चुनाव की बातें: आन्ध्र में खूब चला नोट फॉर वोट
Lok Sabha Election: नोट फॉर वोट की प्रथा पहले सिर्फ गरीबी रेखा से नीचे के मतदाताओं तक ही सीमित थी, लेकिन अब इसका विस्तार मध्य और उच्च-मध्यम वर्गों तक हो गया है।
Lok Sabha Election: आन्ध्र प्रदेश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव अभियान में मतदाताओं को नकदी और अन्य चीजों से लुभाने का भी खूब प्रोग्राम चला। हालांकि चुनाव आयोग के पर्यवेक्षकों, जिला अधिकारियों, उड़नदस्तों और स्थानीय पुलिस ने चुनावी कदाचार को रोकने के लिए निगरानी बढ़ा रखी थी। सत्तारूढ़ वाईएसआरसी और त्रिपक्षीय गठबंधन के नेता और एजेंट मतदाताओं ने बांटने का काम किया और बदले में उनसे अपने उम्मीदवारों के पक्ष में मतदान करने का आग्रह किया। बताया जाता है कि लुभाने की राशि 1,000 रुपये से लेकर 10,000 रुपये तक रही और अन्य प्रलोभनों में साड़ी और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट जैसे महंगे उपहार भी शामिल रहे।
नोट फॉर वोट की प्रथा पहले सिर्फ गरीबी रेखा से नीचे के मतदाताओं तक ही सीमित थी, लेकिन अब इसका विस्तार मध्य और उच्च-मध्यम वर्गों तक हो गया है। लोग अब न सिर्फ सक्रिय रूप से रकम लेते हैं बल्कि मोलभाव भी करते हैं। वैसे, राज्य में वोट के बदले नकद का चलन हमेशा ही एक मुद्दा रहा है और बढ़ती महंगाई के साथ वोट की कीमत भी बढ़ गई है।
न्यूइंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पीथापुरम, मंगलगिरि, कुप्पम, पुलिवेंदुला, विजयवाड़ा सेंट्रल, मायलावरम, गुडीवाड़ा, उंडी, भीमावरम, गन्नावरम, दारसी, चिराला, नेल्लोर, कवाली, ओंगोल, काकीनाडा, एलुरु, हिंदूपुर, नगरी और तिरूपति जैसे प्रतिष्ठित विधानसभा क्षेत्रों में ‘वोट एजेंट’ किसी भी राशि की पेशकश करने को तैयार देखे गए।
वोट के बदले नोट की पेशकश
कहा जाता है कि विजयवाड़ा, गुंटूर, कडपा और अन्य लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में वोट के बदले नोट की पेशकश काफी ज्यादा रही। जहां कुछ जगहों पर मतदाताओं को उनके घरों पर सीधे नकदी बांटी गयी वहीं अन्य स्थानों पर चुनाव आयोग के पर्यवेक्षकों और पुलिस की निगरानी से बचने के लिए एजेंटों ने कूपन जारी किये। इन कूपनों को गांवों या कस्बों में ख़ास चिन्हित दुकानों में नकदी से एक्सचेंज किया जा सकता है।
जिन क्षेत्रों में बड़े दिग्गज चुनाव लड़ रहे हैं, वहां कथित तौर पर खर्च की जाने वाली राशि अब तक के उच्चतम स्तर को पार कर गई है। रिपोर्ट में एक लोकल व्यक्ति के हवाले से कहा गया है कि चूंकि पीथापुरम को जेएसपी प्रमुख पवन कल्याण के मैदान में होने के कारण एनडीए के लिए प्रतिष्ठित माना जा रहा है, इसलिए मतदाताओं को भारी रकम की पेशकश करके लुभाया जा रहा है क्योंकि चुनाव में वाईएसआरसी उम्मीदवार वंगा गीता की जीत की बेहतर संभावना है।
नकद वितरण में भेदभाव पर नाराजगी
विजयवाड़ा सेंट्रल खंड के सत्यनारायणपुरम में चर्चा रही कि एजेंट कुछ ख़ास लोगों को ही प्रति वोट 1,000 रुपये दे रहे थे। एक महिला ने स्वीकार किया कि उसे भी प्रति वोट 1,000 रुपये मिले, लेकिन उसने नकद वितरण में भेदभाव पर नाराजगी जाहिर की। उसने शिकायत की कि विजयवाड़ा पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र में पड़ने वाले वन टाउन में तीन - तीन हजार रुपये दिए गए थे।
बताया जाता है कि जग्गैयापेट में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में चुनाव एजेंटों द्वारा चिन्हित घरों का दौरा 1,000 रुपये देने के साथ शुरू हुआ। सूत्रों ने बताया कि हालांकि, कुछ लोगों ने सौदेबाजी की और प्रति वोट 1,500 रुपये लिए।