिन पर दिग्गज उम्मीदवार इस बार कड़े मुकाबले में फंस गए हैं। ऐसे में इन सीटों का सियासी हाल जानना जरूरी है। नितिन गडकरीमोदी सरकार के सबसे चर्चित मंत्री नितिन गडकरी इस बार नागपुर लोकसभा सीट पर हैट्रिक लगाने के लिए चुनावी अखाड़े में उतरे हैं। कांग्रेस ने उनके खिलाफ विकास ठाकरे को चुनाव मैदान में उतारा है। पहले यह सीट कांग्रेस का गढ़ मानी जाती थी मगर पिछले कुछ चुनावों से हालात बदले हुए हैं।नागपुर सीट से नितिन गडकरी की उम्मीदवारी और यहां पर संघ का मुख्यालय होने के कारण इसे हाई प्रोफाइल सीट माना जा रहा है। नागपुर में कुल 22 लाख 18 हजार 259 मतदाता हैं। इनमें 11 लाख 10 हजार 840 पुरुष, 11 लाख 07 हजार 197 महिलाएं और 222 ट्रांसजेंडर हैं। नितिन गडकरी को नागपुर में किए गए विकास से जुड़े कामों के दम पर अपनी जीत का भरोसा है।अर्जुन राम मेघवालराजस्थान की बीकानेर लोकसभा सीट पर भी सबकी निगाहें लगी हुई हैं क्योंकि भाजपा ने इस सीट पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को चुनाव मैदान में उतारा है। मेघवाल चौथी बार कांग्रेस के गोविंद राम मेघवाल के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। अर्जुन राम मेघवाल 2009 से लगातार इस सीट पर जीत हासिल कर रहे हैं।बीकानेर में पहले कांग्रेस काफी मजबूत हुआ करती थी मगर 2004 के लोकसभा चुनाव से ही इस सीट पर भाजपा अपनी ताकत दिखाती रही है। कांग्रेस उम्मीदवार गोविंद राम पूर्व राज्य मंत्री हैं और वे इस बार अर्जुन मेघवाल को कड़ी चुनौती देने की कोशिश में जुटे हुए हैं।सर्वानंद सोनोवालअसम के डिब्रूगढ़ लोकसभा सीट भी इस बार काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि भाजपा ने इस सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल को चुनाव मैदान में उतारा है। सोनोवाल एक बार असम गण परिषद के उम्मीदवार के रूप में इस सीट पर जीत हासिल कर चुके हैं। इस बार उनका मुकाबला असम जातीय परिषद के लुरिनज्योति गोगोई से हो रहा है।नकुलनाथमध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का गढ़ माने जाने वाले छिंदवाड़ा लोकसभा क्षेत्र में उनके बेटे नकुलनाथ दूसरी बार चुनाव मैदान में उतरे हैं। भाजपा ने उनके खिलाफ विवेक बंटी साहू को चुनाव मैदान में उतारा है। हाल के दिनों में कमलनाथ के कई करीबी नेताओं ने कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली है। भाजपा ने इस लोकसभा सीट को प्रतिष्ठा की जंग बना रखा है और पार्टी में कमलनाथ को चुनौती देने के लिए पूरी ताकत लगा रखी है। कमलनाथ ने 2019 में अपने बेटे को इस सीट की विरासत सौंप दी थी और नकुलनाथ दूसरी बार इस सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं।जितेंद्र सिंहकेंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह एक बार फिर जम्मू कश्मीर की उधमपुर सीट से भाजपा उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में उतरे हैं। उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव में भी सीट पर जीत हासिल की थी और इस बार भी उनकी दावेदारी को मजबूत माना जा रहा है। कांग्रेस ने उन्हें चुनौती देने के लिए चौधरी लाल सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है। , गुलाम नबी आजाद की डीपीएपी (डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी) ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मंत्री जीएम सरूरी को मैदान में उतारा है, जिससे मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। इस बार का चुनाव में अनुच्छेद 370 को समाप्त किया जाना प्रमुख मुद्दा बना हुआ है।संजीव बालियानकेंद्रीय मंत्री संजीव बालियान इस बार उत्तर प्रदेश की मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट पर कड़े मुकाबले में फंस गए हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में सीट पर ज्यादा जीत हासिल करने वाले बालियान को इस बार समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार हरेंद्र मलिक से कड़ी चुनौती मिल रही है। ठाकुर मतदाताओं की नाराजगी ने उनकी मुसीबत और बढ़ा दी है। खाप पंचायतों में बंटवारा होने से मुकाबला का दिलचस्प हो गया है। बसपा ने इस सीट पर दारा सिंह प्रजापति को चुनाव मैदान में उतारा है।भूपेंद्र यादवभाजपा ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को राजस्थान की अलवर लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा है। पिछले लोकसभा चुनाव में इस सीट पर बाबा बालकनाथ ने जीत हासिल की थी और अब वे विधायक बन चुके हैं। भूपेंद्र यादव ने लोकसभा में पहुंचने के लिए पूरी ताकत लगा रखी है और उन्हें कांग्रेस के ललित यादव से कड़ी चुनौती मिल रही है। भूपेंद्र यादव का दावा है कि मोदी सरकार की ओर से पिछले 10 वर्षों में किए गए कामों और जन कल्याणकारी योजनाओं के दम पर उन्हें मतदाताओं का समर्थन हासिल होगा।दयानिधि मारनतमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि के पोते दयानिधि चेन्नई मध्य से द्रमुक पार्टी के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने इस सीट पर जीत हासिल की थी। इस बार के लोकसभा चुनाव में दयानिधि का सामना भाजपा के विनोज पी सेल्वम और डीएमडीके के बी. पार्थसारथी से हो रहा है। मारन के चुनाव लड़ने से यह सीट द्रमुक के लिए प्रतिष्ठा की जंग बन गई है।कनिमोझीतमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री करुणानिधि की बेटी कनिमोझी थूथुकुडी सीट से डीएमके की उम्मीदवार हैं। 2019 के चुनाव में जीत हासिल करने के बाद वे एक बार फिर इस सीट से चुनाव मैदान में उतरी हैं। इस बार उनका मुकाबला अन्नाद्रमुक के आर. शिवसामी वेलुमणि और टीएमसी (मूपनार) के एसडीआर विजयसीलन से ही रहा है।बिप्लव कुमार देव2024 के लोकसभा चुनाव में त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लव कुमार देव त्रिपुरा पश्चिम से भाजपा के उम्मीदवार हैं। भाजपा ने इस बार प्रतिमा भौमिक का टिकट काटते हुए उन्हें चुनाव मैदान में उतारा है। भौमिक ने 2019 में इस सीट पर बड़ी जीत हासिल की थी। इस सीट पर बिप्लव का मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी आशीष कुमार साहा से हो रहा है। साहा...