Lok Sabha Election: उद्धव के एकतरफा ऐलान से महाराष्ट्र में सियासी घमासान, कई सीटों को लेकर कांग्रेस ने जताई नाराजगी

Lok Sabha Election 2024: उद्धव गुट की ओर से राज्य की जिन लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित किए गए थे,उनमें से कई सीटों पर कांग्रेस की ओर से दावेदारी की जा रही थी।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2024-03-30 09:43 IST

Uddhav Thackeray (PHOTO: Social media ) 

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव बिल्कुल सिर पर आ जाने के बावजूद महाराष्ट्र के महाविकास अघाड़ी गठबंधन (MVA) में सीट बंटवारे को लेकर चल रही खींचतान खत्म नहीं हो सकी है। शिवसेना के उद्धव गुट की ओर से राज्य की 17 लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद गठबंधन में टकराव बढ़ गया है। उद्धव गुट की ओर से राज्य की जिन लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित किए गए थे,उनमें से कई सीटों पर कांग्रेस की ओर से दावेदारी की जा रही थी।

ऐसे में अब कांग्रेस राज्य की छह लोकसभा सीटों पर फ्रेंडली फाइट करना चाहती है। दूसरी ओर वंचित बहुजन अघाड़ी के नेता प्रकाश अंबेडकर ने भी आठ लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। जानकारों का मानना है कि आने वाले दिनों में एमवीए में शामिल दलों के बीच टकराव और बढ़ सकता है।

उद्धव गुट के ऐलान से कांग्रेस में नाराजगी

शिवसेना के उद्भव गुट की ओर से 16 उम्मीदवारों के ऐलान के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं में गुस्सा दिख रहा है। प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आरिफ नसीम खान का कहना है कि उद्धव गुट ने 16 सीटों पर प्रत्याशियों के नामों का एकतरफा ऐलान कर दिया है जिससे पार्टी कार्यकर्ताओं में नाराजगी दिख रही है।

उन्होंने कहा कि शुक्रवार को पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं की बैठक में फैसला लिया गया है कि हम राज्य की कुछ सीटों पर फ्रेंडली फाइट के लिए पार्टी हाईकमान से अनुमति मांगेंगे। मुंबई कांग्रेस की अध्यक्ष वर्षा गायकवाड़ ने भी उद्धव ठाकरे के कदम पर आपत्ति जताई है।

दरअसल राज्य की भिवंडी, सांगली, मुंबई दक्षिण मध्य और मुंबई उत्तर पश्चिम सीटों के अलावा कुछ अन्य सीटों को लेकर भी एमवीए में शामिल दलों के बीच सहमति नहीं बन सकी है। ऐसे में इन सीटों पर सहयोगी दलों के बीच ही भिड़ंत की आशंका पैदा हो गई है।

कांग्रेस ने की पुनर्विचार की अपील

उद्धव गुट की ओर से सांगली लोकसभा सीट पर अपने उम्मीदवार का ऐलान कर दिया गया है जबकि कांग्रेस की ओर से इस सीट पर दावेदारी की जा रही थी। कांग्रेस सांगली को अपनी परंपरागत लोकसभा सीट मानती रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने उद्धव ठाकरे से अपील की है कि वे सांगली समेत दो सीटों पर फिर से विचार करें।

पहले इस सीट पर कांग्रेस ने कई बार जीत हासिल की है। हालांकि 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस को भाजपा से हार का सामना करना पड़ा है। इस बार भी कांग्रेस ने इस सीट पर अपना दावा ठोका था मगर उद्धव ने उम्मीदवार उतार कर कांग्रेस की नाराजगी बढ़ा दी है।

संजय निरुपम का तीखा हमला

सांगली के अलावा मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट को लेकर भी उद्धव गुट और कांग्रेस के बीच टकराव बढ़ गया है। इस लोकसभा सीट पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संजय निरुपम चुनाव लड़ना चाहते हैं मगर उद्धव गुट ने इस लोकसभा सीट पर भी अपना उम्मीदवार उतार दिया है। उद्धव गुट के इस कदम के बाद संजय निरुपम ने तीखा हमला बोला है।

संजय निरुपम ने तो बागी तेवर दिखाते हुए पार्टी नेतृत्व को अल्टीमेटम तक दे डाला है। उन्होंने कहा कि मेरे पास विकल्पों की कमी नहीं है। मैं एक सप्ताह तक इंतजार करूंगा और इसके बाद आगे के कदम पर फैसला लूंगा।

राज्य की कुछ अन्य लोकसभा सीटों को लेकर भी कांग्रेस, उद्धव गुट और एनसीपी के शरद पवार गुट के बीच तनाव की स्थिति पैदा हो गई है। राज्य में सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन की ओर से सीट बंटवारे का ऐलान कर दिया गया है जबकि एमवीए में शामिल दलों के बीच अभी तक सहमति बनती नहीं दिख रही है।

उद्धव गुट ने प्रस्ताव को किया खारिज

इस बीच शिवसेना के उद्भव गुट के नेता संजय राउत ने दोस्ताना लड़ाई के कांग्रेस के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस एक मेच्योर पार्टी है और उसे इस तरह का फैसला नहीं लेना चाहिए। इससे मतदाताओं के बीच गलत संदेश जाएगा और विरोधियों को हमला करने का मौका मिल जाएगा। महाविकास अघाड़ी गठबंधन की ओर से 3 अप्रैल को प्रेस कांफ्रेंस बुलाई गई है और अब इस प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सबकी निगाहें लगी हुई हैं।

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