Lok Sabha Elections 2024: बीजेपी के लिए आसान नहीं है यूपी में 'मिशन 80', सामने हैं ये बड़ी चुनौतियां

Lok Sabha Elections 2024: बीजेपी नेताओं को पता है कि सिर्फ राम के भरोसे ही उत्तर प्रदेश में मिशन 80 पूरा नहीं किया जा सकता है। समाजवादी पार्टी व कांग्रेस गठबंधन और पेपर लीक का मुद्दा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मिशन 80 पर पानी फेर सकता है, इसीलिए बीजेपी के दिग्गज नेता लोकसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले ही चुनावी मोड में आ गये हैं।

Written By :  Hariom Dwivedi
Update:2024-03-06 08:22 IST

BJP Lok Sabha Elections 2024  (PHOTO: social media )

Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 में यूपी की सभी 80 सीटों पर कमल खिलाना बीजेपी के लिए इतना आसान नहीं होगा। 2019 में सपा-बसपा गठबंधन के चलते बीजेपी को 15 सीटों पर पराजय का सामना करना पड़ा था। इस बार भी सामने सपा और कांग्रेस का गठबंधन है जिसने सियासी जमीन पर भाजपा को असहज किया है। पेपर लीक का मुद्दा भी बीजेपी के गले की फांस बन सकता है। इसका भान बीजेपी आलाकमान को भी है, इसीलिए पार्टी अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के बाद भी इत्मीनान में नजर नहीं आ रही है। पार्टी नेताओं को पता है कि सिर्फ राम के भरोसे ही बीजेपी का मिशन 80 पूरा नहीं किया जा सकता है। पीएम से लेकर बीजेपी के केंद्रीय पदाधिकारियों का पूरा फोकस यूपी में कमल खिलाने पर है।

उत्तर प्रदेश में पुलिस भर्ती परीक्षा से लेकर तमाम परीक्षाओं के पेपर लीक होना भी पार्टी नेताओं को असहज कर रहा है। प्रदेश की करीब 53 फीसदी युवा आबादी परीक्षाओं में लगातार पेपर लीक होने से काफी खफा है। इनमें से बड़ी संख्या में युवा इसे योगी सरकार की नाकामी के तौर पर देख रहे हैं। हालांकि, योगी सरकार ने युवाओं को आश्वासन दिया है कि जिन परीक्षाओं के पेपर्स लीक हुए हैं, अगले छह महीने के भीतर उनको कराया जाएगा। साथ ही दोषियों पर कठिन कार्रवाई की जाएगी, बावजूद अभ्यर्थी गुस्से में हैं। ऐसे में इसका असर आगामी लोकसभा चुनाव में पड़ा तो बीजेपी को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है। फिलहाल अभी वक्त है, देखना है कि योगी सरकार आम चुनाव से पहले युवाओं को मनाने में कितना कामयाब रहती है।

आसान नहीं होगा सपा के वोटबैंक में सेंधमारी

समाजवादी पार्टी के कोर वोटर्स में शुमार यादवों में सेंध लगाने के लिए बीजेपी मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव का यूपी दौरा शुरू हो चुका है। बीजेपी को लगता है कि एमपी के मुख्यमंत्री की मदद से वह सपा के पारम्मपरिक वोट बैंक को हासिल कर सकेगी। यही वजह है कि बीते दिनों लखनऊ में यादव महाकुंभ का आयोजन करना पड़ा। सीएम मोहन यादव ने इस आयोजन में शिरकत की और अखिलेश यादव का नाम लिये बिना उन पर कटाक्ष किया। कहा कि यादव समाज को कोई भी ठेकेदार नहीं है, समाज की अपनी पहचान है। इतना ही नहीं उन्होंने सैफई परिवार पर यादवों के शोषण का आरोप भी लगाया।

यूपी में चुनावी माहौल गरमाएंगे पीएम मोदी

भारतीय जनता पार्टी वैसे तो हर वक्त चुनावी मोड में रहती है लेकिन बात आम चुनाव की हो तो दिग्गज पूरी दम झोंक देते हैं। लोकसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिन के यूपी दौरे पर रहेंगे। 9 मार्च को वह वाराणसी जाएंगे। 10 मार्च को आजमगढ़ में महाराजा सुहेलदेव राज्य विश्विद्यालय के लोकार्पण कार्यक्रम में शामिल होंगे। इसके अलावा मुख्यमंत्री सहित बीजेपी के दिग्गज नेता चुनावी मोड में आ गये हैं।

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