MP में कांग्रेस की करारी हार के बाद घमासान, निशाने पर कमलनाथ और जीतू पटवारी, प्रदेश अध्यक्ष पर इस्तीफे का दबाव

Lok Sabha Result 2024: कांग्रेस नेताओं के निशाने पर मुख्य रूप से पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी हैं। पटवारी से इस्तीफे की मांग भी शुरू हो गई है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2024-06-08 13:56 IST

Kamal Nath, Jitu Patwari (photo: social media) 

Lok Sabha Result 2024: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के बाद लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस को भाजपा के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा है। इस बार के लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश में कांग्रेस का खाता तक नहीं खुल सका। हालत यह हो गई की पार्टी पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का गढ़ माने जाने वाले छिंदवाड़ा में भी अपनी ताकत नहीं दिखा पाई।

प्रदेश में कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो जाने के बाद पार्टी में घमासान छिड़या नजर आ रहा है। पार्टी की करारी हार को लेकर सवाल उठने लगे हैं। कुछ नेता दबी जुबान अपनी बात रख रहे हैं तो कुछ नेताओं ने खुलकर बयान देना शुरू कर दिया है। कांग्रेस नेताओं के निशाने पर मुख्य रूप से पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी हैं। पटवारी से इस्तीफे की मांग भी शुरू हो गई है।

कांग्रेस के खराब प्रदर्शन की समीक्षा की मांग

दरअसल इस बार के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद खराब रहा है। पिछले लोकसभा चुनाव में पार्टी छिंदवाड़ा की सीट बचाने में कामयाब हुई थी मगर इस बार के चुनाव में कांग्रेस का यह दुर्ग भी ढह गया है। छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी विवेक बंटी साहू ने कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ को हराकर कांग्रेस का आखिरी दुर्ग भी ध्वस्त कर दिया है।

मध्य प्रदेश में कांग्रेस के इस खराब प्रदर्शन के बाद पूर्व नेता प्रतिपक्ष और चुरहट से विधायक अजय सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर निशाना साधा है। एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि पार्टी की इस करारी हार के लिए वे नेता जिम्मेदार हैं जिन्होंने पार्टी को हाईजैक कर लिया। कमलनाथ पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन की समीक्षा की जानी चाहिए।

नेताओं ने पार्टी को हाईजैक कर लिया

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के बेटे अजय सिंह ने कमलनाथ का नाम लिए बिना कहा कि लोकसभा चुनाव से पूर्व कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री के भाजपा में जाने की खबरें भी उड़ी थीं। राज्य में एक-दो नेताओं ने पार्टी को धीरे-धीरे हाईजैक कर लिया है। 2018 में मध्य प्रदेश में हमारी निर्वाचित सरकार बनी थी मगर यह सरकार 15 महीने भी नहीं चल सकी। उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बीजेपी में शामिल हो रहे थे और इसे लेकर पार्टी के कार्यकर्ता ऊहापोह की स्थिति में फंसे हुए थे।

पूर्व मुख्यमंत्री ने पहले कहा कि वह कांग्रेस से जा रहे हैं और फिर बयान दिया कि नहीं वह पार्टी में ही बने रहेंगे। इसका पार्टी कार्यकर्ताओं के उत्साह पर काफी बड़ा असर पड़ा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को इस बात की समीक्षा करनी चाहिए कि क्यों चुनाव से पहले इतनी बड़ी संख्या में पार्टी नेताओं ने पार्टी से किनारा कर लिया।

जीतू पटवारी से इस्तीफे की मांग

लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के इस्तीफे की मांग भी शुरू हो गई है। पार्टी के एक वर्ग की ओर से कहा जा रहा है कि उन्हें हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना दे देना चाहिए। हालांकि पार्टी के कुछ नेता इसे गलत बता रहे हैं। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने जीतू पटवारी से इस्तीफे की मांग को अनुचित बताया है।

उन्होंने कहा कि सबको यह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि लोकसभा चुनाव से कुछ समय पहले ही पटवारी को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इतने कम समय में वे क्या कमाल दिखा सकते थे। इसके साथ ही केंद्रीय एजेंसियों के दबाव और लालच के चलते काफी संख्या में पार्टी नेताओं ने पार्टी से किनारा कर लिया।

सियासी जानकारों का मानना है कि आने वाले दिनों में मध्य प्रदेश कांग्रेस में खींचतान और तेज होने की आशंका है। वैसे चुनाव नतीजे को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पूरी तरह चुप्पी साथ रखी है। छिंदवाड़ा में उनके बेटे नकुलनाथ हार को पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।

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