Loksabh Election 2024: क्या अमेठी में स्मृति ईरानी के खिलाफ रॉबर्ट वाड्रा लड़ेंगे चुनाव? मिले ये संकेत
Amethi News: रॉबर्ट वाड्रा ने अमेठी से भाजपा सांसद स्मृति ईरानी पर करारा हमला बोलते हुए कहा कि अमेठी की जनता अब समझ गई है, उन्हे लगता है कि 2019 में उन्होंने बड़ी गलती कर दी है।
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण के मतदान से पहले उत्तर प्रदेश की सियासत तब और गरमा गई, जब कांग्रेस का गढ़ रही अमेठी सीट को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा ने बयान दिया। उन्होंने कहा कि "अमेठी की जनता चाहती है, कि वह वहां से लोकसभा चुनाव लड़ें।" बता दें कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। प्रदेश की 80 सीटों में से कांग्रेस को कुल 17 सीटें गठबंधन के तहत मिली हैं। इसमें रायबरेली और अमेठी सीट पर भी शामिल है।
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजस्थान से राज्यसभा चुने जाने बाद उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ने से मना कर दिया था। इसके बाद से कांग्रेस अभी गांधी परिवार का गढ़ रही रायबरेली और अमेठी से प्रत्याशी तय नहीं कर पाई है, इसे लेकर अभी संशय बना हुआ है। हालांकि इस बीच कांग्रेस महसचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा ने गुरुवार (04अप्रैल, 2024) को एक न्यूज एजेंसी को दिये बयान में अमेठी सीट को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अमेठी की जनता चाहती है कि वह यहां से लोकसभा चुनाव लड़ें। इसके आगे उन्होंने कहा कि "अमेठी के लोग चाहते हैं कि अगर मैं सियासत में पहला कदम रखूं और सांसद बनने की सोचता हूं तो अमेठी को ही अपना क्षेत्र बनाऊं।" यही नहीं, उन्होंने यह भी बताया कि साल 1999 में वह प्रियंका गांधी के साथ अमेठी आए थे और चुनाव प्रचार भी किया था।
रॉबर्ट वाड्रा ने स्मृति ईरानी पर बोला हमला
रॉबर्ट वाड्रा ने अमेठी से भाजपा सांसद स्मृति ईरानी पर करारा हमला बोलते हुए कहा कि अमेठी की जनता अब समझ गई है, उन्हे लगता है कि 2019 में उन्होंने बड़ी गलती कर दी है। उन्होंने कहा कि अमेठी सांसद से वहां के लोग परेशान है, क्योंकि वह अमेठी के लोगों के विकास के बारे में नहीं सोचती हैं। वह केवल कांग्रेस और गांधी परिवार पर सिर्फ बेबुनियाद आरोप लगाती रहती है। उन्होंने कहा कि इस बार के चुनाव में जनता उनकों आइना दिखाएगी। इसके साथ ही उन्होंने रायबरेली और सुलतानपुर भी नाम लिया है। उन्होंने कहा कि यहां से भी कांग्रेस ने बहुत मेहनत की है। अब यहां की जनता को लगता है कि गांधी परिवार से कोई सदस्य चुनाव लड़े तो उसे भारी बहुमत से जिताएं।
तेजी से घट रहा कांग्रेस का जनाधार
बता दें कि उत्तर प्रदेश में रायबरेली और अमेठी को कभी कांग्रेस का गढ़ माना जाता था, लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद से ही कांग्रेस अपनी सियासी जमीन खो रही है। इन लोकसभा सीटों पर कांग्रेस का जनाधार तेजी से घट रहा है। अमेठी सीट पर वर्ष 2004 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने रिकार्ड जीत दर्ज की थी। उस समय कांग्रेस के पक्ष में लगभग 76 फीसदी मतदान हुआ था। इसके बाद हुए 2009 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को 71 फीसदी वोट मिले थे, जबकि 2014 के चुनाव में कांग्रेस का मतदान प्रतिशत सिर्फ 46 फीसदी पर सिमट कर रहा गया था। वहीं, बीते लोकसभा चुनाव - 2019 में यह और घटकर 43 फीसदी पर पहुंच गया है। यहां कांग्रेस नेता राहुल गांधी को भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार स्मृति ईरानी ने हरा दिया था। इसके बाद से यह सीट भाजपा के कब्जे में है।
रायबरेली का भी बुरा हाल
वहीं, रायबरेली का भी बुरा हाल है। इस सीट पर वर्ष 2006 में हुए लोकसभा उपचुनाव में सोनिया गांधी ने रिकार्ड जीत दर्ज की थी, उस समय इनके पक्ष में लगभग 80 फीसदी मतदान हुआ था। इसके बाद हुए 2009 के लोकसभा चुनावों में उन्हें 72 फीसदी वोट मिले थे। 2014 के चुनाव में मतदान प्रतिशत 63 फीसदी पर पहुंच गया था और बीते लोकसभा चुनाव - 2019 में यह और घटकर 55 फीसदी पर सिमट कर रहा गया है। सोनिया गांधी ने राजस्थान से राज्यसभा के लिए चुनी गईं हैं। इसलिए इस बार वह लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी। ऐसे में अब इस सीट पर कांग्रेस के टिकट पर किसी नए चेहरे को लड़ाया जा सकता है।