Election 2024: बठिंडा में BJP प्रत्याशी की राह में पंजाब सरकार ने फंसाया पेंच, IAS परमपाल को नोटिस पीरियड में छूट से इनकार

Lok Sabha Election 2024: पंजाब सरकार की ओर से परमपाल को नोटिस जारी करके उन्हें दोबारा नौकरी पर आने को कहा गया है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update: 2024-05-08 06:40 GMT

IAS Parampal kaur, Punjab CM Bhagwant Mann (PHOTO: SOCIAL MEDIA ) 

Lok Sabha Election 2024: पंजाब के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने इस बार बठिंडा सीट से आईएएस अफसर परमपाल कौर को चुनाव मैदान में उतारा है। हालांकि पंजाब सरकार ने परमपाल कौर के चुनाव लड़ने की राह में बड़ा पेंच फंसा दिया है। लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए परमपाल कौर ने आईएएस से इस्तीफा देते हुए तीन महीने की नोटिस अवधि की शर्त माफ करने का अनुरोध किया था मगर पंजाब सरकार ने उनका यह अनुरोध ठुकरा दिया है।

पंजाब सरकार की ओर से परमपाल को नोटिस जारी करके उन्हें दोबारा नौकरी पर आने को कहा गया है। पंजाब सरकार की ओर से उन पर सेवानिवृत्ति के लिए झूठे कारण बताने का आरोप भी लगाया गया है। पंजाब सरकार के इस कदम के बाद बठिंडा सीट से परमपाल का चुनाव लड़ना मुश्किल माना जा रहा है। परमपाल कौर शिरोमणि अकाली दल के नेता सिकंदर सिंह मलूका की बहू हैं।

चुनाव लड़ने की राह में फंसा पेंच

आईएएस अफसर परमपाल कौर करीब पिछले करीब एक महीने से बठिंडा में चुनाव प्रचार में जुटी हुई हैं। इस लोकसभा सीट पर शिरोमणि अकाली दल ने पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल को चुनाव मैदान में उतारा है जबकि आम आदमी पार्टी की ओर से कैबिनेट मंत्री गुरमीत खुड्डियां चुनाव मैदान में उतरे हैं। भाजपा की ओर से परमपाल कौर को चुनाव मैदान में उतारे जाने से बठिंडा में दिलचस्प मुकाबले की उम्मीद जताई जा रही थी मगर अब पंजाब सरकार ने उनके चुनाव लड़ने में बड़ा पेंच फंसा दिया है।

आईएएस परमपाल ने पंजाब सरकार व भारत सरकार को अपनी मां का स्वास्थ्य ठीक न होने का कारण बताते हुए वीआरएस लेने के लिए तीन महीने के नोटिस पीरियड को माफ करने के संबंध में 7 अप्रैल को पत्र लिखा था। भारत सरकार की ओर से 10 अप्रैल को पंजाब को पत्र लिखा गया था कि ऑल इंडिया रूल्स 1958 के नियम 3 के तहत सेवानिवृत्ति के लिए तीन महीने के नोटिस पीरियड को माफ किया जाता है।


परमपाल को कार्यभार संभालने का निर्देश

दूसरी ओर राज्य सरकार का कहना है कि नोटिस की अवधि में छूट केवल राज्य सरकार ही दे सकती है और वह भी ऐसी स्थिति में जब वह लिखित रूप में दर्ज कारणों से पूरी तरह संतुष्ट हो। पंजाब सरकार ने परमपाल कौर का स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का अनुरोध ठुकरा दिया है और उनसे तुरंत कार्यभार संभालने को कहा है।

पंजाब सरकार ने अपने पत्र में कहा है कि राज्य में IAS के लिए 231 पद हैं, लेकिन वर्तमान में केवल 192 अधिकारी ही कार्यरत हैं। इस वजह से कई अधिकारियों को कई प्रभार सौंपे गए हैं। इस कारण राज्य सरकार ने अभी तक नियम 16(2) के तहत आवश्यक तीन महीने की नोटिस अवधि को माफ नहीं किया है और वीआरएस को स्वीकार करने के बारे में कोई आदेश भी जारी नहीं किया है। राज्य सरकार की ओर से यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि परमपाल को सेवानिवृत्ति या सेवा से मुक्त नहीं माना जा सकता।


झूठे कारण बताने का आरोप

पंजाब सरकार के कार्मिक विभाग की ओर से परमपाल कौर को भेजे गए पत्र में सेवानिवृत्ति के लिए झूठे कारण बताने का बड़ा आरोप भी लगाया गया है। पत्र में कहा गया है कि आपने कहा कि आपकी मां 81 वर्ष की हैं और उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है। आपके पिता और आपके छोटे भाई दोनों की कुछ वर्ष पहले मृत्यु हो गई है।

आपने अपनी मां की देखभाल करने के लिए सेवानिवृत्ति की आवश्यकता जताई है,लेकिन पिछले कई दिनों से आप राजनीतिक गतिविधियों में लगी हुई है। इससे साबित होता है कि आपने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए जो आधार बताए हैं, वे पूरी तरह गलत हैं।

पंजाब में लोकसभा चुनाव के लिए सातवें और आखिरी चरण में एक जून को मतदान होने वाला है। इसके लिए नामांकन की आखिरी तारीख 14 मई है। अब पंजाब सरकार की ओर से पेंच फंसाए जाने के बाद यह देखने वाली बात होगी कि भाजपा नेतृत्व की ओर से बठिंडा लोकसभा सीट को लेकर क्या फैसला किया जाता है।



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