Election 2024: कांग्रेस में विलय का बयान देकर घिर गए शरद पवार, सहयोगी भी खिलाफ, भाजपा ने बोला हमला

Election 2024: कांग्रेस में क्षेत्रीय दलों के विलय का बयान देने के बाद भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि शरद पवार के लिए अब पार्टी चलाना मुश्किल हो गया है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2024-05-09 16:26 IST

कांग्रेस में विलय का बयान देकर घिर गए शरद पवार, गठबंधन के सहयोगी भी खिलाफ, भाजपा ने बोला हमला: Photo- Social Media

Election 2024: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने चुनाव बाद के सियासी हालात को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि देश में हो रहे हैं लोकसभा चुनाव के बाद कई क्षेत्रीय दल कांग्रेस के करीब आएंगे और इनमें से कई क्षेत्रीय दल कांग्रेस में विलय भी कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि मैं अपनी पार्टी और कांग्रेस के बीच ज्यादा अंतर नहीं मानता। वैचारिक रूप से हम गांधी और नेहरू की ही लाइन को ही मानते हैं।

कांग्रेस में क्षेत्रीय दलों के विलय का बयान देने के बाद पवार भाजपा और अन्य दलों के निशाने पर आ गए हैं। भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि शरद पवार के लिए अब पार्टी चलाना मुश्किल हो गया है और इसलिए वे कांग्रेस में विलय का विकल्प चुन सकते हैं। इंडिया गठबंधन में शामिल दलों ने पवार की इस राय की आलोचना करते हुए कहा कि यह उनकी कमजोरी को दिखलाने वाला बयान है। मजे की बात यह है कि इंडिया गठबंधन में पवार के सहयोगी दलों ने भी उनके बयान का विरोध किया है। उन्होंने कहा है कि यह पवार की व्यक्तिगत राय हो सकती है मगर इसका सच्चाई से कोई लेना-देना नहीं है।

क्षेत्रीय दलों की भूमिका महत्वपूर्ण

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता डी राजा ने कहा कि देश की आजादी के बाद से ही भारत एक बहुदलीय लोकतंत्र बना हुआ है। इस देश में दोपक्षी प्रणाली नहीं है। देश में क्षेत्रीय दलों की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता और वे केंद्र सरकार की नीतियों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि मुझे इस बारे में जानकारी नहीं है। हो सकता है पवार को इस बारे में पता हो कि कौन से दल कांग्रेस में विलय करने वाले हैं।

आम आदमी पार्टी के पुलिस नेता संजय सिंह ने कहा कि यह शरद पवार का व्यक्तिगत आकलन हो सकता है। हो सकता है कि उनके पास ही संबंध में कोई जानकारी है मगर इस बयान में सच्चाई नहीं है।

शिवसेना के नेता संजय निरुपम: Photo- Social Media

शिंदे गुट ने पवार और उद्धव को घेरा

एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के नेता संजय निरुपम ने कहा कि इस बयान से पता चलता है कि अब पवार राजनीतिक रूप से काफी कमजोर हो गए हैं और वे बारामती लोकसभा सीट भी हारने जा रहे हैं। कई साल पहले भी उन्होंने अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय करने का प्रयास किया था मगर बेटी को लेकर बात अटक गई थी। लगता है कि वे अपनी बेटी को फिर स्थापित करने के लिए कांग्रेस में अपनी पार्टी का विलय करना चाहते हैं।

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पवार के बहाने पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि शिवसेना का उद्धव गुट आजकल कांग्रेस और पाकिस्तान की भाषा बोल रहा है। उद्धव गुट की कांग्रेस में विलय की बस औपचारिकता ही बाकी रह गई है।

पवार के लिए अब पार्टी चलाना मुश्किल

भाजपा के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि शरद पवार के बयान से यह बात साफ हो गई है कि उनके लिए पार्टी को चलाना काफी मुश्किल हो गया है। वे सियासी रूप से लगातार कमजोर होते जा रहे हैं।

इसलिए वे आने वाले दिनों में अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय करने का विकल्प चुन सकते हैं। उन्होंने कहा कि वैसे यह पवार के लिए नई बात नहीं है। उन्होंने अतीत में भी नई पार्टियां बनाईं और बाद में उन पार्टियों का कांग्रेस में विलय कर दिया था।

कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण: Photo- Social Media

इस बार के चुनाव में मुश्किलों में घिरे पवार

पवार ने एक अंग्रेजी अखबार को दिए गए इंटरव्यू में कहा था कि आने वाले दिनों में कुछ क्षेत्रीय दल कांग्रेस के साथ विकल्प का रास्ता अपना सकते हैं। उनका यह भी कहना था कि उनकी पार्टी वैचारिक रूप से कांग्रेस के काफी करीब है। वैसे कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने पवार के बयान पर सहमति जताई है। पवार का यह बयान इसलिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि इस बार महाराष्ट्र के लोकसभा चुनाव में पवार मुश्किलों में घिरे हुए हैं और उनके सियासी रूप से कमजोर होने की आशंका जताई जा रही है।

बारामती लोकसभा क्षेत्र को उनका गढ़ माना जाता रहा है मगर इस लोकसभा क्षेत्र में भी उनकी बेटी सुप्रिया सुले को अजित पवार ने चुनौती दे दी है। अजित पवार ने इस सीट पर अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार को मैदान में उतार दिया है। ऐसे में माना जा रहा है कि पवार अपना सियासी वजूद बचाने की अंतिम लड़ाई लड़ रहे हैं।

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