Loksabha Election 2024: सातवें चरण में हिमाचल की लड़ाई कांग्रेस के लिए अहम, BJP के सामने पिछला प्रदर्शन दोहराने की चुनौती

Election 2024: सभी सीटों पर भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़े मुकाबले की स्थिति दिख रही है। यदि पार्टी राज्य में अपनी ताकत दिखाने में कामयाब न हुई तो आने वाले दिनों में राज्य सरकार पर भी संकट है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update: 2024-05-27 08:32 GMT

Loksabha Election 2024 (Photo: Social media)

Loksabha Election 2024: हिमाचल प्रदेश के लोकसभा चुनाव में इस बार भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला दिख रहा है। छठे चरण के मतदान के बाद अब सातवें चरण में राज्य की चारों लोकसभा सीटों पर मतदान होना है। हिमाचल प्रदेश का लोकसभा चुनाव इंडिया गठबंधन की अगुवाई कर रही कांग्रेस के लिए राष्ट्रीय राजनीति के साथ सूबे की सियासत के लिए भी काफी अहम माना जा रहा है। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को राज्य में एक भी सीट नहीं मिली थी और इस बार पार्टी के सामने हिमाचल प्रदेश का सूखा खत्म करने की बड़ी चुनौती है।

दूसरी ओर भाजपा ने भी इस बार पिछले दो चुनावों का प्रदर्शन दोहराने के लिए पूरी ताकत लगा रखी है। कांग्रेस के हाथों पिछला विधानसभा चुनाव हारने के बाद अब भाजपा के लिए पिछले दो चुनाव जैसा प्रदर्शन दोहराना आसान नहीं माना जा रहा है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के गृह राज्य में पार्टी चारों सीटों पर जीत हासिल करने के लिए पूरी दमदारी के साथ जुटी हुई है।

विधानसभा उपचुनाव भी काफी महत्वपूर्ण

हिमाचल प्रदेश में लोकसभा चुनाव के साथ ही छह विधानसभा सीटों पर उपचुनाव भी हो रहे हैं। इन उपचुनावों के नतीजे भी राज्य में सुखविंदर सिंह सुक्खू की अगुवाई में सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार के लिए काफी अहम साबित होंगे। राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी की हार के बाद इन उपचुनावों के नतीजे राज्य में कांग्रेस सरकार की दशा और दिशा तय करेंगे।



हिमाचल प्रदेश में वैसे तो लोकसभा की महग चार सीटें हैं मगर संसद में संख्या बल के लिहाज से इस बार एक-एक सीट के नतीजे को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। हिमाचल प्रदेश में 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पूरी ताकत लगाने के बावजूद एक भी सीट हासिल नहीं कर सकी थी। हालांकि 2021 में मंडी सीट पर हुए उपचुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने जीत हासिल करके कांग्रेस की लाज बचाई थी।

मंडी सीट पर हो रहा दिलचस्प मुकाबला

मंडी लोकसभा सीट पर इस बार दिलचस्प मुकाबला हो रहा है और भाजपा ने इस बार इस लोकसभा सीट पर बॉलीवुड की चर्चित एक्ट्रेस कंगना रनौत को चुनाव मैदान में उतार कर कांग्रेस की सियासी राह मुश्किल कर दी है। कांग्रेस की ओर से राज्य के मंत्री और प्रतिभा सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह कंगना रनौत को चुनौती देने में जुटे हुए हैं। दोनों दलों के लिए मंडी लोकसभा सीट प्रतिष्ठा का सवाल बन गई है।



प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शुक्रवार को हिमाचल दौरे के समय मंडी में चुनावी सभा की थी और इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला था। वैसे विक्रमादित्य सिंह की भी इस इलाके में मजबूत पकड़ मानी जाती है और ऐसे में इस सीट पर दिलचस्प मुकाबले की उम्मीद जताई जा रही है।

बाकी तीन सीटों पर भी भाजपा की कड़ी चुनौती

कांगड़ा लोकसभा सीट पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा चुनाव मैदान में उतरे हैं जिन्हें भाजपा के राजीव भारद्वाज से कड़ी चुनौती मिल रही है। हमीरपुर लोकसभा सीट पर भाजपा ने केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर को चुनाव मैदान में उतारा है। वे पांचवीं बार जीत हासिल करने के लिए चुनाव मैदान में उतरे हैं और उन्हें कांग्रेस के पूर्व विधायक सतपाल रायजादा चुनौती दे रहे हैं। शिमला संसदीय सीट पर भाजपा सांसद सुरेश कश्यप का मुकाबला कांग्रेस विधायक विनोद सुल्तानपुरिया से हो रहा है। इस तरह सभी सीटों पर भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़े मुकाबले की स्थिति दिख रही है।



हिमाचल को इसलिए अहमियत दे रहा कांग्रेस नेतृत्व

कांग्रेस नेतृत्व की ओर से हिमाचल प्रदेश के लोकसभा चुनाव को काफी अहमियत दी जा रही है राज्यसभा चुनाव में पार्टी के छह विधायकों की बगावत से मिली हार के बाद यह अहमियत अनायास नहीं है। दरअसल पार्टी नेतृत्व को इस बात का एहसास है कि हिमाचल के चुनाव नतीजे बड़ा संदेश देने वाले साबित होंगे। यदि पार्टी राज्य में अपनी ताकत दिखाने में कामयाब न हुई तो आने वाले दिनों में राज्य सरकार पर भी संकट के बादल मंडरा सकते हैं।

सातवें चरण के मतदान से पहले अब कांग्रेस नेतृत्व की ओर से हिमाचल में पूरी ताकत लगाने की तैयारी है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे शनिवार को हिमाचल के दौरे पर पहुंचे थे। अब आने वाले दिनों में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी का दौरा भी प्रस्तावित है। वैसे कांग्रेस के लिए हिमाचल की चुनौतियां आसान साबित नहीं होगी क्योंकि भाजपा ने भी इस राज्य में पूरी ताकत लगा रखी है और पार्टी चुनाव प्रचार में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रही है। 

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