Lok Sabha Election: अमेठी से चुनाव लड़ सकते हैं राहुल गांधी, वायनाड में वोटिंग के बाद होगा फैसला

Lok Sabha Election 2024: अमेठी से राहुल गांधी की उम्मीदवारी के संबंध में आधिकारिक ऐलान वायनाड में दूसरे चरण के मतदान यानी 26 अप्रैल के बाद ही किए जाने की संभावना है।

Report :  Anshuman Tiwari
Update:2024-04-07 09:57 IST

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (सोशल मीडिया)

Lok Sabha Election: कांग्रेस ने अभी तक उत्तर प्रदेश की दो महत्वपूर्ण लोकसभा सीटों अमेठी और रायबरेली पर अपने पत्ते नहीं खोले हैं। लोकसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही इन दोनों सीटों पर क्रमशः राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के चुनाव लड़ने को लेकर सियासी अटकलें लगाई जाती रही हैं। लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की ओर से कई सूचियां जारी की जा चुकी हैं मगर पार्टी ने अभी तक इन दोनों महत्वपूर्ण सीटों पर चुप्पी साध रखी है। अब कांग्रेस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राहुल गांधी अमेठी लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ सकते हैं।

हालांकि अमेठी से राहुल गांधी की उम्मीदवारी के संबंध में आधिकारिक ऐलान वायनाड में दूसरे चरण के मतदान यानी 26 अप्रैल के बाद ही किए जाने की संभावना है। अमेठी में पांचवें चरण में 20 मई को मतदान होना है और इसके लिए नामांकन की प्रक्रिया 26 अप्रैल से शुरू होने वाली है। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि वायनाड की वोटिंग के बाद राहुल गांधी अमेठी से अपना नामांकन दाखिल कर सकते हैं।

26 अप्रैल के बाद हो सकता है बड़ा फैसला

लोकसभा चुनाव के प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही अमेठी और रायबरेली में कांग्रेस उम्मीदवारों को लेकर अटकलों का दौर शुरू हो गया था। इन दोनों सीटों को गांधी परिवार का गढ़ माना जाता रहा है। हालांकि अमेठी लोकसभा सीट पर 2019 के लोकसभा चुनाव में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने राहुल को हराकर कांग्रेस को बड़ा झटका दिया था। 2014 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ने स्मृति को हराया था मगर इस स्मृति ईरानी ने 2019 में राहुल को पटखनी देकर बदला चुका लिया था।

भाजपा की ओर से पहली सूची में ही अमेठी से स्मृति ईरानी के नाम का ऐलान किया जा चुका है। इसके बाद से ही वे लगातार कांग्रेस को अपना उम्मीदवार घोषित करने की चुनौती देती रही है। इसके जरिए वे राहुल गांधी को घेरने की कोशिश में भी जुटी हुई हैं।

कांग्रेस की ओर से अभी तक अमेठी में अपना उम्मीदवार न घोषित करने पर सवाल भी खड़े किए जा रहे हैं मगर कांग्रेस ने अमेठी को लेकर अलग रणनीति बना रखी है। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि 26 अप्रैल को वायनाड में दूसरे चरण का मतदान खत्म होने के बाद राहुल की अमेठी से उम्मीदवारी का ऐलान किया जा सकता है।

अमेठी से राहुल का चुनाव लड़ना क्यों जरूरी

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय और पार्टी के दूसरे अन्य बड़े नेता अमेठी से राहुल गांधी के ही चुनाव लड़ने की बात कहते रहे हैं। यह भी कहा जा रहा है कि अमेठी से राहुल गांधी को उतारना कांग्रेस के लिए जरूरी भी है और मजबूरी भी। अगर राहुल गांधी ने अमेठी को छोड़ने का फैसला लिया तो इससे उत्तर प्रदेश के साथ ही अन्य राज्यों में भी नकारात्मक संदेश जाएगा।

इसके साथ ही भाजपा को हमला करने का बड़ा मौका भी मिल जाएगा। भाजपा नेता अभी से ही यह बात कहने लगे हैं कि अमेठी में हार के डर से राहुल गांधी के नाम का ऐलान नहीं किया जा रहा है। यदि कांग्रेस ने किसी दूसरे उम्मीदवार के नाम का ऐलान किया तो भाजपा और हमलावर हो जाएगी। भाजपा नेता यह कहकर हमलावर हो जाएंगे की हार के डर से राहुल गांधी भाग खड़े हुए।

भाजपा इसके जरिए उत्तर प्रदेश में अपनी सियासी स्थिति को और मजबूत बना सकती है। ऐसे में माना जा रहा है कि कांग्रेस की ओर से अमेठी के रण क्षेत्र में राहुल गांधी के नाम का ही ऐलान किया जाएगा।

प्रियंका गांधी को भी लड़ाने के संकेत

अमेठी के साथ ही रायबरेली लोकसभा सीट पर भी सबकी निगाहें लगी हुई हैं। प्रदेश कांग्रेस के नेताओं के साथ ही जमीनी कार्यकर्ताओं ने भी शीर्ष नेतृत्व के पास यहां से प्रियंका गांधी को चुनाव मैदान में उतारने का संदेश भेजा है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि रायबरेली से अभी तक सोनिया गांधी सांसद थीं और उनके चुनावी राजनीति से अलग होने के बाद अब प्रियंका गांधी को इस चुनाव क्षेत्र से मैदान में उतारा जाना चाहिए।

हालांकि अमेठी के साथ ही रायबरेली के मुद्दे पर भी कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने चुप्पी साध रखी है। प्रियंका गांधी ने भी अभी तक इस बाबत कोई बयान नहीं दिया है। कांग्रेस नेताओं से मिल रहे संकेतों के अनुसार प्रियंका गांधी का भी रायबरेली से चुनाव लड़ने का पुख्ता इरादा है और इस बाबत भी दूसरे चरण के मतदान के बाद बड़ा ऐलान किया जा सकता है।

अमेठी और रायबरेली सीटों पर मतदान पांचवें चरण में 20 मई को होगा। इसके लिए नामांकन की प्रक्रिया 26 अप्रैल से 3 मई तक चलेगी। नामांकन पत्रों की जांच 4 मई को होगी और 6 मई तक नाम वापस लिए जा सकते हैं। ऐसे में गांधी परिवार के पास फैसला लेने के लिए अभी वक्त बचा हुआ है। 

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