Lok Sabha Election Result: यूपी के ये बड़े नेता जो आज तक नहीं हारे चुनाव, देखें लिस्ट

Lok Sabha Election Result: लोकसभा चुनाव के नतीजे सामने आ गए हैं। एक बार फिर कई बड़े नेताओं ने इतिहास रच दिया है। कई नेताओं ने जीत कर रिकॉर्ड दर्ज किया।

Written By :  Snigdha Singh
Update:2024-06-04 19:20 IST

Lok Sabha Election Result 2024

Lok Sabha Election Result 2024: लोकसभा चुनाव का परिणाम जनता के सामने आ गया है। लोगों ने बड़ी सूझ-बूझ के साथ अपने-अपने क्षेत्र से प्रतिनिधियों को चुना है। इनमें कुछ ऐसे भी बड़े नेता हैं, जो लोगों के दिलों पर राज करते हैं। यह भी कह सकते हैं कि ऐसे राजनेता हो गए हैं कि चुनाव कहीं से भी लड़े जनता उन पर भरोसा करती हैं। उत्तर प्रदेश में कई ऐसे बड़े नेता हैं जो चुनाव भले ही कहीं से लड़े हो लेकिन जनता ने उनको ही अपना नायक चुना है। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर लल्लू सिंह तक शामिल हैं। आज हम आपको बताते हैं कि ऐसे कौन से नेता हैं जिनको अब तक चुनाव में कभी किसी भी सीट पर शिकस्त नहीं मिली।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर सीट जीता चुनाव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 साल की उम्र में अहमदाबाद पहुंचे और उसी साल उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सदस्यता ली। मोदी को 1995 में भारतीय जनता पार्टी का राष्ट्रीय सचिव और पांच राज्यों का पार्टी प्रभारी बनाया गया। इसके बाद 1998 में उन्हें संगठन का महासचिव बनाया गया। इस पद पर अक्‍टूबर 2001 तक रहे। 2001 में केशुभाई पटेल को मुख्यमंत्री पद से हटाने के बाद मोदी को सीएम नियुक्त किया गया। मोदी ने अपना पहला चुनाव फरवरी 2002 में राजकोट द्वितीय निर्वाचन क्षेत्र से गुजरात विधान सभा के लिए उपचुनाव में लड़ा। बाद में उसी वर्ष 2002 के चुनावों में उन्होंने मणिनगर से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। 2007 और 2012 में मणिनगर से फिर से चुने गए। 2014 तक भारत के प्रधान मंत्री बनने तक इस निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। 2014 में, मोदी ने दो लोकसभा क्षेत्रों वाराणसी और वडोदरा से चुनाव लड़ा। इसके बाद 2019 के लोकसभा में भी प्रचंड जीत हासिल की। इस तरह से मोदी ने जहां जहां चुनाव लड़ा, वहां लोगों ने चुना।



अखिलेश यादव ने पिता की विरासत का इतिहास कायम रखा

अखिलेश यादव ने नेताजी की कुर्सी संभालकर अभी तक कभी न हारने का इतिहास रच दिया। अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद अखिलेश यादव 2000 में राजनीति में अपना कदम रखा। पहली बार 2000 में ही कन्नौज लोकसभा उपचुनाव में जीत दर्ज कर संसद भवन पहुंचे थे। इसके बाद 2004 और 2009 में भी जीत हासिल की। इसके बाद उन्होंने साल 2012 में उत्तर प्रदेश में हुए विधानसभा चुनावों में सक्रिय भूमिका निभाई थी और सपा ने उस वक्त अपने दम पर स्पष्ट बहुमत हासिल किया था। 2012 में अखिलेश यादव ने लोकसभा के सदस्य पद से इस्तीफा देकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। 2019 में उन्होंने आजमगढ़ से लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। 2022 में मैनपुरी के करहल विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था और भारी मतों से जीत हासिल की।



राजनाथ सिंह को जनता ने हर सीट से दिया समर्थन

प्रदेश की राजनीति हो या केंद्र की। राजनाथ सिंह हमेशा राजनेताओं की सूची में सबसे ऊपर रहते हैं। राजनाथ सिंह ने वर्ष 1974 में राजनीति में एंट्री मारी। 1977 में यूपी विधानसभा का चुनाव जीत विधायक चुने गये। 1991 में जब प्रदेश में पहली बार बीजेपी की सरकार बनी तो शिक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई। साल 1994 में वे राज्यसभा सांसद के रूप में चुने गए। 22 नवंबर 1999 को उन्हें केन्द्रीय मंत्री बनाया गया अक्टूबर 2000 में वे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। 2001 में हैदरगढ़ विधानसभा से उप-चुनाव जीतकर विधायक बने और 2002 में फिर से हैदरगढ़ से विधायक चुने गये। 2002 में तीसरी बार राज्य सभा से सदस्य बने और 24 मई 2002 को कृषि मंत्री बनाये गये। जनवरी 2004 में उन्हें खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार मिला। राजनाथ सिंह वर्ष 2009 में लोकसभा चुनाव में गाजियाबाद से सांसद चुने गये। इस दौरान राजनाथ सिंह दो बार (2005 से 2009 और 2013 से 2014 तक) भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष भी रहे। 26 मई 2014 को केन्द्रीय गृह मंत्री के रुप में शपथ ली। बाद में साल 2019 को उन्हें रक्षा मंत्री बनाया गया। इस तरह से राजनाथ सिंह को देश की जनता ने हर सीट से चुनकर जीत दिलाई।



हेमा मालिनी ने लगातार जीते तीन चुनाव

बॉलीवुड अभिनेत्री हेमा मालिनी ने 1999 में राजनीति में कदम रखा। फरवरी 2004 में, हेमा मालिनी आधिकारिक तौर पर भाजपा में शामिल हो गईं। 2003 से 2009 तक देश के ऊपरी सदन राज्यसभा में सांसद के रूप में कार्य किया। 2014 लोकसभा चुनाव में हेमा मालिनी को टिकट मिला। हेमा मालिनी ने मथुरा के मौजूदा सांसद, जयंत चौधरी को 3,30,743 वोटों से हराया था। लोकसभा चुनाव 2019 में हेमा मालिनी को जहां 6.71 लाख वोट मिले थे, वहीं, कुंवर नरेंद्र को 3.77 लाख मतों से संतोष करना पड़ा था। कांग्रेस के महेश पाठक को इस सीट पर 28, 804 मत मिले थे। 2024 में तीसरी बार भी भारी मतों से विजयी हुईं।



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