Lok Sabha Election: आंध्र प्रदेश में NDA का सीट शेयरिंग फॉर्मूला तैयार, 17 सीटों पर TDP और 6 पर चुनाव लड़ेगी BJP

Lok Sabha Election 2024: आंध्र प्रदेश में भाजपा,टीडीपी और पवन कल्याण की पार्टी जनसेना के बीच सीट शेयरिंग के फॉमूले पर सहमति बन गई है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2024-03-12 09:13 IST

जेपी नड्डा से मिले चंद्रबाबू नायडू (फाइल फोटो)

Lok Sabha Election 2024: देश में जल्द होने वाले लोकसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी लगातार एनडीए के कुनबे को मजबूत बनाने की कोशिश में जुटी हुई है। इस बार के चुनाव में भाजपा का विशेष फोकस दक्षिण भारत पर है और इसी कड़ी में पार्टी ने आंध्र प्रदेश में तेलुगू देशम पार्टी (TDP) के साथ गठबंधन को अंतिम रूप दे दिया है। आंध्र प्रदेश में भाजपा,टीडीपी और पवन कल्याण की पार्टी जनसेना के बीच सीट शेयरिंग के फॉमूले पर सहमति बन गई है।

आंध्र प्रदेश में लोकसभा की 25 सीटें हैं और तय किए गए फॉर्मूले के तहत 17 लोकसभा सीटों पर टीडीपी, 6 पर भाजपा और दो सीटों पर जनसेना पार्टी अपने उम्मीदवार उतारेगी। लोकसभा चुनाव के साथ ही तीनों दलों ने विधानसभा चुनाव भी मिलकर लड़ने के फैसले पर मुहर लगा दी है।

विधानसभा चुनाव का भी फॉर्मूला तैयार

टीडीपी के साथ भाजपा के गठबंधन की चर्चा काफी दिनों से सुनी जा रही थी और इस सिलसिले में आंध्र के पूर्व मुख्यमंत्री और टीडीपी के मुखिया चंद्रबाबू नायडू की भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के साथ कई दौर की बातचीत हुई। दोनों दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर पेंच फंसा हुआ था और अब इस मुद्दे को सुलझा लिया गया है और दोनों दलों ने सीट बंटवारे पर मुहर लगा दी है।

टीडीपी, भाजपा और जनसेना पार्टी ने लोकसभा चुनाव के साथ ही विधानसभा चुनाव भी मिलकर लड़ने का फैसला किया है। आंध्र प्रदेश में जल्द होने वाले विधानसभा चुनाव के दौरान टीडीपी 144, भाजपा 10 और जनसेना पार्टी 21 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। आंध्र प्रदेश में हुए इस गठबंधन से अब जगनमोहन रेड्डी की अगुवाई वाली वाईएसआरसीपी और कांग्रेस को मजबूत चुनौती मिलने की संभावना है।

नायडू ने मांगा आंध्र के लोगों से समर्थन

टीडीपी के मुखिया चंद्रबाबू नायडू ने तीनों दलों के बीच चुनावी गठजोड़ होने और सीट शेयरिंग के फॉर्मूले की जानकारी दी। उन्होंने सोमवार को अमरावती में कहा कि भाजपा,टीडीपी और जनसेना पार्टी ने सीट शेयरिंग का जबर्दस्त फॉर्मूला तैयार कर लिया है। उन्होंने आंध्र प्रदेश के लोगों से विनम्र अपील की कि वे इस गठबंधन को अपना आशीर्वाद दें। नायडू ने कहा कि हमें ऐतिहासिक जनादेश मिलने की संभावना है और मैं आंध्र प्रदेश के लोगों की पुन: सेवा करने के लिए तत्पर हूं।

जानकार सूत्रों का कहना है कि इस गठबंधन के बाद अब एक बड़ी संयुक्त रैली का आयोजन किया जा सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चंद्रबाबू नायडू के साथ 17 मार्च को गुंटूर में एक बड़ी रैली को संबोधित कर सकते हैं। इस रैली के जरिए आंध्र प्रदेश में चुनाव अभियान की शुरुआत की जाएगी। हालांकि अभी तक इस बाबत कुछ भी आधिकारिक रूप से नहीं कहा गया है।

दक्षिण भारत पर भाजपा का विशेष फोकस

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बार भाजपा के 370 प्लस और एनडीए के 400 पार सीटें हासिल करने का नारा दे रखा है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए भाजपा की ओर से दक्षिण भारत पर विशेष रूप से फोकस किया जा रहा है। इसी कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल के दिनों में दक्षिण भारतीय राज्यों के कई दौरे किए हैं।

भाजपा की ओर से तमाम कोशिशों के बावजूद दक्षिण भारत में कर्नाटक को छोड़कर पार्टी को अभी तक ज्यादा कामयाबी नहीं मिल सकी है। पिछले चुनाव में कर्नाटक को छोड़कर पार्टी सिर्फ तेलंगाना में चार सीटें जीतने में कामयाब हो सकी थी। यदि दक्षिण भारत के पांच राज्यों की 127 सीटों की बात की जाए तो पार्टी को सिर्फ 29 सीटें मिली थीं जिनमें से अकेले कर्नाटक की 25 सीटें थीं।

टीडीपी भाजपा का पुराना सहयोगी दल

वैसे टीडीपी के साथ भाजपा का पहले भी गठबंधन रह चुका है। करीब छह साल पहले टीडीपी के मुखिया चंद्रबाबू नायडू ने एनडीए से दूरी बना ली थी। टीडीपी 1996 में पहली बार एनडीए में शामिल हुई थी भाजपा और टीडीपी ने 2014 का लोकसभा और विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ा था। हालांकि 2014 के चुनाव के बाद दोनों दलों के बीच मतभेद उभरने लगे थे।

दोनों दलों ने 2019 का लोकसभा और विधानसभा चुनाव अलग-अलग लड़ा था जिसमें जगन मोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआरसीपी ने दोनों दलों को करारी शिकस्त दी थी। अब दोनों दलों ने एक बार फिर मिलकर चुनाव मैदान में उतरने का फैसला किया है।

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