Loksabha Election 2024: सपा के अभेद्य किले को ढहाने रण में उतरे जयवीर, बढ़ी साइकिल की मुश्किलें

Loksabha Election 2024 Mainpuri Seats Details: मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद इस सीट पर 2022 में हुए उपचुनाव में डिंपल यादव ने भाजपा के रघुराज सिंह शाक्य को 2,88,461 वोट से हराकर जीत दर्ज की थी।

Written By :  Sandip Kumar Mishra
Written By :  Yogesh Mishra
Update:2024-04-10 16:30 IST

Loksabha Election 2024: सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की परंपरागत सीट रही मैनपुरी लोकसभा सीट पर अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव को शिकस्त देने के लिए भाजपा ने योगी सरकार के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह को चुनावी रण में उतारा है। जबकि बसपा ने गुलशन देव शाक्य को उम्मीदवार बनाया है। मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद इस सीट पर 2022 में हुए उपचुनाव में डिंपल यादव ने भाजपा के रघुराज सिंह शाक्य को 2,88,461 वोट से हराकर जीत दर्ज की थी। लेकिन उपचुनाव में सफलता मिलने के बाद भी सपा यहां निश्चिंत नहीं बैठी है। डिंपल यादव लगातार नुक्कड़ सभाओं, कार्यक्रमों के जरिए प्रचार में जुटी हैं।

अखिलेश यादव भी यहां के मुद्दों से लेकर कार्यक्रमों तक में उनकी नियमित भागीदारी रहती है। इनके अलावा पार्टी के दूसरे नेता भी यहां लगे हुए हैं। मैनपुरी लोकसभा सीट को सपा का गढ़ माना जाता है। बीते 10 चुनावों से सपा सबको शिकस्त देती आ रही है। ऐसे में इस सीट पर भाजपा ने मैनपुरी सदर विधानसभा क्षेत्र के ही विधायक जयवीर सिंह को उतारकर यहां के चुनाव को और दिलचस्प बना दिया है। मैनपुरी सदर विधानसभा क्षेत्र यादव और क्षत्रिय बाहुल्य सीट है। ऐसे में भाजपा को उम्मीद है कि जयवीर सिंह के जरिये ही मैनपुरी लोकसभा सीट को साधा जा सकता है। मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र का निर्वाचन संख्या 21 है। इसमें वर्तमान में 5 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। इस लोकसभा क्षेत्र का गठन मैनपुरी जिले के मैनपुरी सदर, भोगांव व किशनी और मैनपुरी जिले के करहल विधानसभा क्षेत्रों को मिलाकर किया गया है। फिलहाल इन 5 सीटों में से 2 पर भाजपा और 3 पर सपा के विधायक हैं। यह लोकसभा क्षेत्र 1952 में अस्तित्व में आया था। यहां कुल 17,23,236 मतदाता हैं। जिनमें से 7,89,084 पुरुष और 9,34,094 महिला मतदाता हैं। बता दें कि मैनपुरी लोकसभा सीट पर 2022 में हुए उपचुनाव में कुल 9,64,842 यानी 55.12 प्रतिशत मतदान हुआ था।


 यहां जानें भाजपा उम्मीदवार जयवीर सिंह के बारे में 


जयवीर सिंह मूल रूप से पड़ोसी जिले फिरोजाबाद के निवासी हैं। जयवीर सिंह ने अपने गांव ककहरा से ग्राम प्रधानी का चुनाव जीतकर राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी। बाद में वह कांग्रेस में शामिल हुए और 2002 में मैनपुरी की घिरोर विधानसभा सीट से विधायक बने। फिर 2008 में विधायक चुने गए। वह इस दौरान यूपी सरकार में मंत्री भी बनाए गए। जयवीर सिंह ने बाद में भाजपा का दामन थाम लिया। भाजपा ने उन्हें 2022 के विधानसभा चुनाव में मैनपुरी सदर सीट से उम्मीदवार बनाया। इस चुनाव में जयवीर सिंह ने सपा के राज कुमार उर्फ राजू यादव को 6,766 वोट से हराकर जीत दर्ज की, जिसके बाद योगी सरकार में पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री बनाए गए। बता दें कि जयवीर सिंह के साथ ही साथ उनके परिवार के सदस्य भी राजनीति में सक्रिय हैं। उनके बेटे अतुल प्रताप सिंह फिरोजाबाद जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष हैं। बहू अमृता सिंह ब्लॉक प्रमुख हैं। दूसरी बहू हर्षिता अभी फिरोजाबाद की जिला पंचायत अध्यक्ष हैं। परिवार व्यवसाय से जुड़ा है। कोल्ड स्टोरेज, पेट्रोल पंप, रिजार्ट और गाड़ियों का व्यापार है।

मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र का राजनीतिक इतिहास

आजादी के बाद देश में हुए पहली चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस के बादशाह गुप्त ने जीत दर्ज की थी। उस समय इस सीट का नाम मैनपुरी जिला पूर्व था। उसके बाद इस सीट का नाम मैनपुरी हो गया। फिर 1957 में इस सीट से प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के बंशी दास धनगर ने जीत हासिल की। लेकिन 1962 के चुनाव में कांग्रेस के बादशाह गुप्ता ने वापसी की। 1967 में कांग्रेस ने इस सीट पर प्रत्याशी बदल दिया। महाराज सिंह 1967 और 1971 में दो बार कांग्रेस के टिकट पर चुने गए। इमरजेंसी के बाद 1977 के चुनाव में भारतीय लोकदल के रघुनाथ सिंह वर्मा ने कांग्रेस के महाराज सिंह को हरा दिया। 1980 के चुनाव में रघुनाथ सिंह वर्मा जनता पार्टी (सेक्यूलर) के उम्मीदवार के तौर पर जीते। 1984 में कांग्रेस के टिकट पर बलराम सिंह यादव सांसद चुने गए। लेकिन 1989 में समाजवादी नेता और कवि उदय प्रताप सिंह जनता दल और 1991 में जनता पार्टी के टिकट पर जीत दर्ज की। बता दें कि 1991 से 1999 तक बीजेपी इस सीट पर दूसरे स्थान पर रही।

1992 में मैनपुरी लोकसभा सीट बना समाजवादी पार्टी का गढ़


मुलायम सिंह यादव ने 1992 में सपा बनाई और मैनपुरी लोकसभा सीट से 1996 के चुनाव में जीतकर लोकसभा पहुंचे। 1998 और 1999 के चुनाव में सपा के उम्मीदवार के तौर पर बलराम सिंह यादव यहां से जीत दर्ज की। 2004 के लोकसभा चुनाव में एक बार फिर मुलायम सिंह यादव जीते। हालांकि मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने इस सीट से इस्तीफा दे दिया। 2004 में कराए गए उपचुनाव में उनके भतीजे धर्मेंद्र यादव ने यहां से जीत हासिल की। 2009 और 2014 के लोकसभा चुनाव में एक बार फिर मुलायम सिंह यादव बतौर सपा उम्मीदवार यहां से चुने गए। 2014 में वह मैनपुरी के अलावा आजमगढ़ से भी जीते थे। बाद में उन्होंने मैनपुरी से इस्तीफा देकर उपचुनाव में यादव परिवार के तेज प्रताप यादव को मैदान में उतारा। तेज प्रताप यहां से सांसद बने। तेजप्रताप मुलायम सिंह के बड़े भाई रतन सिंह यादव के बेटे रणवीर सिंह यादव के बेटे हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में मुलायम सिंह यादव एक बार इस सीट से जीतकर लोकसभा पहुंचे थे।

मैनपुरी लोकसभा सीट पर जातीय समीकरण

मैनपुरी लोकसभा सीट पर अगर जातीय समीकरण की बात करें तो यहां पिछड़े वर्ग के मतदाताओं का वर्चस्व है। शाक्य और ठाकुर समाज के भी मतदाता यहां अच्छी तादाद में हैं। सबसे ज्यादा यादव मतदाता हैं। यादव मतदाताओं की संख्या यहां करीब 3,50,000 बताई जाती है। इसके अलावा एक अनुमान के मुताबिक यहां 1,50,000 ठाकुर मतदाता और 1,20,000 ब्राहमण मतदाता हैं। इसी तरह करीब 1,60,000 शाक्य और 1,40,000 जाटव मतदाता हैं। इसके अलावा 1,00,000 लोधी राजपूत मतदाता हैं। वैश्य और मुस्लिम मतदाता भी करीब 1,00,000 की संख्या में हैं। करीब 1,00,000 कुर्मी मतदाता भी हैं।

मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र से अब तक चुने गए सांसद

  • कांग्रेस से बादशाह गुप्ता 1952 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • प्रजा सोशलिस्ट पार्टी से बंसी दास धनगर 1957 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • कांग्रेस से बादशाह गुप्ता 1962 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • कांग्रेस से महाराज सिंह 1967 और 1971 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • जनता पार्टी से रघुनाथ सिंह वर्मा 1977 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • जनता पार्टी (सेक्युलर) से रघुनाथ सिंह वर्मा 1980 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • कांग्रेस से बलराम सिंह यादव 1984 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • जनता दल से उदय प्रताप सिंह 1989 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • जनता पार्टी से उदय प्रताप सिंह 1991 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • सपा से मुलायम सिंह यादव 1996 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • सपा से बलराम सिंह यादव 1998 और 1999 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • सपा से मुलायम सिंह यादव 2004 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • सपा से धर्मेन्द्र यादव 2004 में लोकसभा उपचुनाव में सांसद चुने गए।
  • सपा से मुलायम सिंह यादव 2009 और 2014 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • सपा से तेज प्रताप सिंह यादव 2014 में लोकसभा उपचुनाव में सांसद चुने गए।
  • सपा से मुलायम सिंह यादव 2019 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • सपा से डिंपल यादव 2019 में लोकसभा उपचुनाव में सांसद चुनी गईं।
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