तीन बार शरद पवार की बेटी को चुना, अब बहू को दें मौका, बारामती के मतदाताओं से अजित पवार की अपील

Lok Sabha Election 2024: एनसीपी में शरद पवार के खिलाफ बगावत करने वाले अजित पवार ने इस लोकसभा क्षेत्र से अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार को चुनाव मैदान में उतारा है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2024-04-10 13:40 IST

सुनेत्रा पवार  और सुप्रिया सुले (फोटो: सोशल मीडिया )

Lok Sabha Election 2024: महाराष्ट्र के चर्चित बारामती लोकसभा क्षेत्र में ननद और भाभी के बीच मुकाबला तय हो गया है। एनसीपी के शरद पवार गुट ने महाराष्ट्र में अपने नौ उम्मीदवारों की सूची जारी की है जिसमें शरद पवार की बेटी और बारामती से मौजूदा लोकसभा सांसद सुप्रिया सुले का भी नाम शामिल है। पार्टी की ओर से उन्हें एक बार फिर बारामती लोकसभा क्षेत्र से ही चुनावी अखाड़े में उतारा गया है।

महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम और एनसीपी में शरद पवार के खिलाफ बगावत करने वाले अजित पवार ने इस लोकसभा क्षेत्र से अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार को चुनाव मैदान में उतारा है। उन्होंने बारामती के मतदाताओं से भावुक अपील भी की है। इस अपील में उन्होंने कहा है कि आपने तीन बार बेटी को चुनाव में जीत दिलाकर संसद भेजा, अब एक बार बहू को भी चुनकर संसद भेजिए। सियासी जानकारों का मानना है कि पवार कुनबे का गढ़ मानी जाने वाली बारामती सीट पर अब दिलचस्प मुकाबले की बिसात बिछ गई है।

शरद पवार गुट ने जारी की नौ प्रत्याशियों की सूची

शरद पवार गुट की ओर से जारी की गई प्रत्याशियों की सूची में बारामती से सुप्रिया सुले के अलावा आठ अन्य उम्मीदवारों के नाम भी शामिल हैं। शरद पवार गुट ने अमर काले को वर्धा, भास्कर भगरे को दिंडोरी, अमोल काल्हे काल्हे को शिरूर, निलेश लंके को अहमदनगर, बजरंग सोनवर्ण को बीड, सुरेश उर्फ बाल्या मामा म्हात्रे को भिवंडी, शशिकांत शिंदे को सतारा और श्रीराम पाटील को रावेर लोकसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया है। बारामती लोकसभा क्षेत्र को लेकर लोगों की विशेष दिलचस्पी थी और इस क्षेत्र में शरद पवार ने एक बार फिर अपनी बेटी को उतार कर मुकाबला को दिलचस्प बना दिया है।

महाविकास अघाड़ी गठबंधन में हुए सीट बंटवारे में शरद पवार गुट को 10 सीटें मिली हैं। उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना को 21 सीटों पर उम्मीदवार उतारने का मौका मिलेगा जबकि कांग्रेस 17 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। 2019 के लोकसभा चुनाव में शरद पवार की पार्टी ने 19 सीटों पर चुनाव लड़ा था मगर अजित पवार की बगावत के बाद पार्टी की ताकत काफी घट गई है और उसे 10 सीटों पर संतोष करना पड़ा है।


पवार फैमिली का गढ़ रही है बारामती सीट

अगर बारामती लोकसभा सीट की बात की जाए तो इस सीट को पवार फैमिली का गढ़ यूं ही नहीं माना जाता। दरअसल शरद पवार खुद इस लोकसभा सीट से 6 बार चुनाव जीतकर सांसद बने। शरद पवार के राज्यसभा सदस्य बनने के बाद उनकी बेटी सुप्रिया सुले पिछले तीन चुनावों से लगातार इस सीट पर जीत हासिल करती रही हैं जबकि अजित पवार भी इस लोकसभा सीट का एक बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। यदि पिछले 27 वर्षों की बात की जाए तो लगातार इस सीट पर पवार फैमिली का प्रतिनिधि ही चुनाव जीतता रहा है।

इस बार भी बारामती लोकसभा क्षेत्र में पवार फैमिली का प्रतिनिधि ही चुनाव जीतेगा मगर इस बार पावर कुनबे में आपस में ही सियासी प्रभुत्व की जंग छिड़ गई है। शरद पवार के खिलाफ बागी तेवर दिखाने के बाद अब अजित पवार ने उनकी बेटी की सियासी सत्ता को भी चुनौती दे डाली है।

जानकारों का कहना है कि बारामती में शरद पवार अपने वजूद की लड़ाई लड़ रहे हैं और अगर यहां सुप्रिया सुले को हार का सामना करना पड़ा तो शरद पवार के साथ ही सुप्रिया सुले के सियासी भविष्य पर भी सवाल खड़ा हो जाएगा।


दोनों सियासी दिग्गजों ने लगाई ताकत

बारामती के रण क्षेत्र में जीत हासिल करने के लिए शरद पवार और अजित पवार दोनों सियासी दिग्गजों ने पूरी ताकत लगा रखी है। जहां एक ओर शरद पवार अपने पुराने प्रतिद्वंद्वियों से भी मुलाकात करने में जुटे हुए हैं तो वहीं दूसरी ओर अजित पवार भी अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार की चुनावी संभावनाओं को मजबूत बनाने के लिए इलाके का दौरा कर रहे हैं।

अजित पवार ने मंगलवार को बारामती में अपनी पत्नी के लिए चुनाव प्रचार किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि बासमती के लोगों ने शरद पवार की बेटी को तीन बार जीत दिलाकर संसद भेजा और अब उन्हें शरद पवार की बहू को भी जीत दिलानी चाहिए। दूसरी ओर शरद पवार भी इलाके में विभिन्न कार्यक्रमों को संबोधित करते हुए अपनी बेटी के लिए वोट मांग रहे हैं।


अबकी बार बेटी नहीं,बहू को जीत दिलाएं

डिप्टी सीएम अजित पवार ने मंगलवार को बारामती में पार्टी कार्यकर्ताओं के कार्यक्रम में कहा कि आप इतने लंबे समय से पवार फैमिली के साथ हैं मगर इस बार के लोकसभा चुनाव में क्या करना है,इस बारे में गहराई से मंथन करना होगा। आपके दिमाग में यह सवाल चल रहा होगा कि ऐसी स्थिति में किसका समर्थन किया जाए तो आप जाएं और सीधे सुनेत्रा पवार को अपना वोट दें। सुनेत्रा पवार को वोट देने से पवार फैमिली को समर्थन देने की परंपरा भी नहीं टूटेगी।

अजित पवार ने कहा कि 1991 में आप लोगों ने अपने बेटे यानी मुझे चुना था। फिर अपने पिता यानी शरद पवार साहब को जीत दिलाई और फिर पिछले तीन लोकसभा चुनावों से आप बेटी यानी सुप्रिया सुले को जीत दिला रहे हैं।

अब आप लोग जाएं और अपनी बहू सुनेत्रा पवार को जीत दिलाएं। सियासी जानकारों का मानना है कि महाराष्ट्र में सबसे दिलचस्प सियासी जंग बारामती में ही लड़ी जा रही है और इस सीट के चुनाव नतीजे से बड़ा संदेश निकलने वाला है।

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