Election 2024: सपा से इस्तीफा देकर नारद राय ने की अमित शाह से मुलाकात, जल्द होंगे भाजपा में शामिल
Election 2024: इस मुलाकात के बाद अब यह तय माना जा रहा है कि अमित शाह की बलिया में 29 मई को होने वाली जनसभा के दौरान नारद राय भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण करेंगे।
Election 2024: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और प्रदेश के पूर्व मंत्री नारद राय ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। नारद राय सोमवार को अपने समर्थकों के साथ बैठक की और इस दौरान समाजवादी पार्टी से नाता तोड़ने का ऐलान कर दिया। समर्थकों की इस बैठक के दौरान उन्होंने जयश्री राम का नारा भी लगाया। बाद में सोमवार की शाम नारद राय ने वाराणसी के होटल ताज में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की।
इस दौरान नारद राय के साथ सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के मुखिया ओमप्रकाश राजभर भी मौजूद थे।
इस मुलाकात के बाद अब यह तय माना जा रहा है कि अमित शाह की बलिया में 29 मई को होने वाली जनसभा के दौरान नारद राय भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण करेंगे। बलिया सदर सीट से दो बार विधायक रह चुके नारद राय का सपा से इस्तीफा पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। पूर्वांचल में बलिया समेत कई महत्वपूर्ण सीटों पर आखिरी चरण में एक जून को मतदान होना है और नारद राय के समर्थन से भाजपा को सियासी फायदा मिल सकता है।
सपा पर खुद को अपमानित करने का आरोप
प्रदेश के पूर्व मंत्री इस नारद राय को सपा के बड़े नेताओं में गिना जाता रहा है और वे अखिलेश यादव की सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं। पार्टी में अपनी उपेक्षा को लेकर वे इन दिनों सपा मुखिया अखिलेश यादव से नाराज चल रहे थे। सपा मुखिया अखिलेश यादव रविवार को बलिया में सभा करने के लिए पहुंचे थे मगर अपने संबोधन के दौरान उन्होंने मंच से नारद राय का नाम तक नहीं लिया था। इसके बाद नारद राय की नाराजगी और बढ़ गई थी।
सोमवार को उन्होंने अपने समर्थकों के साथ बलिया में बैठक की और इस बैठक के दौरान समाजवादी पार्टी से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि अखिलेश यादव के मंच पर मुझे अपमानित किया गया और अब मेरा समाजवादी पार्टी से कोई रिश्ता नहीं रह गया है। उन्होंने पार्टी के जिला अध्यक्ष और विधायक संग्राम सिंह पर अपने खिलाफ साजिश रचने का बड़ा आरोप भी लगाया। हालांकि इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सपा से मेरा लंबे समय से नाता रहा है और पार्टी छोड़ने का मुझे काफी दुख है।
सपा मुखिया अखिलेश यादव पर तीखा हमला
प्रदेश के पूर्व मंत्री नरेंद्र राय ने सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव को अपना राजनीतिक पिता बताया। उन्होंने कहा कि पिता के न रहने पर राजनीति और घर में कोई पूछने वाला नहीं रहता। मेरी भी सपा में ऐसी ही स्थिति हो गई थी। सपा मुखिया अखिलेश यादव पर तीखा हमला करते हुए उन्होंने कहा कि मौजूदा लोकसभा चुनाव के बाद अखिलेश यादव को भी कोई पूछने वाला नहीं रहेगा। उन्होंने खुद को समाजवादी नेता जनेश्वर मिश्रा का शिष्य और राजनारायण के आदर्शों पर चलने वाला राजनीतिज्ञ बताया।
उन्होंने कहा कि आज जयश्री राम बोलकर सपा में बने रहना संभव नहीं है। उन्होंने सपा मुखिया अखिलेश यादव और संगठन पर कई आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी में मेरी राजनीति को खत्म करने की साजिश रची जा रही थी और ऐसे में मेरे सामने पार्टी छोड़ने के अलावा कोई विकल्प बाकी नहीं रह गया था। उन्होंने कहा कि मैं सपा का झंडा लगाकर भाजपा की मदद नहीं कर सकता। मैं भाजपा का झंडा लगाकर भाजपा की मदद करूंगा। मैं जिस दिन भाजपा की सदस्यता ग्रहण करूंगा,उस दिन लोगों को मेरी ताकत का पता लग जाएगा।
नारद राय ने किया जयश्री राम का ऐलान
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात का जिक्र नारद राय ने अपने एक्स हैंडिल पर किया है। उन्होंने लिखा कि दुनिया में भारत का डंका बजाने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारत के गृह मंत्री, राजनीति के चाणक्य अमित शाह की समाज की अंतिम पंक्ति में बसे गरीब को मजबूत करने वाली सोच और राष्ट्रवादी विचारधारा को मजबूत करूंगा। जय जय श्री राम।
नारद राय बलिया सदर विधानसभा सीट से 2002 और 2012 में चुनाव जीत चुके हैं। 2007 के विधानसभा चुनाव में पार्टी से अनबन होने के बाद वे बसपा के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे थे मगर उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा ने उन्हें बलिया सदर सीट से चुनाव लड़ाया था मगर उन्हें भाजपा के दयाशंकर सिंह के सामने हार मिली थी।
भूमिहार समाज से ताल्लुक रखने वाले नारद राय की भूमिहार मतदाताओं पर मजबूत पकड़ मानी जाती है और उनके भाजपा में शामिल होने से पार्टी को सियासी फायदा होने की उम्मीद है।