Lok Sabha Election: पप्पू यादव पूर्णिया सीट छोड़ने को तैयार नहीं, चार को करेंगे नामांकन, लालू यादव से फिर लगाई गुहार
Lok Sabha Election 2024: पिछले एक साल से पूर्णिया में लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटे पप्पू यादव आर-पार की लड़ाई लड़ने के मूड में दिख रहे हैं।
Lok Sabha Election 2024: बिहार में पूर्णिया लोकसभा सीट को लेकर छिड़ा घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। हाल में अपने दल जन अधिकार पार्टी का कांग्रेस में विलय करने वाले पप्पू यादव पूर्णिया लोकसभा सीट से अपनी दावेदारी वापस लेने को तैयार नहीं है। पिछले एक साल से पूर्णिया में लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटे पप्पू यादव आर-पार की लड़ाई लड़ने के मूड में दिख रहे हैं।
राजद की ओर से इस सीट पर बीमा भारती को चुनाव मैदान में उतारे जाने के बावजूद पप्पू यादव ने 4 अप्रैल को नामांकन का ऐलान कर दिया है। इसके साथ ही उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल के मुखिया लालू प्रसाद यादव से एक बार फिर गुहार लगाई है कि पूर्णिया लोकसभा सीट को लेकर वे अपने फैसले पर पुनर्विचार करें। पप्पू यादव ने रविवार को कांग्रेस की ओर से बुलाई गई बैठक में भी हिस्सा नहीं लिया था जबकि राजद उम्मीदवार बीमा भारती इस बैठक में पहुंची थीं।
चार अप्रैल को नामांकन का किया ऐलान
पूर्णिया लोकसभा सीट पर दूसरे चरण में 26 अप्रैल को मतदान होने वाला है। ऐसे में इस सीट पर चुनाव प्रचार के लिए अब काफी कम वक्त रह गया है। 4 अप्रैल को नामांकन की आखिरी तारीख है और पप्पू यादव ने उसी दिन इस सीट के लिए नामांकन करने का ऐलान किया है।
एक्स पर अपनी पोस्ट में उन्होंने लिखा कि देश भर में फैले पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र के साथी मेरे जन नामांकन में शामिल होना चाहते हैं। उनकी सुविधा के लिए पूर्णिया की महान जनता द्वारा प्रस्तावित नामांकन तिथि 2 अप्रैल की जगह 4 अप्रैल हो गया है। आप सब इसमें शामिल हों, आशीष दें!’
पप्पू यादव ने पहले 2 अप्रैल को नामांकन करने का ऐलान किया था जबकि राजद उम्मीदवार बीमा भारती 3 अप्रैल को नामांकन करने वाली हैं। अब पप्पू यादव ने अपना नामांकन टालकर 4 अप्रैल को कर दिया है।
राजद ने बीमा भारती को मैदान में उतारा
कांग्रेस नेता पप्पू यादव ने अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय करने से पूर्व पटना में राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से मुलाकात भी की थी। इस मुलाकात के दौरान उन्होंने पूर्णिया सीट से चुनाव लड़ने की बात कही थी मगर उन्हें लालू यादव की ओर से कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला था।
बाद में विपक्षी महागठबंधन में हुए सीट बंटवारे में पूर्णिया सीट राजद के खाते में गई है और लालू यादव ने इस सीट से बीमा भारती को चुनाव मैदान में उतारने का ऐलान कर दिया। जदयू के टिकट पर विधानसभा का चुनाव जीतने वाली बीमा भारती ने हाल में राजद की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। वे 3 अप्रैल को इस लोकसभा सीट से अपना नामांकन दाखिल करने वाली हैं।
लालू यादव से पुनर्विचार की पप्पू की अपील
इस बीच पप्पू यादव ने पूर्णिया लोकसभा सीट को लेकर लालू यादव से एक बार फिर अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की है। पप्पू यादव ने अपनी पोस्ट में लिखा है कि इंडिया गठबंधन के बड़े भाई राजद के प्रमुख आदरणीय श्री लालू जी से आग्रह है कि वे गठबंधन हित में पूर्णिया सीट पर पुनर्विचार करें और यह सीट कांग्रेस के लिए छोड़ दें। हालांकि उनकी इस अपील पर लालू यादव का फैसला बदलना काफी मुश्किल माना जा रहा है।
कांग्रेस की बैठक में नहीं पहुंचे पप्पू यादव
पूर्णिया लोकसभा सीट पर अपनी दावेदारी पेश करने के बाद पप्पू यादव लगातार यह बात करते रहे हैं कि दुनिया छोड़ देंगे मगर पूर्णिया को नहीं छोड़ेंगे। वे लगातार कांग्रेस के बैनर तले पूर्णिया से ही चुनाव लड़ने की बात कह रहे हैं। अभी हाल में उन्होंने कहा था कि सीमांचल कोसी जीतकर देश में कांग्रेस सरकार बनाएंगे, पूर्णिया में कांग्रेस का झंडा लहराएंगे, राहुल गांधी जी को प्रधानमंत्री बनाएंगे।
वैसे जिला कांग्रेस कमेटी की ओर से रविवार को बैठक का आयोजन किया गया था। इस बैठक में हिस्सा लेने के लिए पप्पू यादव नहीं पहुंचे थे जबकि राजद उम्मीदवार बीमा भारती ने इस बैठक में हिस्सा लिया था।
कांग्रेस के स्थानीय नेताओं का कहना है कि वे गठबंधन धर्म का पालन करते हुए बीमा भारती को पूरा समर्थन देंगे और उन्हें जिताने की पूरी कोशिश करेंगे।
राजद उम्मीदवार को समर्थन का भरोसा
कांग्रेस के जिला अध्यक्ष छोटू सिंह का कहना है कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि पप्पू यादव इस लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि वे महागठबंधन में शामिल राजद की उम्मीदवार बीमा भारती को जिताने की कोशिश करेंगे। दूसरी ओर बीमा भारती ने एक बार फिर पप्पू यादव को अपना गार्जियन बताते हुए उनके साथ अपने पारिवारिक रिश्तों की दुहाई दी है।
राजद उम्मीदवार का कहना है कि पप्पू यादव मेरे लिए परिवार जैसे हैं और मुझे पूरी उम्मीद है कि मुझे उनका आशीर्वाद और समर्थन हासिल होगा। वैसे पप्पू यादव इस लोकसभा सीट पर अपनी दावेदारी छोड़ने के लिए तैयार नहीं है और इस सीट को लेकर खींचतान लगातार बढ़ती जा रही है। अब सबकी निगाहें कांग्रेस नेतृत्व और पप्पू यादव के अगले फैसले पर टिकी हुई हैं।