UP Lok Sabha Election: सात साल बाद संयुक्त सभा करेंगे राहुल और अखिलेश,अमरोहा में दानिश के प्रति नाराजगी खत्म करने की कोशिश

UP Lok Sabha Election: माना जा रहा है कि दोनों नेता दानिश के प्रति क्षेत्र के लोगों की नाराजगी दूर करने की कोशिश करेंगे। इसके साथ ही मुस्लिम-दलित समीकरण भी साधने का प्रयास किया जाएगा।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2024-04-20 09:30 IST

Akhilesh yadav and Rahul Gandhi (photo: social media) 

UP Lok Sabha Election: 2017 के विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव पहली बार आज संयुक्त जनसभा करेंगे। सात साल बाद दोनों नेताओं की यह जनसभा आज अमरोहा में होगी। सपा-कांग्रेस गठबंधन में अमरोहा की सीट कांग्रेस के खाते में गई है और पार्टी ने इस सीट पर सांसद दानिश अली को चुनाव मैदान में उतारा है।

दानिश अली को उम्मीदवार बनाए जाने के बाद उन पर क्षेत्र से कटे रहने का आरोप लगाया जा रहा है और इसे लेकर लोगों में नाराजगी दिख रही है। माना जा रहा है कि दोनों नेता दानिश के प्रति क्षेत्र के लोगों की नाराजगी दूर करने की कोशिश करेंगे। इसके साथ ही मुस्लिम-दलित समीकरण भी साधने का प्रयास किया जाएगा। अमरोहा में मुस्लिम और दलित मतदाता चुनाव नतीजे का फैसला करने में निर्णायक भूमिका निभाते हैं।

दानिश के प्रति लोगों में दिख रही नाराजगी

अमरोहा में 2019 के लोकसभा चुनाव में कुंवर दानिश अली ने बसपा के टिकट पर जीत हासिल की थी। कांग्रेस से बढ़ती नजदीकियों के बाद बसपा मुखिया मायावती ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया था। अब वे कांग्रेस के टिकट पर अमरोहा से एक बार फिर चुनाव मैदान में उतरे हैं। दानिश की उम्मीदवारी की घोषणा के बाद उन्हें लगातार अमरोहा में स्थानीय लोगों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है।

इलाके के लोगों का आरोप है कि पिछले पांच वर्षों के दौरान दानिश अली क्षेत्र में कभी सक्रिय नहीं दिखे। इसके साथ ही उन पर विकास कार्यों की अनदेखी का बड़ा आरोप भी लगाया जा रहा है। अमरोहा में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या काफी ज्यादा है मगर मुस्लिम मतदाता भी दानिश अली का विरोध कर रहे हैं। मुसलमानों की नाराजगी दानिश अली के लिए बड़ी मुसीबत बन गई है और माना जा रहा है कि राहुल और अखिलेश इस नाराजगी को दूर करने की कोशिश करेंगे।

मुस्लिम-दलित समीकरण साधने का प्रयास

अमरोहा में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा 28.5 फ़ीसदी है और ऐसे में मुस्लिम मतदाताओं का रुख काफी महत्वपूर्ण है। दलित मतदाता करीब 20 फ़ीसदी और जाट मतदाता करीब 14 फ़ीसदी हैं। इस तरह अमरोहा लोकसभा क्षेत्र में मुस्लिम और दलित मतदाता चुनाव नतीजे का फैसला करने में बड़ी भूमिका निभाते रहे हैं। माना जा रहा है कि अखिलेश और राहुल मुस्लिम-दलित समीकरण को साधने का प्रयास करेंगे।

भाजपा ने एक बार फिर कंवर सिंह तंवर को चुनाव मैदान में उतारा है जिन्हें पिछले लोकसभा चुनाव में दानिश अली के मुकाबले हार का सामना करना पड़ा था। बसपा ने मुजाहिद हुसैन को चुनाव मैदान में उतार कर दानिश अली की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। बसपा के इस कदम से मुस्लिम मतों के बंटवारे का बड़ा खतरा पैदा हो गया है।

बिधूड़ी की टिप्पणी के बाद हुआ था हंगामा

पिछले साल लोकसभा में भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी ने दानिश अली के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी जिसे लेकर काफी हंगामा हुआ था। भाजपा नेताओं ने भी इस टिप्पणी पर नाराजगी जताई थी। बाद में लोकसभा के स्पीकर के निर्देश पर बिधूड़ी की टिप्पणी को संसद की कार्यवाही से हटा दिया गया था।

इस प्रकरण के बाद कांग्रेस के साथ दानिश अली की नजदीकी बढ़ गई थी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ दानिश की मुलाकात के बाद बसपा मुखिया मायावती काफी नाराज हुई थीं और बाद में उन्होंने दानिश को पार्टी से निष्कासित कर दिया था। अब वे कांग्रेस के टिकट पर अपनी ताकत दिखाने की कोशिश में जुटे हुए हैं।

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