क्या CM योगी से दूरी बरत रहे हैं सांसद बृजभूषण सिंह? PM मोदी को लेकर कह दी ये बात
Lok Sabha Election 2024: बेटे को टिकट मिलने के बाद पहली बार सांसद बृजभूषण सिंह ने खुल कर बात की है। पीएम मोदी और सीएम योगी को लेकर भी बड़े दावे किए हैं।
Lok Sabha Election 2024: उत्तर प्रदेश की सबसे चर्चित सीटों में शामिल कैसरगंज पर बीते कई दिनों से टिकट को लेकर मचा संग्राम थम चुका है। नामांकन के आखिरी समय में भाजपा ने यहां से सांसद बृजभूषण शरण सिंह के बेटे करण भूषण सिंह को चुनावी मैदान में उतारा। अब बृजभूषण शरण सिंह ने हाल ही में मीडिया चैनल को दिए एक इंटरव्यू में इशारों इशारों में ही में ही प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से दूरी बरतने की बात कह दी है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को अपना नेता स्वीकार किया, लेकिन मुख्यमंत्री योगी के सवाल पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।
सीएम योगी को लेकर दिया ये जवाब
बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने मीडिया कंपनी इंडिया टुडे को इंटरव्यू दिया, जिसमें उन्होंने ने पीएम मोदी से बात होने के सवाल पर कहा, देखिए पिछले एक साल में मेरी बात नहीं हुई। ना तो मैंने बात करने की कोशिश की और ना ही उन्होंने सामने से मुझे फोन किया। सांसद बृजभूषण ने आगे कहा कि हां, प्रधानमंत्री मोदी हमारे नेता हैं। इसके बाद जब पत्रकार ने यह पूछा कि क्या योगीजी भी आपके नेता हैं? उन्होंने जवाब देते हुए कहा सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी हमारे नेता हैं। अब बाकी जो सोचना है, सोच लीजिए। मुझे विवाद में मत फंसाइए।'
भाग्य से मुख्यमंत्री बने योगी आदित्यनाथ: बृजभूषण सिंह
सीएम योगी को लेकर बृजभूषण ने आगे कहा, 'उनका भाग्य था, इसलिए मुख्यमंत्री बन गए।' वहीं राज्य में ठाकुर पॉलिटिक्स को लेकर किए गए सवाल पर सांसद बृजभूषण ने जवाब देते हुए कहा, ना मैं ठाकुर नेता हूं और ना योगीजी ठाकुर नेता हैं। वह संत हैं। हम सबको साथ लेकर चलते हैं। भले विचारधारा अलग हो। हिंदु, मुस्लिम, सिख, ईसाई सबको साथ लेकर चलते हैं। हम हर चीज को वोट की नजर से नहीं देखते हैं। आज भी सैकड़ों की संख्या में मुस्लिम समाज के लोग मिलकर गए हैं।
बुलडोजर नीति का पहले भी कर चुके हैं विरोध
सांसद बृजभूषण शरण सिंह इससे पहले भी प्रदेश की बुलडोजर नीति का भी विरोध कर चुके हैं। बीते साल गोंडा में अवैध अतिक्रमण पर हुई बुलडोजर कार्रवाई के बाद सांसद बृज भूषण ने कहा था कि प्रदेश की इस नीति के तहत किसी के भी घर को अवैध निर्माण घोषित कर गिरा दिया जाता है, वह गलत नीति है। बुलडोजर नीति के आगे क्या न्याय प्रणाली का कोई महत्व रह जाता है? इस नीति में तर्क दिया जाता है कि वह मकान या भवन सरकारी जमीन, नजूल या फिर ग्राम सभा की जमीन पर बना हुआ है। लेकिन सवाल है कि पहले इसे क्यों नहीं रोका जाता?